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छत्तीसगढ़ अध्ययन कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान ( इतिहास )

अध्याय 8 - छत्तीसगढ़ अध्ययन
अध्याय 8 – छत्तीसगढ़ अध्ययन

याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें

  • कल्चुरी राजाओं के छत्तीसगढ़ होने के कारण हमारे राज्य का नाम खत्तीसगढ़ चढ़ा।
  • तब छत्तीसगढ़ राज्य- रतनपुर राज्य (18 गढ़) व रायपुर राज्य (18) में विभक्त था।
  • प्राचीन काल में दक्षिण कौशल, महाकांतार, दण्डकारण्य, महाकौशल, मैकल क्षेत्र इसमें मिले हुए थे।
  • महानदी व शिवनाथ नदी इसकी सीमा रेखा थी। छत्तीसगढ़ में 10 वीं शताब्दी से 18 वीं शताब्दी तक कल्चुरि व सन् 1741 से मराठों का तथा सन् 1854 से 1947 तक अंग्रेजों का शासन था।
  • हमारे राज्य में हिन्दू अधिक है किन्तु कबीर और सतनाम पंथ का भी व्यापक प्रभाव दिखाई देता है। सोनाखान के जमींदार बोरनारायण सिंह स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रथम क्रांतिकारी थे।
  • ये सुन्दर लाल शर्मा की उनके कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ का गाँधी कहा जाता है।

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1. केवल नाम लिखिए-

(अ) सबसे अधिक वर्षों तक शासन करने वाला राजवंश-

उत्तर- कल्चुरिवंश, हैहयवंशी

(ब) सोनाखान के जमींदार-

उत्तर- वीरनारायण सिंह

(स) सबसे प्राचीन नाट्यशाला छत्तीसगढ़ में कहाँ है ?

उत्तर – सरगुजा जिला

(द) रायपुर फौजी छावनी में किसके नेतृत्व में क्रांति हुई ?

उत्तर- हनुमान सिंह राजपूत ।

(इ) किस पुलिस अधिकारी ने वर्दी त्यागकर राष्ट्रीय आन्दोलन में समर्पित भाव से कार्य किया ?

उत्तर – पं. लखन लाल मिश्र ।

प्रश्न 2. सही संबंध जोड़िए-

1.भोंसला शासक(क) हनुमान सिंह
2.क्रांतिकारी नेता(ख) विम्बाजी
3.साहित्यकार(ग) गुरु घासीदास
5.समाज सुधारक(घ) पं. गोपाल मिश्र ।

उत्तर- 1. (1), 2. (F), 3. (7), 4. (1),

प्रश्न 3. प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(1) इस क्षेत्र को छत्तीसगढ़ क्यों कहते हैं ?

उत्तर- इस क्षेत्र में प्राचीन काल में कल्चुरि राजाओं का शासन था। उस समय राज्य- रतनपुर राज्य और रायपुर राज्य के रूप में बेटा हुआ था। दोनों ही राज्यों में क्रमशः 18-18 गढ़ (किले) थे। इसलिए इस क्षेत्र का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा।

(2) छत्तीसगढ़ में राजनीतिक विकास किस तरह हुआ ?

उत्तर- आरंभ से ही छत्तीसगढ़ राज्य शांति प्रिय रहा है। इस क्षेत्र में ज्यादा राजनीतिक बदलाव देखने को नहीं मिलता। हमारे राज्य में लगभग दसवीं शताब्दी के अंत से अट्ठारहवीं शताब्दी के मध्य तक कल्चुरि वंश का शासन था। बाद में सन् 1741 से मराठा शासकों का प्रभाव भी छत्तीसगढ़ पर बढ़ा। उसके बाद अंग्रेजी प्रशासन सन् 1854 से 1947 तक रहा। तब यहाँ 14 सामंती राज्य और अनेक जमींदारियाँ भी थीं। आजादी की लड़ाई में हमारे राज्य के क्रांतिवीरों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 15 अगस्त, सन् 1947 की सुबह दिल्ली के लाल किले पर स्वतंत्र भारत का झण्डा फहराया गया। उसी के साथ छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी तत्कालीन खाद्यमंत्री आर. के. पाटिल ने तिरंगा फहराया। इस प्रकार छत्तीसगढ़ भी नये छत्तीसगढ़ के निर्माण की ओर आगे बढ़ा।