चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती – त्रिलोचन कक्षा 11 हिन्दी पद्य खंड
चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती मैं जब पढ़ने लगता हूँ वह आ जाती है खड़ी खड़ी चुपचाप सुना करती है। उसे बड़ा अचरज होता है इन काले चीन्हों से कैसे ये सब स्वर निकला करते हैं चंपा सुन्दर की…