अभ्यास
पाठ से
प्रश्न 1. चंद्रशेखर आजाद के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर- चंद्रशेखर आजाद का जन्म मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाभरा नामक गाँव में हुआ था। चन्द्रशेखर की प्रारंभिक शिक्षा भाभरा में ही हुई। आगे की शिक्षा के लिए ये बनारस गए। वहाँ वे स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने लगे। चन्द्रशेखर आजाद एक क्रांतिकारी देशभक्त थे। उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। इस अमर शहीद को पुलिस जीते जी नहीं पकड़ सकी थी।
प्रश्न 2. क्रांतिकारियों ने 9 अगस्त, 1925 की रात क्या किया ?
उत्तर- क्रांतिकारियों ने 9 अगस्त, 1925 की रात को लखनऊ के निकट काकोरी में पहला धमाका किया। उन्होंने तत्कालीन 8 डाउन ट्रेन से जाता हुआ सरकारी खजाना लूट लिया।
प्रश्न 3. पुलिस को चकमा देने के लिए आजाद ने क्या किया ?
उत्तर- पुलिस को चकमा देने के लिए आजाद ने साहब बहादुर का देश बनाकर वहाँ से निकल गया।
प्रश्न 4. बुजुर्ग स्त्री के पूछे जाने पर आजाद ने अपना क्या अपराध बताया और आपकी नजर में क्या वह अपराध था ?
उत्तर- आजाद ने कहा ‘देशभक्ति’ में किसी भारतीय को रोटी, कपड़ा और मकान के लिए दर-दर भटकते नहीं देख सकता। अंग्रेजी शासन अब सहन नहीं होता। भारत माँ के पैरों में पड़ी बेड़ियों को तोड़ने का संकल्प लिया है मैंने। यह अपराध है मेरा। हमारी नजर में वह कोई अपराध नहीं था।
प्रश्न 5. मजिस्ट्रेट द्वारा पूछे जाने पर चन्द्रशेखर आजाद ने अपना क्या परिचय दिया?
उत्तर- चन्द्रशेखर आजाद ने मजिस्ट्रेट के द्वारा पूछने पर अपना परिचय इस प्रकार दिया-
नाम-आजाद
पिताजी का नाम स्वतंत्र निवास स्थान- जेलखाना।
प्रश्न 6, आजाद का अपराध जानने के बाद वृद्ध स्त्री के मन में आजाद के प्रति क्या भाव उत्पन्न हुए ?
उत्तर- आजाद का अपराध जानने के बाद वृद्ध स्त्री के मन में आजाद के प्रति सम्मान बढ़ गया। उन्होंने कहा कि “धन्य है तुम्हारा है संकल्प ! धन्य है वह माँ जिसने तुमको जन्म दिया। तुम्हारे दर्शन पाकर मैं धन्य हुई।”
पाठ से आगे
प्रश्न 1. अगर वह वृद्ध स्त्री चन्द्रशेखर आजाद के बारे में पुलिस को सूचना दे देती तो क्या होता ?
उत्तर- अगर बुढ़िया चन्द्रशेखर आजाद के बारे में पुलिस को सूचना दे देती तो पुलिस आती और चन्द्रशेखर आजाद के साथ युद्ध होता फिर चन्द्रशेखर आजाद चकमा देकर निकल जाते या फिर अपना बलिदान दे देते।
प्रश्न 2. यदि चन्द्रशेखर आजाद की जगह आप होते तो रुपयों से भरे ग्रीफकेस का क्या करते ?
उत्तर- यदि चन्द्रशेखर आजाद की जगह हम होते तो रुपयों से भरे ब्रीफकेस का उपयोग क्रान्तिकारियों की सहायता तथा अंग्रेजों से लड़ने के लिए करते क्योंकि ये रुपया जनता का था।
प्रश्न 3. ‘शाबाश! संस्कृत पढ़ती हो तभी तो आधे पेट रहती हो। आजाद द्वारा ऐसा कहे जाने के पीछे क्या कारण आपको लगते हैं ?
उत्तर- संस्कृत भारतीय भाषा है और उस समय भारत गुलाम था । यहाँ संस्कृत पढ़ने का तात्पर्य मातृ-भूमि, मातृ-भाषा के प्रेम को दर्शाता है। गुलाम देश में अपनी भाषा का सम्मान आधे पेट भोजन के समान या क्योंकि यहाँ अंग्रेजी भाषा का आधिपात्य हो चुका था। इसलिए आजाद ने ऐसा कहा। ।