भारतीय काव्यशास्त्र के आचार्य: मम्मट, क्षेमेन्द्र, विश्वनाथ एवं अन्य की तुलनात्मक समीक्षा

भारतीय काव्यशास्त्र के आचार्य: मम्मट, क्षेमेन्द्र, विश्वनाथ एवं अन्य की तुलनात्मक समीक्षा” आचार्य प्रमुख ग्रंथ काल मुख्य योगदान / विचार विशेषताएँ आचार्य मम्मट काव्यप्रकाश लगभग 11वीं-12वीं शताब्दी – काव्य के लक्षण: शब्द और अर्थ का सौन्दर्य। – अलंकार, ध्वनि, गुण, दोष, रस आदि का समन्वित विवेचन। – ध्वनि सिद्धांत का समर्थन। संस्कृत काव्यशास्त्र का सर्वाधिक …

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गिरधर कविराय –

गिरधर कविराय: नीति और व्यवहार के सच्चे कवि गिरधर कविराय, हिन्दी काव्य परंपरा के ऐसे लोकप्रिय कवि हैं जिन्हें जनजीवन का सच्चा सलाहकार कहा जाता है। इनका जन्म लगभग संवत् 1770 में माना गया है। इन्होंने अपनी रचनाओं से आम लोगों को नीति, व्यवहार और लोक-जीवन की समझ दी। जनकवि की पहचान आचार्य रामचंद्र शुक्ल …

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ठाकुर बुन्देलखण्डी (1766 से 1823 ई०)

स्वच्छन्द प्रेम के निर्भीक कवि: ठाकुर बुन्देलखण्डी हिंदी साहित्य में ‘ठाकुर’ नाम से तीन कवि प्रसिद्ध हुए, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण ठाकुर बुन्देलखण्डी माने जाते हैं। उनका पूरा नाम लाला ठाकुरदास था और वे ‘ठाकुर’ जाति के कायस्थ थे। उनका जन्म विक्रमी संवत् 1823 (1766 ई.) में ओरछा (बुन्देलखण्ड) में हुआ। दरबारी जीवन और प्रतिष्ठा …

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गुरु गोविन्दसिंह जी: सिख धर्म के योद्धा संत और साहित्यकार

गुरु गोविन्दसिंह जी: सिख धर्म के योद्धा संत और साहित्यकार गुरु गोविन्दसिंह (1666-1708 ई.) सिख धर्म के दसवें और अंतिम मानव गुरु थे, जिनका जन्म विक्रमी संवत् 1723 (1666 ई.) में बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। उनके पिता गुरु तेगबहादुर और माता गुजरीबाई थीं। गुरु गोविन्दसिंह न केवल एक महान योद्धा थे, बल्कि …

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दादूदयाल (1544-1603 ई०)

🌼 दादूदयाल (1544–1603 ई.) – निर्गुण भक्ति मार्ग के संत कवि 📍 जीवन परिचय: 🧬 वंश और जन्म की मान्यताएँ: 📿 गुरु और धार्मिक प्रेरणा: 📚 मुख्य रचनाएँ: 🌸 भक्ति और काव्य विशेषताएँ: 🕊️ प्रेम-भावना से ओतप्रोत उदाहरण – दादू की बानी: भाई रे। ऐसा पंथ हमारा।द्वै पंख रहित पंथ गह पूरा अबरन एक अधारा।बाद …

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भूषण (सन् 1613-1715 ई.)

भूषण (संवत् 1670 – 1772) – वीररस के प्रमुख कवि 📍 जीवन परिचय: ⚔️ राजाश्रय और वीरता के प्रति समर्पण: ✍️ प्रमुख रचनाएँ: 🔸 ‘शिवराजभूषण’ नामक ग्रंथ में अलंकारों का निरूपण किया गया है, लेकिन वह अलंकार शास्त्र की दृष्टि से श्रेष्ठ नहीं माना गया। 🗣️ भाषा एवं काव्य विशेषताएँ: 💥 प्रसिद्ध वीररस युक्त उदाहरण …

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मलूकदास (1574-1682ई.)

मलूकदास (1574–1682 ई.) – संक्षिप्त नोट्स 🔆 महत्वपूर्ण विशेषताएँ: 🧘‍♂️ गुरु के विषय में मतभेद: 📚 प्रमुख रचनाएँ: ✍️ कविता की विशेषताएँ: 💬 प्रसिद्ध उद्धरण: “अजगर करै न चाकरी, पंछी करै न काम।दास मलूका कहि गए, सबके दाता राम।।” “कहत मलूक जो बिन सिर खेपै सो यह रूप बखानै।या नैया के अजब कथा, कोई बिरला …

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ईश्वरदास

ईश्वरदास – संक्षिप्त नोट्स (Short Notes): ➡️ ईश्वरदास तुलसी पूर्व रामभक्ति काव्य परंपरा के एक सशक्त स्तंभ हैं, जिनकी काव्य रचनाएँ भक्ति, करुणा और वीरता से भरपूर हैं।

रैदास (15वीं शताब्दी)

संत रैदास (रविदास) – संक्षिप्त नोट्स (Short Notes): ➡️ संत रैदास भारतीय भक्तिकाल के एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं। उन्होंने जातिगत भेदभाव के विरुद्ध प्रेम, भक्ति और मानवता का संदेश दिया।

अमीर खुसरो

अमीर खुसरो – संक्षिप्त विवरण (Short Notes): ➡️ अमीर खुसरो की पहेलियाँ भारतीय लोक साहित्य की बहुमूल्य धरोहर हैं, जो आज भी बाल साहित्य और प्रतियोगी परीक्षाओं में उपयोगी मानी जाती हैं।

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