चंदरबरदाई का साहित्यिक परिचय
चंदबरदाई (जन्म: संवत 1205 तदनुसार 1148 ई० लाहौर वर्तमान पाकिस्तान में – मृत्यु: संवत 1249 तदनुसार 1192 ई० गज़नी) हिन्दी साहित्य के आदिकालीन कवि तथा पृथ्वीराज चौहान के मित्र थे। उन्होने पृथ्वीराज रासो नामक प्रसिद्ध हिन्दी ग्रन्थ की रचना की। चंदबरदाई का जन्म लाहौर में एक राव भट्ट परिवार में हुआ था।
चंदरबरदाई की रचनाएँ
पृथ्वीराज रासो हिंदी का सबसे बड़ा काव्य-ग्रंथ है।
चंदरबरदाई की वर्ण्य विषय
वे भारत के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय के मित्र तथा राजकवि थे।
चंदरबरदाई जी का लेखन कला
पृथ्वीराज रासो में 16,306 छंद हैं और 69 सर्ग यानी समय हैं और तत्कालीन प्रचलित 6 भाषाओं का प्रयोग किया गया है।
चंदरबरदाई जी साहित्य में स्थान
चंदबरदाई को हिंदी का पहला कवि और उनकी रचना पृथ्वीराज रासो को हिंदी की पहली रचना होने का सम्मान प्राप्त है। पृथ्वीराज रासो ग्रन्थ को छंदों का अजायबघर भी कहा जाता है , हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध इतिहासकार शिव सिंह सेंगर ने चंद्रवरदाई को “छप्पय का राजा”भी कहा है ।