सूकतयः कक्षा 8 संस्कृत पाठ 19
1. श्रद्धावान् लभते ज्ञानम् ।
अनुवाद — श्रद्धावान व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करता है।
2. योगः कर्मसु कौशलम् ।
अनुवाद-कर्मों में कुशलता ही योग है ।
3. वीरभोग्या वसुन्धरा ।
अनुवाद – पृथ्वी वीरों के द्वारा भोगी जाती है।
4. महाजनो येन गतः स पन्थाः ।
अनुवाद – श्रेष्ठ लोग जिधर से जाएँ, वही मार्ग है।
5. यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः ।
अनुवाद – जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं।
6. सत्यमेव जयते नानृतम् ।
अनुवाद – सत्य की ही जीत होती है, असत्य की नहीं।
7. परोपकाराय सतां विभूतयः ।
अनुवाद- -सज्जनों की सम्पत्ति भलाई के लिए होती है।
8. दूरतः पर्वताः रम्याः
अनुवाद-दूर के ढोल सुहावने होते हैं।
9. धर्मेण हीनाः पशुभिर्समाना ।
अनुवाद-धर्म-हीन (मनुष्य) पशु के समान है।
10. लोभः पापस्य कारणम् ।
अनुवाद -लोभ पाप का कारण है।
अभ्यास प्रश्ना:
1. निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(अ) कः ज्ञानं लभते ?
(कौन ज्ञान प्राप्त करता है ?)
उत्तर- श्रद्धावान् ज्ञानं लभते।
(श्रद्धावान् व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करता है।)
(ब) देवताः कुत्र रमन्ते ?
(देवता कहाँ निवास करते हैं ?)
उत्तर- -यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, तत्र देवताः रमन्ते ।
(जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं।)
(स) धर्मेण हीना नराः कीदृशाः भवन्ति ?
(धर्महीन मनुष्य कैसे होते हैं ?)
उत्तर- धर्मेण हीना: नराः पशुभिर्समानाः भवन्ति ।
(धर्महीन मनुष्य पशु के समान होते हैं।)
(द) दूरतः पर्वताः कीदृशाः दृश्यन्ते ?
(दूर के पर्वत कैसे दिखाई देते हैं ?)
उत्तर – दूरतः पर्वताः रम्या दृश्यन्ते ।
(दूर के पर्वत सुहावने होते हैं।)
(इ) पापस्य कारणं किम् ?
(पाप का क्या कारण है ?)
उत्तर- पापस्य कारणं लोभः अस्ति ।
(पाप का कारण लोभ है।)
2. “लभ्” धातु का रूप आत्मनेदपद में तीनों पुरुषों में और तीनों वचनों में लिखिए।
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथम पुरुष | लभते | लभेते | लभन्ते |
मध्य पुरुष | लभसे | लभेथे | लभध्वे |
उत्तम पुरुष | लभे | लभावहे | लभामहे |
3. निम्नांकित शब्दों का सन्धि विच्छेद कर प्रकार लिखिए-
नार्यस्तु- नार्यः + तू (विसर्ग संधि)
सत्यमेव-सत्यम् + एव (स्वर संधि)
नानृतम्-न + अनृतम् (स्वर संधि)
4. निम्न शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
1. ज्ञानम् – श्रद्धावान् ज्ञानं लभते ।
2. सताम्-परोपकाराय सतां विभूतयः
3. लोभः -पापस्य कारणं लोभः
4. जयति- कवेः भारती जयति
5. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. श्रद्धावान् ……..ज्ञानम् ।
2. परोपकाराय संतां ………
3. …….. जयते नानृतम् ।
4. धर्मेण…… पशुभिः समानाः ।
5. दूरतः पर्वताः …….. |
उत्तर- 1. लभते, 2. विभूतयः, 3. सत्यमेव, 4. हीनाः, 5. रम्या: ।’