स्मरणीय बिन्द
- हमारे भोजन में नमक और पेंसिल में स्थित ग्रेफाइट खनिज है।
- जिन चट्टानों से खनिजों का खनन किया जाता है उन्हें अयस्क कहते हैं।
- सभी चट्टानों में खनिज नहीं पाया जाता है।
- विश्व का प्रथम जलविद्युत् उत्पादक देश नार्वे है। विश्व का प्रथम सौर चालित और पवन चालित बस अड्डा स्कॉटलैण्ड में है।
- प्रथम ज्वारीय ऊर्जा स्टेशन फ्रांस में बनाया गया था। मैं प्राकृतिक गैस से पर्यावरण प्रदूषण कम होता है।
महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्द
- खनिज पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाला पदार्थ जिसका निश्चित रासायनिक संगठन हो।
- धात्विक खनिज-जिन खनिजों से धातु प्राप्त हो। 3. लौह खनिज वह खनिज जिसमें लोहा विद्यमान हो ।
- अयस्क खनिज तत्व रखने वाली चट्टान अवस्क है।
- शैल अनिश्चित खनिज संघटनों से निर्मित ठोस समूह।
- खनन पृथ्वी के सतह से खनिजों को बाहर निकालने की प्रक्रिया।
- प्रवेधन भूपटल को अधिक गहराई से खनिज निकालने को प्रक्रिया।
- परम्परागत ऊर्जा स्रोत जो ऊर्जा प्राप्ति के लिये अनादिकाल से उपयोग में लाये जा रहे हैं।
- ज्वारीय ऊर्जा समुद्री ज्वार से प्राप्त कर्जा ।
- भूतापीय ऊर्जा पृथ्वी के ताप से प्राप्त ऊर्जा ।
- बायो गैस-पौधे, जन्तु गोबर, अवशिष्ट खाद्य पदार्थों से बनी गैस- बायोगैस ।
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये-
(i) प्रतिदिन आपके उपयोग में आने वाले तीन सामान्य खनिजों के नाम बताइये।
उत्तर- प्रतिदिन उपयोग में आने वाले खनिज- 1. लोहा, 2. नमक, 3. ऐल्युमिनियम, 4. ग्रेफाइट हैं।
(ii) अयस्क क्या है ? धात्विक खनिजों के अयस्क सामान्यतः कहाँ पाये जाते हैं ?
उत्तर- चट्टानों में अशुद्धियों के साथ मिला हुआ खनिज अयस्क कहलाता है। धात्विक खनिजों के अयस्क आग्नेय और कायान्तरित चट्टानों में पाये जाते हैं।
(iii) प्राकृतिक गैस संसाधनों में सम्पन्न दो प्रदेशों के नाम बताइये।
उत्तर- प्राकृतिक गैस संसाधनों में सम्पन्न दो प्रदेश- 1. कृष्णा गोदावरी डेल्टा, 2. मुम्बई के अपतटीय प्रदेश।
(iv) निम्न के लिये आप ऊर्जा के किन स्रोतों का सुझाव देंगे – (क) ग्रामीण क्षेत्रों (ख) तटीय क्षेत्रों (ग) शुष्क प्रदेशों ।
उत्तर- ऊर्जा के स्त्रोत- (क) ग्रामीण क्षेत्रों के लिये बायोगैस (ख) तटीय क्षेत्रों के लिये ज्वारीय ऊर्जा, पवन (ग) शुष्क प्रदेशों के लिये पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा ।
(v) पाँच तरीके दीजिये जिससे कि आप घर पर ऊर्जा बचा सकते हैं।
उत्तर- घर पर ऊर्जा बचाने के पाँच तरीके-
1. काम समाप्त होने पर घर के लाइट व पंखें बंद करें।
2. घर के बाहर जाते समय सभी स्वीच बंद रखें।
3. खिड़की व रोशनदान का प्रयोग लाइट व हवा के लिये करें।
4. खाना प्रेशर कुकर में पकायें।
5. सब्जियों को घोकर, काटकर फिर गैस जलायें।
प्रश्न 2. सही उत्तर को चिन्हित कीजिये-
(i) निम्नलिखित में से कौन-सी एक खनिजों की विशेषता नहीं है-
(क) वे प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं
(ख) उनका एक निश्चित रासायनिक संघटन होता है
(ग) वे असामाप्य होते हैं।
(घ) उनका वितरण असमान होता है।
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा अभ्रक का उत्पादक नहीं है-
(क) झारखंड
(ख) राजस्थान
(घ) आंध्रप्रदेश।
(ग) कर्नाटक
(iii) निम्नलिखित में से कौन विश्व में ताँबे का अग्रणी उत्पादक है-
(क) बोलीविया
(ख) चिली
(ग) घाना
(घ) जिम्बाब्वे ।
(iv) निम्नलिखित प्रक्रियाओं में से कौन-सी आपके रसोईघर में द्रवित पेट्रोलियम गैस (एल.पी.जी.) को संरक्षित नहीं करेगी-
(क) पकाने के से पहले दाल को कुछ समय के लिये भिगोना
(ख) प्रेशर कुकर में खाना पकाना
(ग) पकाने के लिये गैस जलाने के पूर्व सब्जी को काट लेना
(घ) खुली कड़ाही में कम ज्वाला पर भोजन पकाना।
उत्तर- (i) (ग), (ii) (ग), (iii) (ख), (iv) (घ)।
प्रश्न 3. कारण बताइये –
(i) बड़े बाँधों के निर्माण के पूर्व पर्यावरणीय पहलुओं को ध्यानपूर्वक देखना चाहिये।
उत्तर- बड़े बाँध बनाने से पर्यावरण को बहुत हानि होती है। बड़े-बड़े जंगलों को काटा जाता है। नदियों को टुकड़ों में बाँट दिया जाता है। जलीय जीवों को अण्डे देते समय हानि होती है। बहुत से लोग विस्थापित हो जाते हैं। भूसंतुलन बिगड़ जाता है। इसलिये पर्यावरणीय पहलू पर ध्यान देना आवश्यक है।
(ii) अधिकांश उद्योग कोयला खानों के पास केन्द्रित होते हैं।
उत्तर- कोयला उद्योगों के लिये ऊर्जा का स्रोत है। भारी होने के कारण इसका परिवहन महँगा पड़ता है। लाने ले जाने में। समय और धन की बरबादी होती है। इसलिये उद्योग कोयला खानों के पास लगाये जाते हैं।
(iii) पेट्रोलियम को ‘काला सोना’ कहा जाता है।
उत्तर- पेट्रोलियम तथा उसके अन्य उत्पादों के महत्व के कारण उसे काला सोना कहा जाता है।
(iv) आखनन पर्यावरणीय चिंता का विषय हो सकता है।
उत्तर- आखनन के कारण उड़ने वाली धूल से पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। इससे श्वास संबंधी बीमारियाँ और चर्म रोग बढ़ जाते हैं। जल संसाधन भी प्रदूषित होने लगते हैं।