पादप-जगत को संरचनात्मक जटिलता के आधार पर दो प्रमुख समूहों में बाँटा गया है:
- अपुष्पीय पौधे (Non-flowering plants):
- ये वे पौधे होते हैं जिनमें जीवन-चक्र के किसी भी चरण में पुष्प और फल उत्पन्न नहीं होते।
- इन्हें पुनः तीन प्रमुख प्रभागों में बाँटा गया है:
- थैलोफाइटा (Thallophyta): इस समूह के पौधे जैसे शैवाल (Algae) तथा कवक (Fungi) होते हैं, जिनका शरीर किसी विशेष रूप में विभक्त नहीं होता।
- ब्रायोफाइटा (Bryophyta): इनमें सबसे सरल, असंवहनी पौधे शामिल होते हैं, जैसे मॉस (Mosses) और लिवरवर्ट्स (Liverworts)।
- टेरिडोफाइटा (Pteridophyta): इन पौधों में संवहनी ऊतक होते हैं, जैसे फर्न (Ferns) और क्लब मॉस (Club Mosses)।
- पुष्पीय पौधे (Flowering plants):
- इन पौधों के जीवन में पुष्प और फल का निर्माण अनिवार्य रूप से होता है।
- इन्हें दो प्रमुख प्रभागों में बाँटा गया है:
- अनावृत्तबीजी (Gymnosperms): इनमें बीज नग्न होते हैं, जैसे साइकाड्स (Cycads) और शंकु (Conifers)।
- आवृत्तबीजी (Angiosperms): इन पौधों में बीज आवृत होते हैं, और ये पुष्प द्वारा प्रजनन करते हैं। ये पौधे वर्तमान समय में पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इन्हें दो वर्गों में बाँटा जाता है:
- द्विबीजपत्री (Dicotyledons): इनमें बीजपत्रों की संख्या दो होती है, जैसे गुलाब, मटर।
- एकबीजपत्री (Monocotyledons): इनमें केवल एक बीजपत्र होता है, जैसे चावल, घास।
यह वर्गीकरण पौधों की संरचनात्मक जटिलता, प्रजनन प्रणाली, और जीवन-चक्र के आधार पर किया गया है, जो उनके विभिन्न रूपों और प्रकारों को स्पष्ट करता है।