1. वर्ग- सायकेडोप्सिडा (Cycadopsida):
- तना अशाखित होता है:
सायकेडोप्सिडा वर्ग के पौधों का तना शाखित नहीं होता, बल्कि यह मुख्य रूप से एक कठोर तने के रूप में विकसित होता है। - काष्ठ मोनोजाइलिक (Monoxylic):
इनमें काष्ठ का प्रकार मोनोजाइलिक होता है, अर्थात इनके तने में केवल एक प्रकार के लकड़ी के तंतुओं का निर्माण होता है। - सरल मेगास्पोरोफिल्स (Megasporophylls):
सायकेडोप्सिडा के पौधों में सरल मेगास्पोरोफिल्स पाए जाते हैं, जिनमें बीजाण्ड (ovules) स्थित होते हैं।
उदाहरण:
- सायकस (Cycas)
- विलियमसोनिया (Williamsonia)
2. वर्ग- कोनिफेरोसिडा (Coniferopsida):
- शाखित तना:
कोनिफेरोसिडा वर्ग के पौधों में तना शाखित होता है, जो अक्सर एक शंक्वाकार आकार में दिखाई देता है। - काष्ठ:
इन पौधों में काष्ठ पाया जाता है, जो आमतौर पर मजबूत और लकड़ीदार होता है। - स्पोरोफिल्स की जटिल संरचना:
इन पौधों के स्पोरोफिल्स संरचनात्मक रूप से जटिल होते हैं, जो शंकु (cone) के रूप में होते हैं। - शंक्वाकार रूप:
पौधे बाहरी रूप से शंक्वाकार दिखाई देते हैं, और यह संरचना उनके प्रजनन अंगों को सुरक्षित करने का कार्य करती है। - नर और मादा शंकु:
इनमें नर और मादा शंकु स्पष्ट रूप से निर्मित होते हैं, जो उनके प्रजनन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उदाहरण:
- पाइनस (Pinus)
- इफेड्रा (Ephedra)
- सिड्रस (Cedrus)
3. वर्ग- नीटोसिडा (Gnetopsida):
- आवृत्तबीजियों में सर्वाधिक विकसित:
यह वर्ग आवृत्तबीजी पौधों में सर्वाधिक विकसित माना जाता है, और इसे आवृत्तबीजी और अनावृत्तबीजी के बीच एक कड़ी (Link) के रूप में देखा जाता है। - कड़ी (Link) के रूप में:
नीटोसिडा वर्ग को अनावृत्तबीजी और आवृत्तबीजी के बीच कड़ी के रूप में माना जाता है, क्योंकि इनमें कुछ लक्षण आवृत्तबीजी पौधों से मिलते हैं, जैसे बीजों का विकास और पौधों की संरचना। - ट्रैकीड्स और वेसेल्स:
इस वर्ग के पौधों में ट्रैकीड्स के अलावा वेसेल्स भी पाए जाते हैं, जो इनकी संवहनी व्यवस्था को विशेष रूप से विकसित और कुशल बनाते हैं।
उदाहरण:
- नीटम (Gnetum)
- इफेड्रा (Ephedra)