अव्यय : परिभाषा व भेद
अव्यय (Indeclinable) एक ऐसा शब्द है जिसमें लिंग, वचन, कारक आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता है। यह शब्द हमेशा एक जैसा रहता है।
अव्यय की परिभाषा:
वे शब्द जिनमें लिंग, वचन, कारक, काल आदि के कारण कोई विकार (परिवर्तन) नहीं होता, उन्हें अव्यय कहते हैं।
अव्यय के उदाहरण:
- यहाँ
- वहाँ
- जब
- तब
- और
- किंतु
- परंतु
- धीरे-धीरे
- आज
- कल
अव्यय के भेद:
हिंदी व्याकरण में अव्यय के मुख्य रूप से चार भेद होते हैं:
- क्रियाविशेषण (Adverb):
- जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं।
- उदाहरण: धीरे-धीरे, तेज, यहाँ, वहाँ।
- संबंधबोधक (Preposition):
- जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से बताते हैं, उन्हें संबंधबोधक कहते हैं।
- उदाहरण: के पास, के ऊपर, के नीचे, के बिना।
- समुच्चयबोधक (Conjunction):
- जो शब्द दो शब्दों, वाक्यों या वाक्यांशों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चयबोधक कहते हैं।
- उदाहरण: और, या, किंतु, परंतु।
- विस्मयादिबोधक (Interjection):
- जो शब्द आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि भावों को प्रकट करते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।
- उदाहरण: वाह!, अरे!, ओह!, छी!
अव्यय हिंदी भाषा में वाक्यों को प्रभावी और अर्थपूर्ण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।