सजीवों में पोषण

सजीवों में पोषण: स्मरणीय तथ्य

  1. स्वपोषी – ऐसे पौधे जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं स्वपोषी कहलाते हैं।
  2. परपोषी – ऐसे पौधे जो अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते बल्कि भोजन के लिए अन्य पौधों या जोवों पर निर्भर रहते हैं, परपोषी कहलाते। हैं ।
  3. आंशिक परजीवी – ऐसे पौधों जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं परन्तु खनिज लवणों के लिए पोषक पौधों पर निर्भर करते हैं। आंशिक परजीवी कहलाते हैं।
  4. मृतोपजीवी – ऐसे जीव जो अपना भोजन सड़े-गले तथा मृत पदार्थों से प्राप्त करते हैं, मृतोपजीवी कहलाते हैं।
  5. पाचन- भोजन के साथ हम जो पोषक पदार्थ लेते हैं, उनमें से अधिकांश का उपयोग शरीर में सीधे नहीं हो सकता। अतः ऐसे पदार्थों में बदल दिया जाता है जिनका उपयोग शरीर कर सके। इस क्रिया को पाचन कहते हैं ।
  6. हरे पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल से अपना भोजन
  7. अधिकांश पौधे स्वपोषी जबकि सभी जन्तु परपोषी होते हैं। बनाते हैं।
  8. शरीर में भोजन लेने, उसके पाचन और शरीर द्वारा पचे हुये भोजन का उपयोग करने तथा अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने को पोषण कहते हैं।
  9. पाचन क्रिया में भोजन के जटिल यौगिकों को सरल अणुओं में बदल दिया जाता है।
  10. सरल अणुओं का अवशोषण छोटी आँत द्वारा होता है और यह रक्त द्वारा प्रत्येक कोशिका तक पहुँचा दिया जाता है।
  11. अमीबा जैसे एककोशिकीय जीवों में अंतःकोशिकीय पाचन होता है।
  12. मनुष्य में पाचन, पाचक अंगों तथा पाचक ग्रंथियों के आपस में मिल जुलकर कार्य करने से होता है।

पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर

अभ्यास के प्रश्न

प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  • 1. जैविक क्रियाओं को सम्पन्न करने के लिये ……………..की आवश्यकता होती है।
  • 2. पाचक ग्रंथियों में बने………द्वारा भोजन का पाचन किया जाता है।
  • 3. अमीबा में पावन …………..होता है।
  • 4. मनुष्य में पचे हुये भोजन का …………… द्वारा अवशोषण होता है।
  • 5. गाय के शरीर में सेलुलोस का पाचन ………….. में होता है.


उत्तर- 1. भोजन, 2 पाचक रस, 3. अंत: कोशिकोय, 4. छोटी अति, 5. रूमेन ।

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(1) स्वपोषी तथा परपोषी की पोषण विधि में क्या अन्तर है ?

उत्तर-स्वपोषी अपना भोजन स्वयं बनाते हैं जबकि परपोषी अपने भोजन के लिये अन्य पौधों तथा जन्तुओं पर निर्भर करते हैं।

(2) परजीवी, मृतोपजीवी, सहजीवी को उदाहरण द्वारा समझाइए ।
उत्तर- परजीवी ऐसे जीव जो अपना भोजन अन्य जीवों से प्राप्त करते हैं, परजीवी कहलाते हैं।उदाहरण- अमरबेल, जं, जॉक आदि।
मृतोपजीवी – ऐसे जीव जो सड़े-गले पदार्थों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं, मृतोपजीवी कहलाते हैं।। उदाहरण कवक तथा जीवाणु ।
सहजीवी – दो जीवों का ऐसा सम्बन्ध जिसमें दोनों एक दूसरे से लाभान्वित होते हैं अर्थात् दोनों एक दूसरे के लिए सहायक, होते हैं, सहजीवी कहलाते हैं। उदाहरण- मटर, चना इत्यादि पौधों की जड़ों में पाये जाने वाले जीवाणु ।

(3) अमीबा तथा हाइड्रा किन अंगों द्वारा भोजन ग्रहण करते हैं ?

उत्तर- अमीबा कूटपाद तथा हाडा स्पर्शकों के द्वारा भोजन ग्रहण करते हैं।

(5) मनुष्य में मंड के पाचन को समझाइए ।

उत्तर—कुछ पदार्थों को जैसे-रोटी, पोहा इत्यादि को खाने पर पहले इनका स्वाद अलग-अलग महसूस होता है परन्तु कुछ समय चबाने पर यह पदार्थ मीठा लगने लगता है। खाने पर जिन पदार्थों में मिठास होती है। उन सभी में मंड अर्थात् स्टार्च उपस्थित रहता है। पहले यह मुखगुहा से होता हुआ ग्रसनी द्वारा ग्रासनली से होता हुआ आमाशय तक पहुँचता है। आमाशाय तथा आंत एवं पाचक ग्रंथियों से निकलने वाले पाचक रस भोजन में मिल जाते हैं। और मंड के शेष भाग को पाचन करने में सहायता करते हैं। इस प्रकार भोजन के जटिल यौगिकों को सरल अणुओं में बदल दिया जाता है। छोटी आँत द्वारा इसका अवशोषण होता है तथा बचा पदार्थ शरीर से अपशिष्ट पदार्थ के रूप में बाहर निकाल दिया जाता है।

(6) घास खाने वाले जन्तुओं में पाचन को समझाइए ।

उत्तर- घास खाने वाले जन्तु घास चरते समय घास को जल्दी- जल्दी निगलकर आमाशय के एक भाग में भंडारित कर लेते हैं। यह भाग रूमेन कहलाता है। रूमेन में भोजन का आंशिक पाचन होता है जिसे जुगाल या कड कहते हैं। इसी जुगाल को घास खाने वाले ये जन्तु छोटे-छोटे पिंडकों के रूप में पुनः मुख में लाते हैं तथा चबाते रहते हैं। इस प्रक्रिया को जुगाली करना (रोमन्थन) कहते हैं। घास में एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट जिसे सेलुलोज कहते हैं अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है।