सजीवों में उत्सर्जन: स्मरणीय तथ्य
- अपशिष्ट पदार्थ: जैविक क्रियाओं के फलस्वरूप शरीर में बने अनुपयोगी पदार्थों को अपशिष्ट पदार्थ कहते हैं।
- उत्सर्जन: अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं।
- उत्सर्जन तंत्र: वृक्क, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय तथा मूत्रमार्ग मिलकर उत्सर्जन तंत्र का निर्माण करते हैं।
- यकृत में अमोनिया का रूपांतरण: यकृत में अमोनिया को यूरिया में बदल दिया जाता है।
- वृक्क का कार्य: वृक्क रक्त में से अपशिष्ट पदार्थों को छानने का कार्य करता है।
- शुष्क वातावरण में उत्सर्जन: शुष्क वातावरण में रहने वाले जन्तु यूरिक अम्ल का उत्सर्जन ठोस रूप में करते हैं।
- सरल सूक्ष्म जीवों में उत्सर्जन: सरल सूक्ष्म जीवों में उत्सर्जन कोशिकाओं की सतह से विसरण विधि द्वारा होता है।
- जन्तुओं और पौधों में उत्सर्जन: जन्तुओं में उत्सर्जन क्रिया के लिए विशेष अंग होते हैं, किन्तु पौधों में नहीं होते।
- पौधों में अपशिष्ट पदार्थ का संग्रहण: कुछ पौधों में अपशिष्ट पदार्थ पत्तियों, छाल तथा तना आदि में संग्रहित हो जाते हैं।
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए
- रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को छानने का कार्य करता है-
(ग) वृक्क - मनुष्य का मुख्य उत्सर्जी पदार्थ है-
(ख) यूरिया - पक्षी की बीट में यूरिक अम्ल का रंग होता है-
(ख) सफेद - हमारे शरीर में किस अंग द्वारा अमोनिया को यूरिया में बदला जाता है-
(क) यकृत - किस जीव में अमोनिया का जल में सीधा विसरण शरीर की सतह से होता है-
(घ) अमीबा
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
- हमारे शरीर से अपशिष्ट पदार्थ को निकालना क्यों आवश्यक है?
उत्तर: हमारे शरीर से अपशिष्ट पदार्थ को निकालना इसलिए आवश्यक है क्योंकि ये अपशिष्ट पदार्थ शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। - वृक्क कहाँ स्थित होते हैं?
उत्तर: हमारे शरीर में वृक्क डायफ्रॉम के नीचे उदर गुहा में, रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर स्थित होते हैं। - मूत्र का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर: पाचन क्रिया के फलस्वरूप बनी अमोनिया गैस रक्त के साथ यकृत में पहुँच कर कार्बन डाइऑक्साइड के साथ मिलकर यूरिया बनाती है। यूरिया तथा अन्य तरल पदार्थ मिलकर मूत्र का निर्माण करते हैं, जो वृक्क से छनकर मूत्र रूप में उत्सर्जित कर दिया जाता है। - पौधों के अपशिष्ट पदार्थ कौन-कौन से हैं?
उत्तर: पौधों में अपशिष्ट पदार्थ –
ठोस अपशिष्ट पदार्थ: तने की छाल, गिरे हुए पत्ते, रेफिड।
तरल अपशिष्ट पदार्थ: गोंद, रेजिन, चन्दन की लकड़ी का तेल, यूकेलिप्टस का तेल। - पक्षियों तथा कीटों में उत्सर्जन किस प्रकार होता है?
उत्तर: पक्षियों तथा कीटों में अमोनिया ठोस रूप में यूरिक अम्ल में बदल जाती है। इनकी बीट कुछ सफेद व काला रंग लिये हुए होती है। बीट में पाया जाने वाला सफेद भाग यूरिक अम्ल का तथा काले भाग में भोजन के अपशिष्ट पदार्थ होते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
लघु उत्तरीय प्रश्न
- मनुष्य में कौन-से अपशिष्ट पदार्थ बनते हैं?
उत्तर: मनुष्य में CO2, यूरिया, यूरिक अम्ल, लवण, पसीना, मल पदार्थ अपशिष्ट पदार्थ बनते हैं। - पौधों के दो अपशिष्ट पदार्थों के नाम बताइए, जो मनुष्य के लिए लाभप्रद हैं।
उत्तर: गोंद तथा रेजिन पौधों के दो ऐसे अपशिष्ट पदार्थ हैं जो मनुष्य के लिए लाभप्रद हैं।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
- मूत्र में शर्करा की अधिक मात्रा कौन-सी बीमारी का लक्षण है?
उत्तर: मधुमेह (डायबीटिज) का। - प्रकाश-संश्लेषण के फलस्वरूप अपशिष्ट पदार्थ के रूप में कौन-सी गैस निकलती है?
उत्तर: ऑक्सीजन। - मनुष्य शरीर का प्रमुख उत्सर्जी पदार्थ क्या है?
उत्तर: मूत्र।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. रिक्त स्थान भरिये
- वृक्क डायफ्राम के नीचे पाया जाता है।
- प्रत्येक वृक्क के भीतरी भाग से रक्त दो वाहिकाएँ जुड़ी रहती हैं।
- मूत्राशय माँसपेशियों की बनी एक थैली है।
- पाचन क्रिया के फलस्वरूप अमोनिया गैस बनती हैं।
- जलीय जीवों में बनने वाली अमोनिया सीधे, पानी में घुलकर उत्सर्जित हो जाती है।