ट्रैकियोफाइटा (संवहनी पादप)

ट्रैकियोफाइट्स (Tracheophytes), जिन्हें संवहनी पादप भी कहा जाता है, पृथ्वी पर उपस्थित सर्वाधिक प्रभावी पादप हैं। इनकी लगभग 2,75,000 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। ट्रैकियोफाइट्स को संवहनी ऊतकों के माध्यम से जल और पोषक तत्वों का परिवहन करने की क्षमता होती है, जो इन्हें अन्य पादपों से भिन्न बनाता है।

सामान्य लक्षण (General Characteristics):

  1. स्पोरोफाइटिक पादपकाय: ट्रैकियोफाइट्स का पादपकाय स्पोरोफाइटिक होता है, जो पूर्ण विकसित एवं प्रभावी होता है। इनकी संरचना जड़, तना और पत्तियों में विभाजित होती है, जिससे इनमें श्रम विभाजन (division of labor) होता है। प्रत्येक अंग अपनी विशेष भूमिका निभाता है, जैसे जल और पोषक तत्वों का परिवहन (जड़), पोषक तत्वों का निर्माण (पत्तियाँ) और संरचना का समर्थन (तना)।
  2. संवहनी ऊतक (Vascular Tissues): इन पादपों में जाइलम (Xylem) और फ्लोयम (Phloem) नामक संवहनी ऊतक पाए जाते हैं, जो जल, खनिज पदार्थ और पोषक तत्वों का परिवहन करते हैं। जाइलम जल का परिवहन करता है, जबकि फ्लोयम पोषक तत्वों और शर्करा का परिवहन करता है।
  3. पर्यावरण के प्रति अनुकूलन: ट्रैकियोफाइट्स का स्पोरोफाइट पर्यावरण के विभिन्न परिस्थितियों के अनुरूप पूरी तरह अनुकूलित होता है, जिससे ये पृथ्वी पर विभिन्न वातावरणों में उगने के सक्षम होते हैं।

ट्रैकियोफायटा का वर्गीकरण (Classification of Tracheophyta):

ट्रैकियोफाइट्स को तीन प्रमुख उप-प्रभागों में विभाजित किया गया है:

  1. टेरिडोफाइटा (Pteridophyta): ये संवहनी पौधे होते हैं, लेकिन इनमें बीज का उत्पादन नहीं होता। इनमें ऐसपैरेजिया, फर्न, और हॉर्सटेल जैसी प्रजातियाँ शामिल हैं।
  2. जिम्नोस्पर्म (Gymnosperms): ये पादप बीजोत्पत्ति करते हैं, लेकिन इनके बीजों को कोई फलन आवरण (fruit cover) नहीं होता। उदाहरण स्वरूप, साइनोफाइटा, पाइन, और साइकाड्स जैसे पौधे आते हैं।
  3. ऍजियोस्पर्म (Angiosperms): इन पादपों में बीज पैदा होते हैं जो फल (Fruit) के भीतर रहते हैं। यह समूह सबसे विविध और प्रमुख पादप समूह है, जिसमें फूल और फल होते हैं। ये पौधे प्रजनन में फूलों का उपयोग करते हैं और बीजों को सुरक्षित रखने के लिए फल उत्पन्न करते हैं।

निष्कर्ष: ट्रैकियोफाइट्स पादपों के सबसे प्रभावी और विकसित समूह हैं, जो संवहनी ऊतकों (जाइलम और फ्लोयम) का उपयोग करते हुए पर्यावरण में जल और पोषक तत्वों का परिवहन करते हैं। इनकी संरचना में जड़, तना, और पत्तियाँ प्रमुख होती हैं, और यह विभिन्न उप-प्रभागों में वर्गीकृत होते हैं जैसे कि टेरिडोफाइटा, जिम्नोस्पर्म और ऍजियोस्पर्म।

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