संघ पोरीफेरा (Phylum Porifera)

संघ पोरीफेरा (Phylum Porifera):

संघ पोरीफेरा जन्तु-जगत का एक महत्वपूर्ण और प्राचीन हिस्सा है, जिसमें प्रमुख रूप से स्पंज (Sponge) जन्तु आते हैं। ये जल में रहने वाले बहुकोशिकीय जीव होते हैं, जिनकी शरीर संरचना साधारण और विशिष्ट होती है। आइए जानते हैं इसके मुख्य बिंदुओं को:

1. परिभाषा और नामकरण:

  • पोरीफेरा नाम लैटिन शब्द “Pore” (छिद्र) और “Fera” (धारण करना) से लिया गया है, जिसका अर्थ है “छिद्रों को धारण करनेवाले जन्तु।”
  • इस संघ को सबसे पहले आर. ई. ग्रांट (R. E. Grant, 1825) ने पहचाना और वर्गीकृत किया।
  • इन जन्तुओं को सामान्यतः स्पंज के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इनकी शरीर संरचना में बहुत से छिद्र होते हैं।

2. मुख्य विशेषताएँ:

शरीर संरचना:

  • इन जन्तुओं के शरीर में छोटे-छोटे छिद्र (Ostia) होते हैं, जिनसे पानी अंदर प्रवेश करता है, और एक बड़ा छिद्र (Osculum) होता है, जिसके माध्यम से पानी बाहर निकलता है।
  • इनकी संरचना में कैनाल सिस्टम (Canal System) पाया जाता है, जो पानी के प्रवाह को नियंत्रित करता है।
  • शरीर की बाहरी परत को पिनाकोडर्म (Pinacoderm) और आंतरिक परत को कॉलोनोडर्म (Choanoderm) कहते हैं।

ऊतक स्तर का संगठन:

  • इन जन्तुओं में ऊतक (Tissues) का आंशिक विकास हुआ है, लेकिन इनकी शारीरिक संरचना में अंगों का विकास नहीं होता।
  • इनकी संरचना कोशिका स्तर पर संगठनित होती है।

कोशिका स्तर पर पोषण:

  • पोरीफेरा में फ़िल्टर फीडिंग (Filter Feeding) के माध्यम से पोषण होता है, जिसमें पानी के साथ सूक्ष्म कणों को अवशोषित किया जाता है।

गुहा का उपयोग:

  • इनका शरीर एक केंद्रीय गुहा (Spongocoel) से भरा होता है, जिसमें पानी का प्रवाह होता है। यह गुहा पानी को शुद्ध करने का कार्य करता है।

पुनर्जनन क्षमता:

  • इन जन्तुओं में अद्भुत पुनर्जनन (Regeneration) की क्षमता होती है, जिससे ये अपने खोए हुए हिस्सों को फिर से बना सकते हैं।

प्रजनन:

  • पोरीफेरा लैंगिक (Sexual) और अलैंगिक (Asexual) दोनों प्रकार से प्रजनन करते हैं।
  • अलैंगिक प्रजनन कली (Budding) और जेमूल (Gemmule) निर्माण द्वारा होता है।
  • लैंगिक प्रजनन में अंडाणु और शुक्राणु का मेल होता है, जिससे नये स्पंज का जन्म होता है।

3. वर्गीकरण:

पोरीफेरा संघ को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया गया है:

  • कैलकेरिया (Calcarea):
    • इन जन्तुओं में कैल्शियम कार्बोनेट का कंकाल पाया जाता है।
    • उदाहरण: Sycon
  • डेमोस्पंजिया (Demospongiae):
    • इनका कंकाल सिलिका या स्पोंजिन फाइबर से बना होता है।
    • उदाहरण: Spongilla
  • हेक्सैक्टिनेलिडा (Hexactinellida):
    • इन जन्तुओं के कंकाल में सिलिका के 6-रेशीय सुई होती हैं।
    • उदाहरण: Euplectella

4. प्रमुख जन्तु (Examples):

  • साइकोन (Sycon):
    • ये छोटे और बेलनाकार संरचना वाले होते हैं।
  • स्पॉन्जिला (Spongilla):
    • ये ताजे पानी में पाए जाते हैं।
  • यूप्लेक्टेला (Euplectella):
    • इसे “वीनस फ्लावर बास्केट” कहा जाता है, जो समुद्री स्पंज का एक उदाहरण है।

निष्कर्ष:

पोरीफेरा एक विशिष्ट और सरल संरचना वाले जन्तु होते हैं, जिनका जीवन जलमग्न वातावरण में होता है। इनकी अनूठी संरचना और जीवविज्ञान के अध्ययन में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। यह संघ जीवन के प्रारंभिक रूपों को समझने में सहायक है, और इसके अध्ययन से हमें जीवन के विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।