मानव शरीर में गैसों के संचरण (Transport of Gases) के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाता है। इसमें ऑक्सीजन (O₂) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) के फेफड़ों से ऊतकों तक और ऊतकों से फेफड़ों तक के परिवहन की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है।
मुख्य बिंदु:
1. गैसीय आदान-प्रदान (Exchange of Gases)
फेफड़ों में:
ऑक्सीजन का आंशिक दाब एल्विओलाई में अधिक होता है, जिससे ऑक्सीजन वायुकोष्ठिका से रक्त में विसरित हो जाती है।
कार्बन डाइऑक्साइड का आंशिक दाब रक्त में अधिक होता है, जिससे यह रक्त से वायुकोष्ठिका में विसरित होकर बाहर निकलती है।
2. रुधिर में गैसों का परिवहन (Transport in Blood)
ऑक्सीजन का परिवहन:
97% ऑक्सीजन हीमोग्लोबिन के साथ ऑक्सीहीमोग्लोबिन (HbO₂) के रूप में जुड़ती है।
शेष 3% प्लाज्मा में घुली रहती है।
ऊतकों में पहुँचने पर, ऑक्सीजन का आंशिक दाब कम होने के कारण ऑक्सीहीमोग्लोबिन टूटकर ऑक्सीजन छोड़ देता है।
कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन:
10-20% CO₂ हीमोग्लोबिन के साथ कार्बामिनो यौगिक बनाकर परिवहन होता है।
85% CO₂ बाइकार्बोनेट (HCO₃⁻) के रूप में परिवहन होता है।
शेष प्लाज्मा में घुली रहती है।
3. हीमोग्लोबिन की भूमिका
हीमोग्लोबिन, जो RBC में पाया जाता है, ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड को बाँधने और छोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह लौह तत्व युक्त प्रोटीन है जो ऑक्सीजन के साथ अस्थायी संयोजन करता है।
4. CO₂ का बाइकार्बोनेट में रूपांतरण
कार्बन डाइऑक्साइड, पानी के साथ मिलकर कार्बोनिक अम्ल (H₂CO₃) बनाती है।
यह आगे बाइकार्बोनेट आयन (HCO₃⁻) और हाइड्रोजन आयन (H⁺) में टूट जाती है, जो CO₂ के परिवहन का प्रमुख माध्यम है।
5. श्वसन चरण (Respiratory Phases)
श्वसन प्रक्रिया के चार चरण:
1. श्वास-प्रश्वास (Breathing)
2. बाह्य श्वसन (External Respiration)
3. गैसीय परिवहन (Gaseous Transport)
4. आंतरिक श्वसन (Cellular Respiration)
संक्षेप में:
ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का शरीर में कुशलतापूर्वक परिवहन हीमोग्लोबिन और बाइकार्बोनेट तंत्र के माध्यम से होता है। यह प्रक्रिया शरीर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनिवार्य है।