संघ: पोरोफाइरा (Porifera), जिसे सामान्यतः स्पंज (Sponges) कहा जाता है, एक आद्य बहुकोशिकीय समुद्री जीवों का समूह है। इस संघ के अंतर्गत कई वर्ग आते हैं, जिनके शरीर में विभिन्न प्रकार की संरचनाएँ और कंकाल होते हैं। यहां चार मुख्य वर्गों का विवरण दिया गया है:
(a) वर्ग – कैल्केरिया (Class-Calcarea)
- विशेषता: इस वर्ग के जन्तुओं का अंतः कंकाल कैल्सियम कार्बोनेट से बना होता है, जिसमें कैल्केरियस कंटक (Calcareous spicules) होते हैं।
- उदाहरण:
- ल्यूकोसोलीनिया (Leucosolenia)
- साइकॉन (Sycon)
- ग्रैन्शिया (Grantia)
- ओलिन्थस (Olynthus)
(b) वर्ग – हेक्साक्टिनेलिडा (Class-Hexactinellida)
- विशेषता: इस वर्ग के जन्तुओं का शरीर छः रश्मियों (Rays) वाली सिलिकायुक्त कंटिकाओं (Silicious spicules) से बना होता है।
- उदाहरण:
- हायलोनीमा (Hylonema)
- यूप्लेक्डेला (Euplectella)
(c) वर्ग – डेस्मोस्यांजी (Class-Desmospongiae)
- विशेषता: इस वर्ग के जन्तुओं का शरीर स्पांजिन तन्तुओं (Spongin fibres) या सिलिकायुक्त कंटिकाओं या दोनों से बना होता है। इन कंटिकाओं में चार रश्मियों (4 rays) होती हैं।
- उदाहरण:
- स्पांजिला (Spongilla)
- यूस्पांजिया (Euspongia)
- स्पांजिआ (Spongia)
- ऑस्केरेला (Oscarella)
(d) वर्ग – स्क्लीरोस्पांजी (Class-Sclerospongiae)
- विशेषता: इस वर्ग के जन्तुओं का शरीर एक अक्षीय सिलिकायुक्त कंटिकाओं से बना होता है।
- उदाहरण:
- सिरेटोपोरेला (Ceratoporella)
यह सभी वर्ग पॉरोफाइरा संघ के सदस्य हैं और इनका शरीर एक असंवेदनशील, बहुकोशिकीय देहभित्ति से घिरा होता है, जो इनकी जीवितता और संरचनात्मक विविधता को प्रभावित करता है। इन जीवों में कंकाल संरचनाओं का अभाव होता है, लेकिन उनके कंकाल विभिन्न प्रकार की कंटिकाओं द्वारा बनाए जाते हैं, जो उनकी पहचान का मुख्य आधार होते हैं।