रायपुरनगरम् कक्षा सातवीं विषय संस्कृत पाठ 4
इदं अस्माकं रायपुर नगरं खारून नद्याः तटे रायपुरं अस्ति छत्तीसगढ़ प्रदेशस्य राजधानी रायपुरनगर अस्ति अस्य नगरस्य महत्वं प्राचीनकालादेव वर्तते इयं नगरी तडागानां नगरी इति कथ्यते। अत्र अष्टादशाधिकाः तडागाः सन्ति। अत्र अति प्राचीन खो खो तडागः बूढ़तडागः (विवेकानंद सरोवर: ) महाराज- बन्धः कंकाली तडागः इत्यादयः ऐतिहासिकं महत्वं द्योतयन्ति । इयम् नगरी छत्तीसगढ़ क्षेत्रस्य संस्कारधानी नगरी इति अभिधीयते।
अत्र दूधाधारी मठः, महामाया मंदिरं, कंकाली मंदिरं, जैतुसाव मठः, महादेव घट्टः, हटकेश्वर मंदिराणि अति प्राचीनानि सन्ति । येषां दर्शनमात्रेण हृदि शान्तिम् अनुभूयते दुधाधारी मठस्य निर्माण १६२० संवत्सरे संजातम् ।
शब्दार्थाः-नद्याः = नदी के, अस्य इस, वर्तते = हैं, प्राचीनकालादेव प्राचीनकाल से ही इयं यह तड़ागानां तालाबों की, कथ्यते = कहा जाता है, द्योतयन्ति हैं, अभिधीयते कही जाती है, इदि हृदय में, अनुभूयते अनुभव होता है, सञ्जातम् = हुआ।
अनुवाद – यह हमारा रायपुर नगर है। रायपुर नगर खारुन नदी के तट पर स्थित है। रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी है। इस नगर का महत्व प्राचीन काल से ही है। इस नगर को तालाबों का नगर कहा जाता है। यहाँ 18 से अधिक तालाब हैं। इनमें अति प्राचीन खो खो तालाब, बूढ़ातालाब (विवेकानंद सरोवर) महाराज- बंध, कंकाली तालाव आदि का ऐतिहासिक महत्व है। यह नगरी छत्तीसगढ़ क्षेत्र की संस्कार धानी नगरी कही जाती है।
यहाँ दूधाधारी मठ, महामाया मंदिर, कंकाली मंदिर, जैतु साव मठ, महादेव घाट का हटकेश्वर मंदिर अत्यन्त प्राचीन मंदिर हैं। इनके दर्शन मात्र से हृदय में शांति का अनुभव होता है। दूधाधारी मठ का निर्माण संवत् १६२० में हुआ था।
अत्र राजनांदगावनाम्नः राजस्य महंत घासीदास नरेशेन १८७५ खीस्ततमे निर्मितं प्राचीनतम् अष्टकोणीभवनं अस्ति। अपि च टाउन हाल इति नाम्नः शताधिकवर्ण प्राचीन भवनं अस्ति। तचैव राजकुमार कालेज, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर च दर्शनीयी अत्र रविशंकर विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालयस्य स्तः । कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालयः अपि नूतनं स्थापितं । अत्र एकः संस्कृत महाविद्यालयः अस्ति पत्र साहित्य- व्याकरण-दर्शन- वेद-ज्योतिष् कर्मकाण्डश्च विषयाः सन्ति अत्र छत्तीसगढ़। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् शिक्षा महाविद्यालय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानश्चापि विद्यन्ते ।
घंटिका चतुष्पथम् (घड़ी चौक) अस्य नगरस्य प्रसिद्ध स्थलमस्ति नगरस्य विवेकानंद आश्रमे विवेकानंद जयंती समारोहे विशिष्ट प्रवचनं प्रतिवर्ष आयोज्यते आभूषणानां धान्यानां वस्त्राणां रायपुरे असंख्या: आपणाः सन्ति अत्र लौह उद्योगः प्रसद्धि हस्तशिल्पादा नगरस्य शोभां वर्धयन्ति
शब्दार्था: – नरेशेन = राजा के द्वारा, निर्मितं बने हुए, नाम्नः नाम का, अष्टकोणी आठ कोरों वाली, दर्शनीयाँ दर्शनीय हैं, नूतनं नया, विद्यन्ते हैं, घटिका घड़ी, चतुष्पथम् – चौक, आयोज्यते – मनाया जाता है, आपणा:- दुकानें, वर्धयन्ति बढ़ाती हैं।
अनुवाद-यहाँ राजनांदगांव राज्य के राजा महंत घासीदास द्वारा निर्मित प्राचीन अष्टकोणी (आठ कोरो वाली) भवन है। टाउन हाल सौ वर्ष से भी अधिक प्राचीन भवन है। उसी तरह राजकुमार कालेज, राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान (NIT) रायपुर में दर्शनीय है। यहाँ रविशंकर शुक्ल, विश्वविद्यालय और इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय है भी इस वर्ष स्थापित हुआ है। यहाँ एक संस्कृत महाविद्यालय है। जहाँ साहित्य, व्याकरण, दर्शन, वेद, ज्योतिष और कर्मकाण्ड विषय हैं। यहाँ छत्तीसगढ़ राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, शिक्षा महाविद्यालय व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान भी हैं।
घड़ी चौक (नगर घड़ी चौक) इस नगर का प्रसिद्ध स्थान है। नगर के विवेकानंद आश्रम में विवेकानंद जयंती समारोह में प्रतिवर्ष विशेष प्रवचन होते हैं। आभूषण, अनाज, वस्त्र आदि की असंख्य दुकानें इस नगर में हैं। यहाँ के लौह उद्योग प्रसिद्ध हैं। हस्त शिल्प कला आदि नगर की शोभा को बढ़ाती हैं।
खारुनद्याः तटे प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमायां मेलापक: आयोज्यते । इयं स्थली महादेव घाटे इति नाम्ना ख्याता । रायपुरवासिनाः उत्सव प्रियाः सन्ति । तत्र प्रतिवर्ष दुर्गोत्सवः, गणेशोत्सवः, ईदं:, क्रिसमसः इत्यादयः उत्सवाः सोत्साहं सौहार्दभावेन समायोज्यन्ते । अत्रस्थः महन्तः घासीदास संग्रहालय की प्रसिद्धः । अनेकानि क्रीडाकेन्द्राणि सन्ति। यथा सुभाष कीडा केन्द्र:, रविशंकर क्रीडा केन्द्र:, गॉस मेमोरियल इति क्रीड़ाङ्गणा नगरवासिना कीडाप्रेमं दर्शयति ।
नगरस्य व्यस्ततमः सर्वेषां प्रियं स्थानं हट्टः च गोल हट्ट अस्ति । बालकानां मनोरंजनाय नंदनकाननं अस्ति । यत्र अबालवृद्धा मनोरंजनार्धम् आगच्छन्ति ।
शब्दार्थाः -आयाज्यते आयोजन किया जाता है, स्थली स्थान, ख्याता प्रसिद्ध है, अत्रस्थ: यहाँ स्थित, दर्शयति = प्रदर्शित करता है, व्यस्तम: सबसे व्यस्त, हट्ट बाजार, यत्र जहाँ आबालवृद्धा बच्चे बड़े मनोरंजनार्थम् मनोरंजन के लिए।
अनुवाद-खारुन नदी के तट पर कार्तिक पूर्णिमा को प्रतिवर्ष मंडई का आयोजन किया जाता है। यह स्थान महादेवघाट के नाम से जाना जाता है (प्रसिद्ध है)। रायपुरवासी उत्सव प्रिय हैं। यहाँ. प्रतिवर्ष दुर्गोत्सव, गणेशोत्सव, ईद, क्रिसमस इत्यादि उत्सव उत्साहपूर्वक आयोजित किये जाते हैं। यहाँ स्थित मतदा संग्रहालय प्रसिद्ध है। कई क्रीड़ा केन्द्र भी हैं। जैसे- सुभाष स्टेडियम, रविशंकर स्टेडियम, गॉस मेमोरियल आदि क्रीडांगण, नगरवासियों के क्रीड़ा प्रेम को प्रदर्शित करते हैं।
नगर का व्यस्त, सबसे प्रिय स्थान व बाजार गोल बाजार है। बालकों के मनोरंजन के लिए नंदन वन है। जहाँ बच्चे बूढ़े सभी मनोरंजन के लिए आते हैं।