अर्थ की दृष्टि से शब्दों का भेद
शब्दों को उनके अर्थ के आधार पर मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जाता है:
1. सार्थक शब्द
वे शब्द जिनका कोई निश्चित और स्पष्ट अर्थ होता है और जो किसी वस्तु, गुण, या क्रिया का बोध कराते हैं, उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं। इन शब्दों का प्रयोग भाषा में विचार और भाव व्यक्त करने के लिए होता है।
उदाहरण:
- वस्तुओं के नाम: पलंग, किताब, मोबाइल, मोमबत्ती।
- गुण: ठंडा, मीठा, कड़वा।
- क्रियाएँ: पढ़ना, चलना, सोना।
विशेषता: सार्थक शब्द भाषा के संप्रेषण का मूल आधार होते हैं और संवाद में उपयोगी होते हैं।
2. निरर्थक शब्द
वे शब्द जो बिना किसी स्पष्ट अर्थ के बने होते हैं, जिनका कोई अर्थ नहीं होता और जो भाषा के सामान्य उपयोग में नहीं आते, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं।
उदाहरण:
- सोलोइय, युफ्सियत, ओसभ, कोकी।
विशेषता: निरर्थक शब्दों का कोई व्यवहारिक या व्याकरणिक महत्व नहीं होता। ये शब्द भाषा में प्रयुक्त नहीं होते और इनका प्रयोग अक्सर किसी खेल, शरारत, या गलती से होता है।
सारांश:
सार्थक शब्दों का भाषा में व्यापक उपयोग होता है क्योंकि वे अर्थपूर्ण और प्रासंगिक होते हैं। जबकि निरर्थक शब्दों का कोई विशेष उपयोग नहीं होता और वे व्यर्थ माने जाते हैं।