मुगलकालीन जन-जीवन याद रखने योग्य बातें
- मुगलकाल में भारत पूरी दुनिया में एक सम्पन्न देश के रूप में प्रसिद्ध था। इसी सम्पन्नता से आकर्षित होकर विश्व के अनेक देशों के लोग व्यापार के लिए आए।
- मुगल दरबार में शासन का सर्वोच्च बादशाह होता था।
- राजा के दरबार में ऊंचे पदों में आसीन लोगों को अमीर कहते थे। ये अमीर तुर्क, ईरानी, हिन्दुस्तानी मुसलमान व राजपूत राजा होते थे।
- मध्यम वर्ग इसमें छोटे अधिकारी, सैनिक, व्यापारी आदि होते थे।
- गाँवों में जमींदार बहुत ताकतवर थे।निम्नवर्ग-किसान कारीगर, दलित वर्ग, सेवक आदि थे।
- इस काल में भी छत्तीसगढ़ में कल्चुरियों का शासन था।
- हिन्दू-मुसलमान मिलकर त्यौहार मनाते थे। प्रमुख त्यौहार थे- दशहरा, दीपावली, होली, ईद, नौरोज, मुहर्रम आदि। मैं इस काल में तुलसीदास, कबीरदास, सूरदास, मीराबाई, रहीम, गुरुनानक एवं छ.ग. में गोपाल मिश्र जैसे भक्त कवि हुए, जिन्होंने धर्मो का आदर सिखाया
- इस काल में किसान खेती (कृषि) व सब्जी-फल उगाते थे, उन्हें अपने फसल का एक तिहाई भाग लगान के रूप में देना होता था।” * सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी में पुर्तगाल, इंग्लैंड तथा फ्रांस के व्यापारी भारत आए।
- सन् 1498 में पुर्तगाल नाविक वास्कोडिगामा ने यूरोप से भारत तक के समुद्री रास्ते को खोज को।
- इस काल में वास्तुकला, चित्रकला, संगीत और साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ। मैं शाहजहाँ निर्मित जामा मस्जिद व लाल किला का दीवान-ए-खास’ व ‘दीवान-ए-आम’ विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
- शाहजहाँ का शासनकाल ताजमहल, मयूर सिंहासन तथा कोहिनूर हीरे के लिए अविस्मरणीय है। ‘ताजमहल’ विश्व के सात अजूबों में से एक है।
- तब भारत से सूती कपड़े, नील, अफीम तथा काली मिर्च का निर्यात (भेजा) किया जाता था तथा बदले में सोना, चाँदी, कच्चा रेशम, मखमल आदि वस्तुएँ आयात (लाया) किया जाता था।
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. खाली स्थान भरो–
( 1 ) मुगलकाल में शासन का सर्वोच्च बादशाह होता था।
( 2 ) मुगलकाल में छत्तीसगढ़ में कल्चुरी वंश का शासन था।
( 3 ) कृषि मुगलकाल के लोगों का मुख्य व्यवसाय था।
( 4 ) दिल्ली के लाल किला का निर्माण शाहजहां ने कराया था।
प्रश्न 2. प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
( 1 ) सत्रहवीं शताब्दी में किस उद्योग का विशेष विका हुआ ?
उत्तर- सत्रहवीं शताब्दी में कपड़ा उद्योग का विशेष विका हुआ।
( 2 ) बहते पानी का उपयोग करना किस काल की विशेष थी ?
उत्तर- बहते पानी का उपयोग करना जहाँगीर के काल विशेषता थी ।
( 3 ) बादशाह अकबर की राजधानी कहाँ थी ?
उत्तर- बादशाह अकबर की राजधानी दिल्ली थी ।
( 4 ) सफेद संगमरमर का प्रयोग किसके शासन काल में किया गया था ?
उत्तर- सफेद संगमरमर का प्रयोग शाहजहाँ के शासन काल में किया गया था ।
( 5 ) मुगल सम्राट व्यक्तिगत विचार – विमर्श किस स्थान पर करते थे ?
उत्तर- मुगल सम्राट व्यक्तिगत विचार विमर्श ‘ दीवाने – ए ‘ खास ‘ में किया करते थे ।
( 6 ) प्रसिद्ध शालीमार बाग कहाँ है ?
उत्तर- प्रसिद्ध शालीमार बाग लाहौर में स्थित है ।
( 7 ) मुगलकालीन समाज कितने वर्गों में बँटा था ?
उत्तर मुगलकालीन समाज चार वर्गों में बँटा था-
( 1 ) बादशाह और उनका शाही परिवार- बादशाह शासन का सर्वोच्च होता था ।
( 2 ) अमीर – दरबार में ऊँचे पदों पर आसीन लोग – मंत्री , सेनापति , प्रांतपति आदि ।
( 3 ) मध्यवर्ग – छोटे अधिकारी , सैनिक , व्यापारी आदि ।
( 4 ) निम्नवर्ग – किसान , कारीगर , दलित वर्ग , सेवक आदि । ( 8 ) मुगलकालीन वेशभूषा कैसी थी ?
उत्तर- हिन्दू और मुसलमान पुरुषों की पोशाकें आमतौर पर एक जैसी होती थीं शहर एवं गाँवों के पहनावे में अंतर था । धोती , पायजामा , कुरता , सलवार , साड़ी प्रमुख रूप से भारतीय परिधान थे मुसलमान सिर पर टोपी पहनते थे ।
( 9 ) मुगलकाल में लोग कौन – कौन – सा व्यवसाय करते थे ?
उत्तर- इस समय खेती के अतिरिक्त अन्य व्यवसाय भी जड़ें जमा चुके थे । सत्रहवीं शताब्दी में कपड़ा उद्योग का विशेष विकास हुआ । ढाका की मलमल , बनारस की जरी का काम , बंगाल , बिहार व गुजरात के सूती वस्त्र , कश्मीर के ऊनी कपड़े विश्व प्रसिद्ध थे । विदेशी व्यापारी भारत से सूती कपड़े , नील , अफीम , तथा काली मिर्च ले जाते थे ।
( 10 ) मुगलकाल में कौन – कौन से त्यौहार बनाए जाते थे ?
उत्तर- उस समय के प्रमुख त्यौहार थे – दशहरा , दीपावली , होली , इंद , नौरोज , मुहर्रम आदि ।
( 11 ) मुगलकाल में छत्तीसगढ़ में सामाजिक एवं धार्मिक स्थिति का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – मुगलकाल में ही छत्तीसगढ़ में कबीर पंथ का आगमन हुआ । छत्तीसगढ़ के गाँव – गाँव में कबीर पंथ का प्रचार हुआ । जिससे यहाँ का जनजीवन प्रभावित हुआ । रायपुर – बिलासपुर मार्ग. पर रायपुर से 55 किमी . दूर स्थित दामाखेड़ा कबीर पंथियों का प्रमुख तीर्थ स्थल है । इस समय कल्चुरियों के शासन काल में छत्तीसगढ़ में देवीपूजा ( शक्ति ) प्रारंभ हुई जो पूरे राज्य में फैल गई । ब्राम्हणों का इसमें विशेष योगदान था । वे राजगुरु , ज्योतिषी तांत्रिक एवं पुरोहित थे । महामाया ( शक्ति ) के अतिरिक्त बम्लेश्वरी देवी ( डोंगरगढ़ ) और दंतेश्वरी ( दंतेवाड़ा ) शक्ति पूजा एवं राजीव न लोचन ( राजिम ) दुग्धाधारी मंदिर ( रायपुर ) श्रद्धा केन्द्र के रूप में स्थापित हुए । गाँवों में माता देवाला का विशिष्ट महत्व रहा है । यहाँ सामाजिक भेदभाव नहीं था , सभी को समाज में उचित स्थान न न प्राप्त था ।
( 12 ) मुगलकालीन स्थापत्य कला की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- मुगलकाल में स्थापत्य ( वास्तु ) कला में अद्वितीय प्रगति हुई । इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं–
( 1 ) मुगल कालीन वास्तुकला में पारम्परिक भारतीय कला तथा ईरानी व मध्य एशियाई कला का सुन्दर मिश्रण दिखाई देता है ।
( 2 ) इमारतों का अनुपात , भव्यता तथा सुन्दरता और इमारतों के चारों ओर उद्यान इस कला की विशेषता है ।
( 3 ) ऊँचे चबूतरे पर बनी इमारतों के निर्माण में लाल व सफेद संगमरमर के पत्थर , फूल – पत्तों की नक्काशी , इमारतों के पत्थरों में नक्काशीदार जाली , दुहरे गुबंद , अर्द्ध गुम्बद आदि मुगलकालीन इमारतों की विशेषता है ।
( 4 ) इस युग की महत्वपूर्ण स्थापत्य कला है- बुलंद दरवाजा , दीवाने – ए – खास , ताजमहल , मयूर सिंहासन , जामा मस्जिद , लाल किला आदि ।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. मुगलकालीन धार्मिक स्थिति का वर्णन कीजिए ।
उत्तर- मुगल सम्राट इस्लाम धर्म के अनुयायी थे । किन्तु वे सभी धर्मों का आदर करते थे बादशाह अकबर और जहाँगीर ने दूसरे धर्म को जानने , समझने तथा उनकी अच्छी बातों को सीखने का प्रयास किया । इसके लिए उन्होंने हिन्दू , साधू , पारसी , व जैन मुनि , ईसाई पादरी तथा मुस्लिम मौवलियों को अपने दरबार में आमंत्रित किया । उसने स्वयं बातचीत की बल्कि उनकी आपस में बातचीत भी कराई , जिससे कि वे एक दूसरे के धर्मों को जाने । उसने अलग – अलग धर्मों के ग्रंथों का विभिन्न भाषाओं में फारसी आदि में अनुवाद करवाया । ताकि सभी लोग सभी धर्मों की अच्छी बातों को समझ सके । यही प्रवृत्ति समाज के आम लोगों में भी फैली और वे भी एक दूसरे के धर्म को जानने समझने लगे । इसी काल में तुलसीदास , कबीरदास , सृहदास , मीराबाई और गुरुनानक एवं छत्तीसगढ़ में गोपाल मिश्र जैसे भक्त कवि हुए । जिन्होंने सभी धर्मों का आदर करना सिखाया ।