जीव जगत में विविधता

जीव जगत में विविधता

(Diversities in Living World)

पृथ्वी हमारे सौरमंडल का ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन संभव है। जीवन की उत्पत्ति और विकास के अध्ययन को जीव विज्ञान (Biology) कहते हैं। यह अध्ययन पृथ्वी पर जीवन की कहानी को समझने का माध्यम है। प्रकृति में विविधता हर स्तर पर, चाहे वह सूक्ष्म हो या स्थूल, अपने विशिष्ट रूप में प्रकट होती है।


पृथ्वी पर जैव विविधता

पृथ्वी पर जीव-जन्तुओं की असंख्य प्रजातियाँ मौजूद हैं, जो जल, स्थल, और वायु में पाई जाती हैं। ये सभी प्रजातियाँ आकार, स्वभाव, गुणों, और अन्य विशेषताओं में भिन्न होती हैं।

जैव विविधता का महत्व:

  1. जीवन के स्थायित्व का आधार:
    • जीवों और पौधों की विविधता पृथ्वी पर जीवन के स्थायित्व के लिए आवश्यक है।
  2. जीव-जन्तुओं की विविधता:
    • पृथ्वी पर अनुमानित 5 से 30 मिलियन जीव-जन्तु मौजूद हैं।
    • इनमें से लगभग 1.7 से 1.8 मिलियन प्रजातियों की पहचान की गई है।
    • इनमें 1.2 मिलियन प्राणी और 0.5 मिलियन पौधों की प्रजातियाँ शामिल हैं।

जैव विविधता के उदाहरण:

  • सूक्ष्म जीव:
    • जैसे अमीबा (Amoeba) और क्लैमाइडोमोनास (Chlamydomonas)
  • विशाल जीव:
    • पौधों में यूकेलिप्टस रेग्नैस (Eucalyptus regnans) जिसकी ऊँचाई 114 मीटर होती है।
    • जन्तुओं में ब्लू व्हेल (Blue whale) जिसकी लम्बाई 35 मीटर और भार 199 टन होता है।

विविधता के क्षेत्र

  1. आकार और भार में विविधता:
    • सूक्ष्म अमीबा से विशालकाय ब्लू व्हेल तक।
  2. रंग और वास-स्थान में विविधता:
    • जीव विभिन्न रंगों और पर्यावरणीय परिस्थितियों में पाए जाते हैं।
  3. जीवन-शैली और पोषण विधि में विविधता:
    • जीवों की भोजन प्राप्त करने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है।
  4. प्रजनन और श्वसन प्रक्रियाओं में विविधता:
    • कुछ जीव लैंगिक (Sexual) प्रजनन करते हैं जबकि कुछ अलैंगिक (Asexual)।

निष्कर्ष

पृथ्वी पर उपस्थित जीवों की यह विविधता ही जैव-विविधता (Biodiversity) कहलाती है। जैव-विविधता प्रकृति का ऐसा उपहार है जो पृथ्वी को अन्य ग्रहों से विशिष्ट बनाता है। यह विविधता, जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे स्वभाव, गुण, वास स्थान, और जीवन-शैली में स्पष्ट दिखाई देती है। सभी जीव मिलकर पृथ्वी पर जीव-जगत (Living World) का निर्माण करते हैं।