गणना के लिए जिन संख्याओं का उपयोग किया जाता है उन्हें प्राकृत संख्याएँ कहते हैं।
1,2,3,4,5,6 – – – इत्यादि सभी प्राकृत संख्याएं हैं।
प्राकृत संख्याओं के समूह को N से व्यक्त करते हैं।
अर्थात् N = [1,2,3,4 — ] इत्यादि।
सबसे छोटी प्राकृत संख्या एक है।
प्राकृत संख्या में एक जोड़ कर अगली प्राकृत संख्या प्राप्त की जा सकती है।
सबसे बड़ी प्राकृत संख्या नहीं प्राप्त की जा सकती है। अर्थात् किसी संख्या में एक जोड़कर अगली बड़ी संख्या प्राप्त होगी। प्राप्त संख्या में जोड़कर उसकी अगली बड़ी संख्या प्राप्त होती रहेगी।