संघ कॉर्डेटा (Phylum Chordata): परिचय
संघ कॉर्डेटा के अंतर्गत कशेरुक दंडयुक्त अत्यधिक विकसित बहुकोशिकीय जीवों को सम्मिलित किया गया है। इन जन्तुओं में उनके जीवन-चक्र की किसी न किसी अवस्था में निम्नलिखित संरचनाएँ पाई जाती हैं:
- पृष्ठ तंत्रिका रज्जू (Dorsal tubular nerve cord): शरीर के पृष्ठ भाग में स्थित खोखली तंत्रिका रज्जू।
- नोटोकॉर्ड (Notocord): यह शरीर के पृष्ठ भाग में स्थित अर्ध-कठोर संरचना है।
- ग्रसनी क्लोम दरारें (Pharyngeal gill clefts): ग्रसनी क्षेत्र में दरारों के रूप में उपस्थित होती हैं।
संघ कॉर्डेटा के प्रमुख लक्षण:
1. प्राथमिक लक्षण:
(i) नोटोकॉर्ड का पाया जाना:
- जीवन चक्र के किसी चरण में नोटोकॉर्ड अवश्य उपस्थित होता है।
(ii) पृष्ठीय नलिकाकार तंत्रिका रज्जू: - यह खोखली और पृष्ठीय होती है।
(iii) ग्रसनी क्लोम दरारें: - श्वसन और पोषण में सहायक होती हैं।
2. अन्य लक्षण:
- त्रिस्तरीय शरीर संरचना (Triploblastic):
- शरीर तीन प्राथमिक ऊतक परतों (एंडोडर्म, मेसोडर्म, एक्टोडर्म) से बना होता है।
- कशेरुक दंड (Vertebral column):
- पृष्ठ तंत्रिका रज्जू के चारों ओर एक सतत कशेरुक दंड पाया जाता है।
- पेशीय हृदय (Muscular heart):
- हृदय पेरिकार्डियम नामक झिल्ली से घिरा होता है।
- बंद परिसंचरण तंत्र (Closed circulatory system):
- रक्त वाहिकाओं के माध्यम से परिसंचरण होता है।
- रुधिर में हीमोग्लोबिन:
- रुधिर लाल रंग का होता है, जो हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण है।
- पश्चगुदा पुच्छ (Post-anal tail):
- शरीर के अंतिम भाग में यह संरचना पाई जाती है।
- अंतः कंकाल (Endoskeleton):
- शरीर में अस्थियों और उपास्थियों से बना होता है।
- दो जोड़ी उपांग (Appendages):
- शरीर में केवल दो जोड़ी उपांग (हाथ-पैर जैसे) पाए जाते हैं।
संघ कॉर्डेटा की विशेषताएँ:
- यह समूह अत्यधिक विकसित जीवों का है, जिसमें अधिकांश कशेरुकी (Vertebrates) शामिल हैं।
- इनकी विशेषताएँ इन्हें अन्य सभी संघों से अलग करती हैं।
- इनकी संरचना और कार्य जटिल तथा उच्च स्तर के समन्वय को दर्शाते हैं।
निष्कर्ष:
संघ कॉर्डेटा के जन्तु उच्च संरचनात्मक विकास और कार्यात्मक क्षमताओं के कारण जैविक वर्गीकरण में विशेष स्थान रखते हैं।