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भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान ( इतिहास )

अध्याय 4 भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
अध्याय 4 भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम

याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें

  • ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह सन् 1765 से 1856 तक कई बार हुआ लेकिन इसे दबा दिया गया। ब्रिटिश शासन की जड़े हिला देने वाली क्रांति 10 मई सन् 1857 को मेरठ से हुई, जिसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नाम से जाना ‘जाता है।
  • सन् 1857 की क्रांति के समय प्रमुख नेतृत्वकर्ता-नवाब साहब, कुंवर सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, बेगम हजरत महल, बर शाह जफर और मंगल पाण्डे आदि थे।
  • सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का तात्कालिक कारण चर्बी वाले कारतूस का प्रयोग था। उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और दिल्ली आदि राज्य स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य केन्द्र रहे।
  • सन् 1857 की क्रांति के समय लार्ड केलिंग भारत के गवर्नर जनरल थे। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ क्षेत्र में सोनाखान के जमींदार बोरनारायण सिंह की भूमिका रही।
  • शहीद वीरनारायण सिंह को वर्तमान उपस्तंभ चौक में सबके सामने फाँसी पर लटका दिया गया था।
  • 18 जनवरी सन् 1858 को फौजी हनुमान सिंह राजपूत ने सिडवेल नामक सैनिक अधिकारी की हत्या कर दी थी।
  • छत्तीसगढ़ के 17 क्रांतिवीरों को 22 जनवरी सन् 1858 को सार्वजनिक रूप से फाँसी पर लटका दिया था।

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1. खाली स्थान भरिए-

(1) ब्रिटिश कम्पनी ने किसानों को……की खेती करने को विवश किया।

(2) हनुमान सिंह को छत्तीसगढ़ का………..कहा जाने लगा।

(3) दिल्ली के अंतिम मुगल बादशाह…….थे ।

(4) इंग्लैण्ड की महारानी……..ने 1 नवम्बर सन् 1858 को एक घोषणा पत्र जारी किया।

उत्तर- (1) नील, (2) मैग्नीज लश्कर, (3) बहादुर शाह जफर, (4) विक्टोरिया ।

प्रश्न 2. सन् 1857 के प्रमुख नेताओं के नाम को उनके स्थानों से सही-सही मिलाइये-

1. कुंवर सिंह(क) कानपुर
2. तात्या टोपे(ख) मोनाखान
3. लक्ष्मी बाई (ग) लखनऊ
4. हजरत महल(घ) बिहार
5. वीरनारायण सिंह(ङ) झाँसी।

उत्तर-1, (घ), 2. (क), 3. (ङ), 4, (ग), 5. (ख)।

प्रश्न 3. सत्य / असत्य लिखिए-

(1) चर्बी वाले कारतूसों को घटना सन् 1857 के विद्रोह से सम्बन्धित नहीं है।

(2) डलहौजी के साम्राज्य विस्तार की नीति से देशी राजाओं को बहुत लाभ हुआ।

उत्तर- (1) असत्य, (2) असत्य

प्रश्न 4. प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(1) 1857 के पूर्व अंग्रेजों की सेना के भारतीय सिपाहियों में असंतोष क्यों था ?

उत्तर-सन् 1857 के पूर्व अंग्रेजों की सेना के भारतीय सिपाहियों में व्याप्त असंतोष का कारण निम्नलिखित था-

(1) अंग्रेज सैनिक अधिकारी उन्हें घृणा की दृष्टि से देखते थे। (2) अंग्रेजी सेना में भारतीय सैनिकों की संख्या, अंग्रेजी सैनिकों की तुलना में पाँच गुना थी लेकिन उन्हें उच्च पद नहीं दिया जाता था। (3) गोरे सैनिकों को भारतीय सैनिकों से ज्यादा वेतन दिया जाता था। (4) भारतीय सैनिकों पर तिलक लगाना, दाढ़ी रखना, पगड़ी बाँधना जैसे पारम्परिक कार्यों पर रोक लगा दिया गया था। (5) भारतीय सैनिकों को समुद्र पार भेजा जाता था, जबकि उन दिनों धार्मिक मान्यता के अनुसार यह धर्म विरुद्ध था। (6) सैनिकों को आशंका थी कि कारतूसों में गाय या सूअर की चर्बी मिली हुई थी।

(2) सन् 1858 के महारानी की घोषणा पत्र में भारतीयों को कौन-कौन से आश्वासन दिए गए थे ?

उत्तर- इंग्लैण्ड की महारानी विक्टोरिया ने । नवम्बर सन् 1858 को एक घोषणा पत्र द्वारा भारतीय जनता को निम्नलिखित आश्वासन दिए थे- (1) कम्पनी का शासन समाप्त कर भारत का शासन सीधे इंग्लैण्ड के संसद द्वारा संचालित करने की घोषणा की गई थी। (2) भारतीय जनता की धार्मिक भावनाओं व सामाजिक रोति-रिवाजों पर हस्तक्षेप न करने की नीति लागू करने का आश्वासन दिया गया। (3) प्राचीन परम्पराओं का संरक्षण व सम्मान का आश्वासन दिया गया। (4) अब गवर्नर जनरल का पद समाप्त कर दिया गया और वायसराय की नियुक्ति का प्रावधान किया गया। सैद्धांतिक दृष्टि से महारानी विक्टोरिया का यह घोषणा पत्र बहुत महत्त्वपूर्ण और लोक लुभावना था।

(3) सन् 1857 का विद्रोह क्यों असफल रहा ?

उत्तर- असफलता के मुख्य कारण निम्नलिखित थे- (1) समय से पहले क्रान्ति का आरम्भ, (2) एक उद्देश्य का न होना, (3) योग्य नेता का न होना, (4) केन्द्रीय योजना का अभाव, (5) साधनों का अभाव, (6) सीमित क्षेत्र, (7) जनक्रान्ति का न होना।