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संघ पोरीफेरा के सामान्य लक्षण

संघ पोरीफेरा के सामान्य लक्षण

  1. आवास:
    • अधिकांश प्रजातियाँ समुद्री चट्टानों से संलग्न रहती हैं।
    • कुछ प्रजातियाँ मीठे पानी (तालाब, झील) में भी पाई जाती हैं, जैसे स्पांजिला (Spongilla)
  2. दैहिक संगठन:
    • बहुकोशिकीय होते हैं।
    • कोशिकीय स्तर का संगठन पाया जाता है।
    • इनमें ऊतक या अंग नहीं होते।
  3. संरचना:
    • इनका शरीर डिप्लोब्लास्टिक होता है, जो दो स्तरों (एक्टोडर्म और एण्डोडर्म) से बना होता है।
    • अधिकांश में अरीय सममिति (Radial symmetry) पाई जाती है, लेकिन कुछ असममित (Asymmetrical) भी होते हैं।
  4. शरीर संरचना:
    • शरीर में असंख्य छोटे छिद्र (ऑस्टिया) होते हैं, जिनसे जल प्रवेश करता है।
    • अग्र भाग पर एक बड़ा छिद्र (ऑस्कुलम) होता है, जिससे जल बाहर निकलता है।
    • शरीर के अंदर एक बड़ी गुहा (स्पंजगुहा) होती है।
  5. नाल प्रणाली (Canal System):
    • नलिकाओं का जाल स्पंजगुहा को बाहरी वातावरण से जोड़ता है।
    • इन नलिकाओं की आंतरिक सतह पर कोएनोसाइट्स (Choanocytes) होती हैं, जिनमें कशाभिका (Flagella) लगी होती है।
    • इनकी गतिविधि से जल का प्रवाह बनाए रखा जाता है।
  6. कंकाल:
    • कंकाल कैल्शियम कार्बोनेट (Calcareous) या सिलिका (Silicious) से बने कंटिकाओं (Spicules) का हो सकता है।
    • कुछ में प्रोटीनयुक्त स्पंजिन तंतु (Spongin fibres) का कंकाल होता है।
  7. प्रजनन:
    • अलैंगिक प्रजनन: कलिकायन (Budding) द्वारा।
    • लैंगिक प्रजनन: नर (शुक्राणु) और मादा (अण्डाणु) युग्मकों द्वारा।
    • अधिकतर स्पंज उभयलिंगी (Bisexual) होते हैं।
  8. विशेषता:
    • इनकी शारीरिक संरचना और छिद्रित प्रकृति के कारण इन्हें स्पंज (Sponge) कहा जाता है।