हमने सीखा (We have learnt) –
- हमारे चारों ओर अनेक वस्तुएँ हैं जिन्हें सजीव और निर्जीव दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
- सजीव श्वसन करते हैं, भोजन (पोषण) करते हैं, उत्सर्जन करते हैं, गति करते हैं, वृद्धि करते हैं,
- प्रजनन करते हैं तथा उनमें संवेदनशीलता होती है।
- आकार के आधार पर पौधों को शाक, झाड़ी, वृक्ष तथा आरोही में वर्गीकृत किया गया है।
- जन्तुओं को अकशेरुकी तथा कशेरुकी में वर्गीकृत किया गया है।
- आवास तथा भोजन संबंधी आदतों के आधार पर जन्तु एवं पौधों में विविधता पाई जाती है।
- पौधों एवं जन्तुओं का एक वैज्ञानिक नाम होता है।
- हम बहुत सी वस्तुओं के लिये पौधों पर निर्भर हैं। पौधे हमें खाद्य पदार्थ जैसे गेहूँ चावल, दालें, मसाले, तेल, सब्जियाँ आदि देते हैं। जन्तुओं से दूध, ,मक्खन,अण्डे, दही, ऊन, रेशम, मोती आदि प्राप्त होता है।
- पशु भार ढोने तथा यातायात में हमारी सहायता करते हैं।
निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर जन्तुओं के उदाहरण:
- अकशेरुकी जन्तु:
- कनखजूरा
- मधुमक्खी
- कशेरुकी, जलीय, अण्डे देने वाले जन्तु:
- मछली
- कछुआ
- कशेरुकी, स्थलीय, अण्डे देने वाले जन्तु:
- साँप
- छिपकली
- कशेरुकी उभयचर जन्तु:
- मेंढक
- सलामैंडर
उचित संबंध जोड़िए:
- कशेरुकी स्थलीय, अण्डे देने वाले – साँप, छिपकली
- कशेरुकी जलीय, अण्डे देने वाले – मछली, कछुआ
- कशेरुकी स्थलीय, बच्चे देने वाले – गाय, घोड़ा
- अकशेरुकी – मधुमक्खी, केंचुआ
पौधों के उदाहरण:
- शाक: धनिया, पालक
- झाड़ी: गुलाब, करौंदा
- वृक्ष: आम, पीपल
- आरोही: मनी प्लांट, अंगूर की बेल
पौधों का महत्व (Importance of Plants):
- खाद्य पदार्थ के रूप में: गेहूँ, मक्का, दालें
- मसालों के रूप में: सरसों, हल्दी, जीरा
- औषधि के रूप में: तुलसी, बेलाडोना
- पेय पदार्थ के रूप में: चाय, कॉफी
- रेशे के रूप में: कपास, पटसन
- ईंधन के रूप में: लकड़ी, बाँस
- कागज उद्योग में: बाँस, रेजिन
- पर्यावरण शुद्धिकरण में: पेड़-पौधे वायु को शुद्ध करते हैं
- तेल के रूप में: अंडी, मूँगफली
जन्तुओं का महत्व (Importance of Animals):
- खाद्य पदार्थ के रूप में: दूध, घी, मांस
- यातायात के लिए: घोड़ा, ऊँट
- चमड़ा उद्योग में: मरे पशुओं की खाल
- ऊन प्राप्त होता है: भेड़, याक
- शहद व मोम: मधुमक्खी
1. सजीव और निर्जीव में वर्गीकरण
सजीव:
मनुष्य, मोर, कछुआ, नेवला, पौधा, आम, पपीता, चना
निर्जीव:
घर, वायु, पानी, बादल, मिट्टी, कुआँ, नल, मोटर, साइकिल, पंखा
2. सजीवों में निम्नलिखित लक्षण
(1) संवेदनशीलता:
सजीवों में बाहरी वातावरण के प्रति प्रतिक्रिया करने की क्षमता होती है, जैसे प्रकाश, ध्वनि, तापमान, और दबाव।
उदाहरण:
- मनुष्य गर्म चीज को छूने पर हाथ पीछे खींच लेता है।
- पौधा प्रकाश की ओर झुकता है (फोटो ट्रॉपिज्म)।
3. शाकाहारी, मांसाहारी, सर्वाहारी जन्तुओं के नाम
- शाकाहारी: गाय, बकरी
- मांसाहारी: शेर, बाघ
- सर्वाहारी: भालू, चूहा
4. परजीवी, मृतोपजीवी, कीटभक्षी पौधों के नाम
- परजीवी पौधे: अमरबेल, मिस्टलेटो
- मृतोपजीवी पौधे: कुकुरमुत्ता, मशरूम
- कीटभक्षी पौधे: पिचर प्लांट, वीनस फ्लाई ट्रैप
5. छत्तीसगढ़ का राज्य पशु व राज्य पक्षी
- राज्य पशु: वन भैंसा
- वैज्ञानिक नाम: Bubalus arnee
- राज्य पक्षी: पहाड़ी मैना
- वैज्ञानिक नाम: Gracula religiosa
6. मनुष्य और हाथी का औसत जीवन काल
- मनुष्य: लगभग 70-80 वर्ष
- हाथी: लगभग 60-70 वर्ष
7. औषधि और खाद्य पदार्थ प्रदान करने वाले पौधे
- औषधीय पौधे: तुलसी, एलोवेरा
- खाद्य पदार्थ के पौधे: गेहूँ, चावल
पशुओं से प्राप्त लाभ:
- गाय: दूध, गोबर खाद
- भेड़: ऊन
- मधुमक्खी: शहद, मोम
8. पौधे को अंधेरे कमरे में बिना पानी के सात दिन रखने पर
- पौधे में प्रकाश संश्लेषण नहीं हो पाएगा।
- बिना पानी के पौधा निर्जीव हो जाएगा और उसकी पत्तियाँ सूख जाएँगी।
9. मोटर कार निर्जीव क्यों है?
मोटर कार में गति और ईंधन का उपयोग होता है, लेकिन:
- उसमें वृद्धि (growth) नहीं होती।
- प्रजनन (reproduction) नहीं होता।
- संवेदनशीलता (sensitivity) नहीं होती।
- इसलिए इसे निर्जीव माना जाता है।
10. सही (✔) और गलत (✘) का चिन्ह
(1) गोंद पौधों द्वारा उत्सर्जित पदार्थ है। (✔)
(2) कुकुरमुत्ता परजीवी पौधा है। (✘)
– सही उत्तर: कुकुरमुत्ता मृतोपजीवी पौधा है।
(3) चूहा सर्वाहारी जन्तु है। (✔)
(4) सूक्ष्म जीवों का अध्ययन सूक्ष्मदर्शी यंत्र की सहायता से करते हैं। (✔)
(5) जिन जन्तुओं में रीढ़ की हड्डी नहीं होती उन्हें अकशेरुकी कहते हैं। (✔)
(6) कागज बनाने के उद्योग में बाँस का उपयोग होता है। (✔)
(7) सर्प अकशेरुकी जन्तु है। (✘)
– सही उत्तर: सर्प कशेरुकी जन्तु है।