संघ – निमैटोडा (Phylum – Nematoda)
स्थापना:
इस संघ की स्थापना गेगेनबौर (Ciegenbaur, 1550) ने की थी। इसमें लगभग 15,000 प्रजातियाँ ज्ञात हैं। निमैटोडा का अर्थ है सूत्रकृमि या गोलकृमि (Gr. Nema – Thread, Helmins – Worms)।
प्रमुख लक्षण (Important Characters)
- आवास:
- ये जल या गीली मिट्टी में पाए जाते हैं।
- कुछ सदस्य अंतःपरजीवी (Endoparasite) होते हैं।
- शारीरिक संरचना:
- शरीर अखंडित, लंबे-पतले, धागे जैसा बेलनाकार होता है।
- दोनों सिरे नुकीले (Tapering) होते हैं।
- शरीर पर कड़ा ऊपरी आवरण (Cuticle) होता है।
- द्विपार्श्व सममिति (Bilateral symmetry) पाई जाती है।
- मांसपेशियाँ:
- एपिडर्मिस के नीचे अनुदैर्ध्य मांसपेशियाँ (Longitudinal muscles) होती हैं।
- देहगुहा (Pseudocoel):
- कृत्रिम देहगुहा पाई जाती है।
- कंकाल:
- वास्तविक कंकाल नहीं होता।
- देहगुहा के द्रव का उच्च दाब शरीर की आकृति को बनाए रखता है, जिसे जल कंकाल (Hydroskeleton) कहते हैं।
- आहारनाल:
- पूर्ण आहारनाल होती है।
- मुख शरीर के अग्र सिरे पर ओष्ठों (Lips) से घिरा होता है।
- श्वसन और परिवहन तंत्र:
- रक्त-परिवहन तंत्र और श्वसन तंत्र नहीं होते।
- श्वसन बाहरी सतह से विसरण द्वारा होता है।
- उत्सर्जन तंत्र:
- ग्रंथि कोशिकाओं (Gland cells) या अंतःकोशिकीय नलिकाओं (Intracellular canals) से बना होता है।
- उत्सर्जी पदार्थ अमोनिया होता है, ऐसे जीव को अमोनोटेलिक (Ammonotelic) कहते हैं।
- तंत्रिका तंत्र:
- अग्रतंत्रिका वलय (Nerve ring) और छह अनुदैर्ध्य तंत्रिका रज्जु (Nerve cords) पाई जाती हैं।
- प्रजनन तंत्र:
- नर और मादा पृथक होते हैं।
- लैंगिक द्विरूपता (Sexual dimorphism) पाई जाती है।
- नर छोटा और पश्च भाग मुड़ा होता है।
- मैथुन के लिए पेनिकल कंटक (Penicle spicules) होते हैं।
- मादा के शरीर में निषेचन होता है।
- शिशु लार्वा (Larva) कहलाता है, जो त्वक-पतन (Moulting) द्वारा वयस्क बनता है।
वर्गीकरण (Classification)
इस संघ को दो वर्गों में बाँटा गया है:
- एफैस्मीडिया (Aphasmidia):
- उदाहरण: ट्राइकिनेला (Trichinella), मार्मिस (Mermis)।
- फैस्मीडिया (Phasmidia):
- उदाहरण: ऐस्केरिस (Ascaris), एन्काइलोस्टोमा (Ancylostoma), वुचेरिया (Wuchereria)।
महत्वपूर्ण उदाहरण (Important Examples)
1. गोलकृमि (Ascaris)
- मनुष्य, सूअर, भेड़, और बंदर आदि के आँत का परजीवी है।
- शरीर लंबा, बेलनाकार, और सिरों पर नुकीला होता है।
- नर और मादा पृथक होते हैं। मादा, नर से बड़ी होती है।
- नर का पश्च सिरा मुड़ा होता है और स्पिक्यूल युक्त होता है।
- अग्र सिरे पर मुख और पश्च सिरे पर गुदा पाई जाती है।
- शरीर के अग्र सिरे पर उत्सर्जन छिद्र तथा मादा में जनन छिद्र होता है।
- शरीर पर चार धारियाँ (पृष्ठ, अधर, और पाश्व) होती हैं।
- मुख को तीन ओष्ठ (दो अधर और एक पृष्ठ) घेरे रहते हैं।