जन्तुओं के वर्गीकरण (Classification of Animals)

जन्तुओं के वर्गीकरण (Classification of Animals) को तीन मुख्य उप-जगतों में विभाजित किया गया है:

जन्तुओं का वर्गीकरण (Classification of Animals)

जन्तुओं का वर्गीकरण जैविक विविधता को समझने का एक तरीका है। यह वर्गीकरण तीन मुख्य उप-जगतों में बांटा गया है, जो उनके शारीरिक संरचना और जैविक विशेषताओं के आधार पर विभाजित होते हैं:

1. मीसोजोआ (Mesozoa)

  • इस वर्ग में छोटे, सूक्ष्म जन्तु शामिल हैं जिन्हें सामान्यतः कक्षीय जन्तु (Ciliated animals) कहा जाता है।
  • इनका शरीर द्विस्तरीय (Diploblastic) संरचना से बना होता है, यानी इनका शरीर दो स्तरों (एक्टोडर्म और एंडोडर्म) से बना होता है।
  • ये जन्तु बहुत ही साधारण और प्राथमिक होते हैं, और विभिन्न जीवविज्ञानिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

2. पेराजोआ (Parazoa)

  • इस उप-जगत में सबसे प्रमुख संघ पोरोफेरा (Porifera) है, जिसे साधारण भाषा में स्पंज भी कहते हैं।
  • इन जन्तुओं के शरीर में ऊतक और अंगों का विकास नहीं होता है।
  • ये असममित (Asymmetrical) होते हैं, और इनका संगठन कोशिका स्तर (Cellular level) पर होता है।
  • पोरीफेरा की मुख्य विशेषता यह है कि उनका शरीर बिना विशेष अंगों के कार्य करता है और वे पानी से भोजन प्राप्त करते हैं।

3. यूमेटोजोआ (Eumetazoa)

  • इस वर्ग में वे सभी जन्तु आते हैं जिनके शरीर में ऊतक (Tissues) और अंग (Organs) का समुचित विकास होता है।
  • ये त्रिस्तरीय (Triploblastic) होते हैं, अर्थात इनके शरीर में तीन परतें (एक्टोडर्म, मेसोडर्म, और एंडोडर्म) होती हैं।
  • इस उप-जगत को आगे दो भागों में विभाजित किया गया है:(i) रेडियल सममिति (Radial Symmetry)
    • इसमें शरीर का भाग केंद्रीय अक्ष के चारों ओर समान रूप से व्यवस्थित होता है।
    • उदाहरण: सीलेन्ट्रेटा (Coelenterata) जैसे हाइड्रा और टीनोफोरा (Ctenophora)
    (ii) द्विपार्श्वीय सममिति (Bilateral Symmetry)
    • इनमें शरीर का दायां और बायां भाग समान होता है।
    • इन्हें शरीर गुहा (Coelom) की उपस्थिति के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है:
    • (a) एसीलोमेटा (Acoelomata):
      • इनमें शरीर गुहा नहीं होती।उदाहरण: प्लैटीहेल्मिंथीस (Platyhelminthes) जैसे फ्लैटवर्म्स।
      (b) छद्मसीलोमेटा (Pseudocoelomata):
      • इन जन्तुओं में छद्म-गुहा होती है।उदाहरण: नीमैटोडा (Nematoda) जैसे राउंडवर्म्स।
      (c) यूसिलोमेटा (Eucoelomata):
      • इन जन्तुओं में वास्तविक शरीर गुहा होती है।
      • यह समूह सबसे उन्नत है और इसमें विभिन्न संघ आते हैं, जैसे:
        • ऐनेलिडा (Annelida): जैसे सैगवार्म्स।
        • आर्थ्रोपोडा (Arthropoda): जैसे कीट, मकड़ी, क्रस्टेशियन।
        • मोलस्का (Mollusca): जैसे घोंघा, सीप, ऑक्टोपस।
        • इकाइनोडर्मेटा (Echinodermata): जैसे स्टारफिश, से सिड्रियन।
        • हेमिकॉर्डेटा (Hemichordata): जैसे हेमीकोर्डेट्स।
        • कॉर्डेटा (Chordata): सबसे उन्नत संघ जिसमें मछलियाँ, उभयचर, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारी शामिल हैं।

निष्कर्ष

यह वर्गीकरण जन्तुओं के जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है, और उनकी जैविक विविधताओं को संरचनात्मक और कार्यात्मक दृष्टिकोण से वर्गीकृत करता है। यूमेटोजोआ सबसे विकसित और विविध जन्तु समूह है, जिसमें ऊतक और अंगों का संरचित विकास पाया जाता है।