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रिश्ते नाते कक्षा चौथी पर्यावरण अध्ययन अध्याय 1
रिश्ते -नाते कक्षा चौथी पर्यावरण अध्ययन अध्याय 1 1. क्या तुम भी किसी रिश्तेदार की शादी में गए हो? यदि हाँ तो किसकी? हाँ, मैं अपने चाचा (पिता के छोटे भाई) की शादी में गया था। 2. वहाँ तुम्हारे कौन-कौन से रिश्तेदार आए? 3. क्या तुम सबको पहचान पाए? अधिकांश रिश्तेदारों को पहचान पाया, लेकिन…
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कोलिहा खोलिस चश्मा दुकान छत्तीसगढ़ी कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 8
कोलिहा खोलिस चश्मा दुकान छत्तीसगढ़ी कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 8 जंगल म एक कोलिहा रहय। कोलिहा बड़ चतुरा रहय। एक दिन वो अपन माड़ाम बइठे-बइठे सोचिस, जंगल म चश्मा के दुकान खोले जाय। जंगल के चिरइ-चुरगुनअउ छोटे-बड़े जानवर चश्मा बिसाहीं त बड़ कमइ होही।दूसर दिन वो शहर जाके रकम-रकम के चश्मा ले आनिस अउ…
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कुकू और भूरी कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 12
कुकू और भूरी कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 12 दो मुर्गियाँ थीं- कूकू और भूरी। दोनों एक पुराने दड़बे में रहती थीं। दोनों को डींग मारने और शान बघारने का बहुत शौक था। आप सोचते होंगे कि कूकू और भूरी ज़्यादातर समय साथ-साथ बिताती थीं इसलिए शायद उनमें अच्छी दोस्ती होगी। परन्तु ऐसा बिल्कुल भी…
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अनदान के परब छेरछेरा छत्तीसगढ़ी कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 13
अनदान के परब छेरछेरा छत्तीसगढ़ी कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 13 छत्तीसगढ़ म छेरछेरा ल पूस महिना के अँजोरी पाख म पुन्नी के दिन परब बरोबरमनाय जाथे। किसान अपन फसल ल मींज-कूट के कोठी-ढाबा म धर लेथें। इन्द्रदेव के किरपा ले जब खूब बरसा होथे त अच्छा फसल घलो होथे, तहाँ उँखर हिरदे झूम उठथे।…
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उर्जा की बज़त कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 14
उर्जा की बज़त कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 14 जाड़े के दिन थे। मीनू अपने आँगन में रस्सी कूद रही थी- एक, दो, तीन, चार.. पच्चीस तक आते-आते थककर हाँफने लगी। उसकी माँ सोलर कुकर में दाल,चावल, आलू रख रही थीं। इतने में मीनू की सहेली रजिया आई और बोली, “मौसी, ये क्या कर रही…
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चूड़ीवाला कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 15
चूड़ीवाला कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 15 मैं अपनी गुड़िया से खेल रही थी कि बाहर से किसी ने लंबी हाँक लगाई, ‘चूड़ियाँ ले लो,चूड़ियाँ। फिर किसी ने कहा, “अरे नन्हीं, बाहर आकर देखो तो। तुम्हारे लिए चूड़ियाँ लाया हूँ।”मैं भागी-भागी बाहर गई तो देखा कि चूड़ीवाला सिर पर चूड़ियों की टोकरी रखे खड़ाहै। उसने…
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राजिम मेला सहेली को पत्र कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 16
राजिम मेला सहेली को पत्र कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 16 शंकर नगर, रायपुर(छत्तीसगढ़)22 दिसम्बर, 2010 मैं यहाँ पर अच्छी हूँ। तुम कैसी हो? तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है। हमारे स्कूल में अभी खेल प्रतियोगिताएँ चल रही हैं। मैं भी खो-खो और लम्बी दौड़ में भाग ले रही हूँ। तुम्हारेयहाँ खेल प्रतियोगिताएँ कब हैं?…
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चल रे तुमा बाटे बाट छत्तीसगढ़ी कक्षा 4 हिन्दी पाठ 17
चल रे तुमा बाटे बाट छत्तीसगढ़ी कक्षा 4 हिन्दी पाठ 17 तइहा के बात आय। एक गाँव म एक झन डोकरी राहय। ओकर राहय एक झन बेटी, तेन ह अपन ससुराल चल दे राहय। डोकरी के बेटी के गाँव ह अब्बड़ दुरिहा म राहय। डोकरी ल अपन बेटी के खूबेच सुरता आवय। फेर का करय,…
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पिंजरे का जीवन कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 18
पिंजरे के तोते से बोलीछत पर बैठी मैना।“बड़े मजे से तुम रहते होबोलो ये सच है ना ? बैठे-बैठे मिल जाते हैंभाँति-भाँति के व्यंजन।काश! मुझे भी मिल पाताजो इस पिंजरे का जीवन। भोजन औ जल की तलाश मेंहम दिन-रात भटकते।तब जाकर दो-चार अन्नकणअपने पल्ले पड़ते ।। उस पर हरदम चिड़ीमार काडर रहता है मन में।हिंसक…
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हाय मेरी चारपाई कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 19
हाय मेरी चारपाई कक्षा चौथी विषय हिन्दी पाठ 19 बात उन दिनों की है, जिन दिनों मैं निकर पहनता था; यानी छोटा भी था और शरारती भी। मौज-मस्ती के दिन थे; चिंता-फिक्र कोई थी नहीं। इस वर्ष की तरह उस वर्ष भी होली आई थी। मुहल्ले में होली जलाने के लिए लकड़ी जमा करने की…