केदारनाथ सिंह (07 जुलाई 1934 – 19 मार्च 2018), हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार थे। वे अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि रहे। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन्हें वर्ष 2013 का 49 वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के 10वें लेखक थे।
केदारनाथ सिंह जी का साहित्यिक जीवन परिचय
केदारनाथ सिंह का जन्म 19 नवंबर 1934 ई॰ को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गाँव में हुआ था।
केदारनाथ सिंह जी की रचनाएँ
कविता संग्रह
- अभी बिल्कुल अभी (1960)
- जमीन पक रही है
- यहाँ से देखो
- बाघ
- अकाल में सारस
- उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ
- तालस्ताय और साइकिल
- सृष्टि पर पहरा (2014)
आलोचना
- कल्पना और छायावाद
- आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान
- मेरे समय के शब्द
- मेरे साक्षात्कार
केदारनाथ सिंह जी साहित्य में स्थान
1989 में उनकी कृति ‘अकाल में सारस’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। इसके अलावा उन्हें व्यास सम्मान, मध्य प्रदेश का मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, उत्तर प्रदेश का भारत-भारती सम्मान, बिहार का दिनकर सम्मान तथा केरल का कुमार आशान सम्मान मिला था। वर्ष 2013 में उन्हें प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वह हिन्दी के 10 वें साहित्यकार थे।