समास हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर एक नया शब्द बनाने की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में, शब्दों के बीच के विभक्तियों का लोप हो जाता है और एक नया सार्थक शब्द बनता है।
समास की परिभाषा:
जब दो या दो से अधिक शब्द (पद) मिलकर एक नया सार्थक शब्द बनाते हैं, तो उस शब्द को समास कहते हैं। समास में, पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहा जाता है।
समास के उदाहरण:
- राजपुत्र = राजा का पुत्र
- रसोईघर = रसोई के लिए घर
- नीलकंठ = नीला है कंठ जिसका (शिव)
समास के भेद:
हिंदी व्याकरण में समास के मुख्य रूप से छह भेद होते हैं:
- अव्ययीभाव समास:
- तत्पुरुष समास:
- इस समास में उत्तरपद प्रधान होता है और पूर्वपद गौण।
- उदाहरण: राजपुत्र, कर्मवीर, देशभक्ति।
- कर्मधारय समास:
- इस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य होता है।
- उदाहरण: नीलकंठ, चरणकमल, पीतांबर।
- द्विगु समास:
- इस समास में पूर्वपद संख्यावाची होता है और उत्तरपद संज्ञा।
- उदाहरण: चौराहा, त्रिलोक, पंचवटी।
- द्वंद्व समास:
- इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं।
- उदाहरण: माता-पिता, रात-दिन, दाल-रोटी।
- बहुव्रीहि समास:
- इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता है, बल्कि एक नया अर्थ निकलता है।
- उदाहरण: नीलकंठ, लंबोदर, दशानन।
समास हिंदी भाषा में शब्दों को संक्षिप्त और प्रभावी बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।