माइकोप्लाज्मा

माइकोप्लाज्मा (Mycoplasma)

माइकोप्लाज्मा एक प्रकार के सूक्ष्मजीव हैं, जो जीवाणु और विषाणु दोनों के गुण प्रदर्शित करते हैं। ये प्रोकैरियोटिक जीव होते हैं और सबसे सूक्ष्म जीवों में से एक माने जाते हैं। इनकी खोज 1898 में नोकॉर्ड और रॉक्स (Nocard and Roux) द्वारा की गई थी, जब उन्होंने प्लूरोन्यूमोनिया रोग से ग्रस्त पशुओं के प्लूरल द्रव के अध्ययन के दौरान इन्हें पहचाना।

माइकोप्लाज्मा के प्रमुख लक्षण (Characteristic Features)

  1. कोशिका संरचना:
    • माइकोप्लाज्मा एक अत्यन्त सूक्ष्म, एककोशिकीय (Unicellular), अचल (Non-motile) और प्रोकैरियोटिक जीव है, जिसे केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी (Electron microscope) से देखा जा सकता है।
    • इनमें कोशिका भित्ति का अभाव होता है, जिससे इनका कोई निश्चित आकार नहीं होता और ये बहुरूपी (Polymorphic) होते हैं।
    • इनकी कोशिका एक द्विस्तरीय इकाई झिल्ली (Bilayered unit membrane) से घिरी रहती है।
  2. जीवाणु जनित्र:
    • माइकोप्लाज्मा अत्यधिक सूक्ष्म होते हैं और जीवाणु जनित्र (Bacterial filter) को भी पार कर सकते हैं।
    • Mycoplasma galisepticum सबसे सूक्ष्मतम ज्ञात माइकोप्लाज्मा जीव है।
  3. जीन सामग्री:
    • इनमें DNA और RNA दोनों पाये जाते हैं। DNA की मात्रा लगभग 4% और RNA की मात्रा 8% तक होती है।
  4. ग्राम प्रतिक्रिया:
    • ये ग्राम निगेटिव (Gram negative) होते हैं और अधिकांश प्रतिजैविक (Antibiotics) इन पर प्रभाव नहीं डालते, लेकिन ये टेट्रासाइक्लीन (Tetracycline) के प्रति संवेदनशील होते हैं।
  5. पोषण:
    • माइकोप्लाज्मा परजीवी (Parasitic) या मृतोपजीवी (Saprophytic) हो सकते हैं। ये रोगग्रस्त पौधों के फ्लोयम (Phloem) की चालनी नलिकाओं (Sieve tubes) में पाए जाते हैं।

माइकोप्लाज्मा की संरचना (Structure of Mycoplasma)

  1. कोशिका भित्ति का अभाव:
    • माइकोप्लाज्मा की कोशिका भित्ति नहीं होती, जिसके कारण इनका आकार अस्थिर होता है।
  2. झिल्ली:
    • कोशिका एक द्विस्तरीय इकाई झिल्ली (Bilayered unit membrane) से घिरी होती है, जो लाइपोप्रोटीन (Lipoprotein) की बनी होती है।
  3. आंतरिक संरचनाएँ:
    • इनके अंदर निम्नलिखित संरचनाएँ पाई जाती हैं:
      • घुलनशील प्रोटीन (Soluble protein)
      • DNA (द्विकुण्डलित)
      • RNA कण
      • 70S राइबोसोम्स (Ribosomes)
      • कोलेस्टेरॉल (Cholesterol) और कोलेस्टोएस्टर (Cholestoester)
  4. आकार और परिधि:
    • इनकी परिधि 80-800 नैनोमीटर तक हो सकती है और इकाई झिल्ली की मोटाई लगभग 8 नैनोमीटर होती है।

माइकोप्लाज्मा का जीवन चक्र (Life Cycle of Mycoplasma)

माइकोप्लाज्मा का जीवन चक्र पूरी तरह से ज्ञात नहीं है, लेकिन यह सामान्यतः एक एलीमेंटरी बॉडी (Elementary body) के रूप में शुरू होता है। यह प्रारंभिक अवस्था में भोज्य पदार्थों का अवशोषण करके माध्यमिक कोशिका (Intermediate cell) का निर्माण करता है और अंततः एक प्रौढ़ कोशिका (Mature cell) में परिवर्तित हो जाता है।

  • प्रजनन:
    • प्रौढ़ कोशिका का विखण्डन द्वारा या फिर कोशिका में अंतर्विष्ट एलीमेंटरी बॉडी द्वारा प्रजनन होता है।
    • एलीमेंटरी बॉडी की संख्या 5 से 10 तक हो सकती है, और ये मातृ कोशिका से पृथक होकर नई प्रौढ़ कोशिका उत्पन्न करती हैं।

निष्कर्ष:

माइकोप्लाज्मा के लक्षण और संरचना यह दर्शाते हैं कि वे जीवाणुओं और विषाणुओं के बीच का एक कड़ी (Connecting link) होते हैं। इनका जीवन चक्र और संरचना इसे अन्य सूक्ष्मजीवों से अलग बनाती है और शोधकर्ताओं के लिए यह एक दिलचस्प अध्ययन का विषय है।

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