जीवों का विकास कक्षा 10 वीं विज्ञान पाठ 1

जीवों का विकास कक्षा 10वीं पाठ 1

1. आवास का प्रभाव (Effect of Habitat)

परिभाषा:
किसी जीव के पर्यावरण या आवास का उसकी संरचना, व्यवहार और अनुवांशिक लक्षणों पर जो प्रभाव पड़ता है, उसे आवास का प्रभाव कहते हैं।

मुख्य बिंदु:

  • जीवों का शरीर उनके आवास के अनुसार ढलता है (जैसे – ऊंट का रेगिस्तान में रहना)।
  • तापमान, आर्द्रता, भोजन की उपलब्धता आदि विकास को प्रभावित करते हैं।
  • लंबे समय तक एक जैसे आवास में रहने से जीवों में अनुकूलन उत्पन्न होता है।

2. डार्विन के अनुभव (Darwin’s Observations)

चार्ल्स डार्विन ने HMS Beagle नामक जहाज से यात्रा के दौरान विशेष अनुभव प्राप्त किए, जिन पर आधारित होकर उन्होंने विकास का सिद्धांत प्रतिपादित किया।

मुख्य बिंदु:

  • गैलापागोस द्वीप समूह में पाये जाने वाले पक्षियों (फिंच) में चोंच के आकार-प्रकार में अंतर पाया गया, जो उनके भोजन पर निर्भर था।
  • उन्होंने देखा कि जीवों में विविधता पाई जाती है और यह प्रकृति के अनुसार चयनित होती है।
  • जीवों में जो लक्षण वातावरण के अनुसार उपयुक्त होते हैं, वही अगली पीढ़ियों तक जाते हैं।

3. चयन और विकास के सिद्धांत (Theory of Natural Selection and Evolution)

प्राकृतिक वरण (Natural Selection):

  • डार्विन ने बताया कि प्रकृति स्वयं जीवों का चयन करती है।
  • जो जीव पर्यावरण के अनुसार अनुकूल होते हैं, वही जीवित रहते हैं और प्रजनन करते हैं।

विकास का सिद्धांत (Theory of Evolution):

  • जीव समय के साथ परिवर्तित होते हैं।
  • नये लक्षण उत्पन्न होकर पीढ़ी-दर-पीढ़ी फैलते हैं और एक समय बाद नई प्रजाति बन जाती है।

4. अनुकूलन एवं प्रजातिकरण (Adaptation and Speciation)

अनुकूलन (Adaptation):

  • किसी जीव द्वारा वातावरण के अनुसार अपने शरीर और व्यवहार में किया गया परिवर्तन।
  • यह प्राकृतिक चयन के माध्यम से होता है।

प्रजातिकरण (Speciation):

  • जब एक ही जाति के जीव अलग-अलग वातावरण में लंबे समय तक रहते हैं और उनमें आनुवंशिक अंतर उत्पन्न हो जाता है, तो वे एक नई प्रजाति में बदल जाते हैं।
  • यह विकास की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।