आवृतबीजी पादप (Angiosperms) का बिंदुवार वर्णन
परिचय
- पुष्प धारण करने वाले पादपों का समूह।
- बीज का विकास फल के अंदर होता है।
- सभी प्रकार के पर्यावरण में पाए जाते हैं।
- कुल प्रजातियाँ: लगभग 2,50,000।
- उदाहरण: आम, नींबू, टमाटर, गेहूँ, सरसों आदि।
सामान्य लक्षण (General Characteristics)
आवास और संरचना
- विविध आवास: प्राकृतिक पर्यावरण में सभी प्रकार के स्थानों पर पाए जाते हैं।
- संरचना: जड़, तना और पत्तियों में विभेदित पादपकाय।
- बीजाणुजनक (Sporophytic) पादपकाय:
- स्वतंत्र और प्रमुख अवस्था।
- स्वयंपोषी, लेकिन कुछ परजीवी, मृतोपजीवी, उपरिरोही और कीटभक्षी भी।
प्रजनन और पुष्प संरचना
- पुष्प चक्र: चार चक्रों में व्यवस्थित प्रजननांग:
- बाह्यदलपुंज (Calyx)।
- दलपुंज (Corolla)।
- पुमंग (Androecium)।
- जायांग (Gynoecium)।
- गैमिटोफाइटिक प्रावस्था:
- अल्पकालिक।
बीज और फल
- बीज:
- अंडाशय के अंदर बंद।
- अंडाशय का विकास:
- परिपक्व होकर फल बनता है।
- द्विनिषेचन (Double Fertilization):
- भ्रूण और त्रिगुणित भ्रूणपोष (Triploid Endosperm) का निर्माण।
संवहन तंत्र
- पूर्ण विकसित संवहन तंत्र:
- जाइलम:
- वाहिकाएँ (Vessels)।
- वाहिनियाँ (Tracheids)।
- जाइलम तंतु (Xylem Fibres)।
- जाइलम पैरेंकाइमा।
- फ्लोयम:
- चालिनी नलिकाएँ (Sieve Tubes)।
- सहायक कोशिकाएँ (Companion Cells)।
- फ्लोयम तंतु (Phloem Fibres)।
- फ्लोयम पैरेंकाइमा।
- जाइलम:
महत्वपूर्ण उदाहरण
- फल वाले पादप: आम, जामुन, केला, पपीता।
- तेल और बीज वाले: सरसों।
- विशेष पादप: ड्रोसेरा (कीटभक्षी), निपेन्थीज, ऑर्किड्स।
विशेषता सारांश
- आवृतबीजी पादप उन्नत संवहन तंत्र, पुष्पीय संरचना और द्विनिषेचन जैसी विशेषताओं के कारण सबसे विकसित पादप समूह हैं।
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