याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
- राष्ट्रीय एकता की भावना देशप्रेम, सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक परम्पराओं पर अभिमान की भावना को सामूहिक रूप से राष्ट्रबादकहर जाता है।
- भारत में राजनीतिक सभाएँ कलकता, बम्बई और मद्रास से प्रारंभ हुई।
- सन् 151 में कलकत्ता में ब्रिटिश इण्डियन एसोसिएशन, सन् 1882 में मुम्बई एसोसिएशन तथा मद्रास में मद्रास नेटिंग एसोसिएशन को गठन किया गया।
- सन् 1870 में पूना सार्वजनिक सभा, सन् 1884 में मद्रास महाजन सभा और सन् 1885 में सामो प्रेसीडेंसी एसोसिएशन का गठन हुआ। व्योमेशचंद जी की अध्यक्षता में आयोजित अखिल भारतीय सम्मेलन में अखिल भारतीय 28 दिसम्बर सन् 1885 को बम्बई में राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।
- लाई कर्जन ने सन् 1905 में बंगाल का विभाजन कर दिया। बंगाल विभाजन के विरोध में देशव्यापी बंग-भंग आन्दोलन चलाया गया स्वरूप सन् 1911 में इसे रद्द कर दिया गया।।
- सन् 1907 के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस गरम और नरम दो दलों में बंट गया। सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले फिरोजशाह मेहता नरम दल के थे।
- लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, विपिन चन्द्र पाल (लाल-बाल-पाल) भूमकाल विद्रोह हुआ।
- सन् 1910 में अंग्रेजों के शोषण के विरुद्ध बस्तर में सन् 1906 को मुस्लिम लीग की स्थापना हुई थी।
- 4 सन् 1911 में कलकत्ता के स्थान पर दिल्ली को देश की राजधानी बनाया गया
- लाल हरदयाल ने सन् 1913 में उत्तर अमेरिका में गदर पार्टी का गठन किया।
- प्रथम विश्व युद्ध सन् 1914 से 1918 तक लड़ा गया था। डॉ श्रीमती एनीबेसेंट ने होमरूल आन्दोलन प्रारंभ किया था।
- केन्द्र राम, पं. रविशंकर शुक्ल, शिवदास डागा व बाजीराव कूदन्त आदि छत्तीसगढ़ के प्रमुख राजनेता थे।
- महात्मा गाँधी ने राष्ट्रीय आन्दोलन का नेतृत्व सन् 1920 से किया।
- गाँधी जी का पूरा नाम मोहन दास करमचन्द गाँधी था उनका जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात के पोरबन्दर , अवज्ञा, अनशन, उपवास आदि गाँधी जी के शस्त्र कहे जाते हैं। सत्याग्रह, अहिंसा
- सन् 1915 में गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। चम्पारण आन्दोलन खेड़ा सत्याग्रह कण्डेल सत्याग्रह मिल असहयोग आन्दोलन सन् 1920 को आरंभ हुआ था।
- मजदूर आन्दोलन गाँधी जी के प्रारंभिक आन्दोलन थे।
- मै कण्डेल सत्याग्रह छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिले के कण्डेल नामक गाँव में हुआ था।
- पं. सुन्दर लाल शर्मा, नारायणराव वाले एवं बाबू छोटे लाल वास्तव कण्डेल आन्दोलन के सूत्रधार थे।
- धमतरी के प्रसिद्ध मकई चौक में गाँधी जी के भाषण की व्यवस्था थो में सन् 1908 में बाल गंगाधर तिलक के गिरफ्तार के विरोध में हड़ताल हुआ था।
- तीसगढ़ का सबसे बड़ा मिल बंगाल नागपुर काटन मिला राजनादगांव में था।
- सन् 1919 में रोलेट एक्ट नामक कानून बना जिसे ‘काला कानून’ के नाम से जाना जाता है।
- 13 अप्रैल, सन् 1919 को रोलेट एक्ट के विरोध में आम सभा हुई, जिसमें जनरल डायर ने गोली चलवाई, इसमें हजारों लोग मारे गए यह घटना जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के नाम से जाना जाता है।
- खलीफा के पद को पुनः स्थापित करने के लिए भारतीय मुसलमानों द्वारा खिलाफत आन्दोलन चलाया गया।
- अप्रैल सन् 1920 को गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन चलाया। असहयोग आन्दोलन गुजरात के बारदोलों से शुरू हुआ था।
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. हाँ अथवा नहीं में उत्तर दीजिए-
(1) ‘हिन्दी केसरी’ के सम्पादक बाल गंगाधर तिलक थे।
(2) राष्ट्रीय एकता की भावना को राष्ट्रवाद कहते हैं।
(3) औद्योगिक क्रांति के कारण अधिकांश मिलें खुली।
(4) भारत के पिछड़ेपन के लिए अंग्रेजों की आर्थिक नीति जिम्मेदार है।
(5) शिक्षित मध्यम वर्ग ने आधुनिक विचारों को अस्वीकार किया।
उत्तर- (1) नहीं, (2) हाँ, (3) हाँ, (4) हाँ, (5) हाँ।
प्रश्न 2. खाली स्थान भरिए-
(1) गाँधी जी……..में भारत लौटे।
(2) चम्पारण …. अंचल में है।
(3). ….. सत्याग्रह नहर कर के विरोध में था।
(4) लगान बंदी के लिए गुजरात के ……….जिले में आन्दोलन हुआ।
(5)………..की दीवारों पर गोलियों के निशान आज भी हैं।
उत्तर- (1) 1915 (2) बिहार, (3) कण्डेल, (4) खेड़ा, (5) जलियाँवाला बाग
प्रश्न 3. उचित संबंध जोड़िए-
1. 1916 | (क) मुस्लिस लीग की स्थापना |
2. 1911 | (ख) बंगाल का विभाजन |
3. 1907 | (ग) सर्वदलीय बैठक का आयोजन |
4. 1906 | (घ) दिल्ली राजधानी बनी |
5. 1905 | (ङ) सूरत अधिवेशन। |
उत्तर- 1. (ग), 2. (घ), 3. (ङ), 4. (क), 5. (ख)।
प्रश्न 4. इन प्रश्नों के उत्तर में केवल नाम लिखिए-
(1) बंगाल विभाजन किया-
उत्तर- लार्ड कर्जन ।
(2) नरम विचार-धारा के प्रमुख नेता-
उत्तर – सुरेन्द्र नाथ बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोज शाह मेहता, महात्मा गाँधी, पं. नेहरू आदि ।
(3) छत्तीसगढ़ में खादी आश्रम बनाया-
उत्तर- पं. सुन्दर लाल शर्मा ।
(4) कवि समाज का संगठन कहाँ बना-
उत्तर- छत्तीसगढ़ ।
(5) गदर पार्टी के संस्थापक थे-
उत्तर- लाला हरदयाल ।
प्रश्न 5. नीचे कुछ घटनाएँ लिखी गई हैं, आप उससे सम्बन्धित तिथि, सन् आदि उसके सामने अंकित कीजिए-
(1) ‘अंग्रेजों ! भारत छोड़ो’ की हुँकार सुनाई पड़ी।
उत्तर- 8 अगस्त, सन् 1942.
(2) अंततः पाकिस्तान को एक अलग राष्ट्र के रूप में स्वीकार कर लिया गया।
उत्तर- 14 अगस्त, सन् 1947.
(3) अंग्रेजों का किसी भी प्रकार से सहयोग नहीं करना चाहिए, यह संकल्प लिया।
उत्तर- 1 अगस्त, सन् 1920.
(4) एक ऐसी हिंसक घटना हुई, जिसके कारण गाँधी जी को आन्दोलन स्थगित करना पड़ा।
उत्तर- 5 फरवरी, सन् 1922 (चीरा चौरी काण्ड)।
(5) समुद्र तट पर पहुँचकर गाँधीजी ने नमक कानून भंग किया।
उत्तर- 5 अप्रैल, सन् 1930.
प्रश्न 6. प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) इंग्लैण्ड में औद्योगिक क्रांति किस सदी में हुई ?
उत्तर- इंग्लैण्ड में औद्योगिक क्रांति 18वीं सदी में हुई।
(2) 28 दिसम्बर, सन् 1885 को किस पाठशाला में सभा हुई ?
उत्तर- 28 दिसम्बर, सन् 1885 को गोकुल दास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में सभा हुई।
(3) छत्तीसगढ़ में कॉंग्रेस की शाखा कब बनी ?
उत्तर- सन् 1903 में
(4) भारतीय राजनैतिक सभा प्रारंभ में कहाँ हुई थी ?
उत्तर- भारतीय राजनैतिक सभाएँ प्रारंभ में कलकत्ता, बम्बई और मद्रास जैसे प्रांतीय नगरों में शुरू हुई थी।
(5) राष्ट्रीय नेता प्रारंभ में किस विचारधारा के थे ?
उत्तर- राष्ट्रीय नेता प्रारंभ में नरम विचारधारा के थे।
(6) 1900 में छत्तीसगढ़ में प्रकाशित समाचार पत्र का क्या नाम था ?
उत्तर- 1900 में छत्तीसगढ़ में प्रकाशित समाचार पत्र का नाम ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ था।
(7) बंगाल प्रांत का विभाजन क्यों किया गया ?
उत्तर- बंगाल विभाजन के कारण के रूप में लार्ड कर्जन का कहना था कि प्रशासनिक सुधार के उद्देश्य से किया जा रहा है। उनका मानना था कि बंगाल जैसे विशाल राज्य का प्रबंध एक केन्द्र द्वारा नहीं किया जा सकता है। इसलिए बंगाल का विभाजन कर प्रशासन को कार्यकुशलता को बढ़ाना आवश्यक था, परन्तु कर्जन का वास्तविक उद्देश्य बंगाल को तोड़ना, उसे कमजोर करना और राष्ट्रीयता के वेग को रोकना था। उसका वास्तविक उद्देश्य जनता में फूट डालना, पूर्वी बंगाल के राज्यों में मुसलमानों का बहुमत रखना और पश्चिमी बंगाल में हिन्दुओं का बहुमत रखना तथा हिन्दू-मुसलमान की एकता को समाप्त कर राष्ट्रीय आन्दोलन को निर्बल बनाना था।
(8) राष्ट्रीय विद्यालय / महाविद्यालय क्यों खोले गए ?
उत्तर- भारत में राष्ट्रीय विद्यालय और महाविद्यालयों की स्थापना का उद्देश्य ज्ञान के आलोक से भारतीय समाज में सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक विचारों में परिवर्तन लाना था। शिक्षा के अभाव में लोगों को अपने हित की चिंता नहीं थी। आजादी का महत्व नहीं पता था। शिक्षा के द्वारा ही देश में राष्ट्रीयता की भावना जाग्रत की जा सकती थी। स्कूलों के माध्यम से राष्ट्रीय विचारों का प्रसार किया जा सकता है। विद्यालय और महाविद्यालय में जन-जागरण हेतु सभा सम्मेलन भी किया जा सकता था। यह याद रखने योग्य बात है कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना एक विद्यालय के प्रांगण में ही हुआ था।
(9) ‘फूट डालो’ की नीति का क्या अर्थ है ?
उत्तर- ‘फूट डालो और शासन करो की नीति का जनक लार्ड कर्जन था। लार्ड कर्जन ने भारत में जाग रही राष्ट्रीयता की भावना को समाप्त करने के लिए इस नीति को अपनाया था। कर्जन ने इसकी शुरूआत सन् 1905 में बंगाल से किया। प्रशासनिक सुधार के नाम पर उसने हिन्दू और मुसलमान को आपस में बाँटने का असफल प्रयास किया। वह चाहता था सभी जाति-धर्म के लोगों को व्यक्तिगत लालच देकर एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दिया जाय, जिससे वे एक-दूसरे का सहयोग न करें। इस प्रकार भारतीय समाज व राष्ट्र को बाँटने वाली इसी नीति को ‘फूट डालो’ की नीति के नाम से जाना जाता है।
(10) स्वदेशी का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- स्वदेशी का तात्पर्य अपने देश के बनी वस्तुओं से है। अंग्रेजों ने विदेशी वस्तुओं का बाजार खड़ा कर भारतीयों को खूब लूटा, उनके हाथों से रोजगार छीन लिया। भारतीय कारीगर व शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई तो भारतीय नेताओं ने अपने ही देश में निर्मित वस्तुओं के प्रयोग की अपील की। इस प्रकार स्पष्ट है स्वदेशी का अर्थ अपने देश के निर्माण से है।