जन्म: 28 जुलाई 1926 बनारस, उत्तर प्रदेश
निधन: 19 फरवरी 2019, नयी दिल्ली
नामवर सिंह का साहित्यिक परिचय
- हिन्दी के शीर्षस्थ शोधकार
- समालोचक
- निबन्धकार
- मूर्द्धन्य सांस्कृतिक-ऐतिहासिक उपन्यास लेखक
- हजारी प्रसाद द्विवेदी के प्रिय शिष्य
- विशुद्ध आलोचना के प्रतिष्ठापक
- प्रगतिशील आलोचना के प्रमुख हस्ताक्षर।
अध्यापन एवं लेखन के अलावा उन्होंने 1965 से 1967 तक जनयुग (साप्ताहिक) और 1967 से 1990 तक आलोचना (त्रैमासिक) नामक दो हिन्दी पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
कृतियाँ
- बक़लम ख़ुद
- हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग
- पृथ्वीराज रासो की भाषा
- आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ – 1954
- छायावाद – 1955
- इतिहास और आलोचना – 1957
- कहानी : नयी कहानी – 1964
- कविता के नये प्रतिमान – 1968
- दूसरी परम्परा की खोज – 1982
- वाद विवाद संवाद – 1989
- आलोचक के मुख से – 2005
- कविता की ज़मीन और ज़मीन की कविता – 2010
- हिन्दी का गद्यपर्व – 2010
- प्रेमचन्द और भारतीय समाज – 2010
- ज़माने से दो दो हाथ – 2010
- साहित्य की पहचान – 2012
- आलोचना और विचारधारा – 2012
- आलोचना और संवाद – 2018
- पूर्वरंग –
आलोचना-
आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ – 1954
छायावाद – 1955
इतिहास और आलोचना – 1957
कहानी : नयी कहानी – 1964
कविता के नये प्रतिमान – 1968
दूसरी परम्परा की खोज – 1982
वाद विवाद संवाद – 1989
सम्मान
- साहित्य अकादमी पुरस्कार – 1971″कविता के नये प्रतिमान” के लिए
- शलाका सम्मान हिंदी अकादमी, दिल्ली की ओर से
- ‘साहित्य भूषण सम्मान’ उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से
- शब्दसाधक शिखर सम्मान – 2010 (‘पाखी’ तथा इंडिपेंडेंट मीडिया इनिशिएटिव सोसायटी की ओर से)
- महावीरप्रसाद द्विवेदी सम्मान – 21 दिसम्बर 2010