वर्ग ज्ञात करने की कुछ विशेष विधियाँ
सूत्र एकन्यूनेन पूर्वेण
अंक 9 से बनी संख्याएँ जैसे 9, 99, 999 …..का वर्ग इस विधि द्वारा सरलता से कर सकते हैं।
992 ज्ञात कीजिए।
99 x 99 = 98 | 01 = 9801
1.उत्तर का बायां भाग ,99 का एकन्यून = 98
2. उत्तर का दायां भाग, 99 – 98 = 01
सूत्र एकन्यूनेन पूर्वेण के प्रयोग से हल कीजिए
- 9992
- 99992
- 9999992
सूत्र एकाधिकेन पूर्वेण
जिन संख्याओं की इकाई में 5 होता है उनका वर्ग इस विधि द्वारा सरलता से कर सकते हैं।
852 =85 x 85
72 | 25
852 = 7225
- उत्तर का बायां भाग
दहाई का अंक x दहाई के अंक का एकाधिक
=8 x9
= 72 - उत्तर का दायां भाग
=5×5
= 25
सूत्र एकाधिकेन पूर्वेण के प्रयोग से हल कीजिए-
252, 352, 452, 552
जितना कम है उतना कम कर, वर्ग करके मिला दें।
दी हुई संख्या आधार (10, 100, 1000 ….. आदि) से जितनी कम है उतना और कम करके वर्ग का बायां भाग प्राप्त करते हैं तथा दायां भाग प्राप्त करने के लिए दी हुई संख्या आधार से जितनी कम है उतने विचलन का वर्ग करते हैं।
संख्या2 = संख्या +/- विचलन | (+/- विचलन)2
7 और 97 तथा 989 का वर्ग ज्ञात कीजिए।
72=7-3|(-3)2
= 49
- 7 आधार संख्या 10 के पास है।
- आधार 10 से 7 का विचलन -3 है।
- उत्तर के बांये भाग में 7-3 =4 तथा दांये भाग में (-3)2 = 9
972 ज्ञात कीजिए।
972 = (97 -3) | (-3)2
= 9409
- 97, आधार संख्या 100 के निकट है।
- आधार से विचलन -3 है।
- वर्ग करने में दांये भाग में उतने ही अंक रखते हैं जितने आधार में शून्य होते हैं। अतः यहाँ (-3)2 = 9 होने पर दांये भाग में 09 रखा गया है।
9892 = 989 -11 (-11)2
=978 | 121
= 978121
- संख्या का आधार से विचलन -11 है।
- 989 का आधार 1000 है।
- संख्या 989 के आधार 1000 में तीन शून्य हैं अतः दायें भाग में तीन अंक रहेंगे अतः दायीं ओर 121 लिखेंगे।
उत्तर की जांच :
- (संख्या के बीजांक)2 का बीजांक = उत्तर में प्राप्त संख्या का बीजांक
- 1012 का बीजांक 4 अब 42 = 16 का बीजांक = 7
- प्राप्त उत्तर 1024144 का बीजांक = 7
दोनों बीजांक बराबर हैं अतः उत्तर सही है।
द्वन्द्वयोग की गणना विधि
एक अंक की संख्या का द्वन्द्वयोग
उस संख्या का वर्ग होता है। जैसे 2 का द्वन्द्वयोग = 22 =4
दो अंकों की संख्या का द्वन्द्वयोग
दोनों अंकों को गुणा कर दो गुना करने पर मिलता है। जैसे 13 का द्वन्द्वयोग = 2x (1 x 3) =6
तीन अंकों की संख्या का द्वन्द्वयोग
पहले और अंतिम अंक को गुणा कर दो गुना करने और उसमें बीच के अंक का वर्ग जोड़ने से प्राप्त होता है। जैसे 145 का द्वन्द्वयोग =2 x (1 x 5) +42=10+16 =26
चार अंकों की संख्या का द्वन्द्वयोग
पहले और चौथे के द्वन्द्वयोग में दूसरे और तीसरे अंक का द्वन्द्वयोग अर्थात उनके गुणा का दुगुना जोड़े।
जैसे 1346 का द्वन्द्वयोग = 2x (1 x 6) +2 x (3 x 4) =36
पांच अंकों की संख्या का द्वन्द्वयोग
- पहले और पांचवें अंक की संख्याओं का द्वन्द्वयोग।
- दूसरे और चौथे अंक की संख्याओं का द्वन्द्वयोग।
- तीसरे स्थान की संख्या का द्वन्द्वयोग अर्थात वर्ग।
द्वन्द्वयोग से वर्ग ज्ञात करना
- (क) जिस संख्या का वर्ग मालूम करना है उसमें दाहिनी ओर से एक-एक बढ़ती हुई और फिर एक- एक
घटती हुई संख्या में अंक लेकर समूह बनाते हैं। जैसे :
31 के अंक समूह = 3, 31, 1
465 के अंक समूह = 4, 46, 465, 65, 5
2346 के अंक समूह = 2, 23, 234, 2346, 346, 46, 6
