नियत लम्बाई के दो रेखा खण्ड एक-दूसरे को पूरी तरह ढंक लेते हैं इसलिए सर्वागसम होते हैं।
समान माप और आकार की दो आकृतियां सर्वागसम होती हैं।
दो त्रिभुज सर्वागसम होते हैं यदि एक त्रिभुज के तीनों भुजाएं एवं तीनों कोण दूसरे त्रिभुज के तीनों संगत भुजाएं एवं तीनों संगत कोणों के बराबर हों।
दो सर्वागसम त्रिभुजों में एक त्रिभुज की तीनों भुजाएं एवं तीनों कोण दूसरे त्रिभुज के संगत भुजाओं एवं कोणों के तुल्य होते हैं।
किसी त्रिभुज की दो भुजाओं और उनके बीच का कोण यदि दूसरे त्रिभुज की संगत दो भुजाओं और उनके बीच बने कोण के समान हों तो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं। इसे भुजा कोण भुजा (SAS) सर्वागसमता कहते हैं।
किसी त्रिभुज के तीनों भुजाएं दूसरे त्रिभुज के संगत तीनों भुजाओं के बराबर हों तो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं। इसे भुजा भुजा भुजा (SSS) सर्वागसमता कहते हैं।
किसी त्रिभुज के दो कोण और एक भुजा दुसरे त्रिभुज के संगत दो कोणों और भुजाओं के अलग-अलग बराबर हो तो त्रिभुज सर्वागसम होते हैं। इसे कोण-भुजा-कोण (ASA) सर्वांगसमता कहते हैं।
किसी समकोण त्रिभुज का कर्ण व एक भुजा, दूसरे समकोण त्रिभुज के कर्ण व एक भुजा के अलग-अलग बराबर हो तो दोनों त्रिभुज सर्वागसम होते हैं। इसे समकोण कर्ण भुजा (R.H.S.) सर्वागसमता कहते हैं।