संघ – निडारिया या सीलेन्ट्रेटा (Phylum – Nidaria or Coelenterata)

संघ निडारिया, जिसे सीलेन्ट्रेटा भी कहा जाता है, समुद्री और ताजे पानी में पाए जाने वाले जन्तुओं का समूह है। ये जन्तु विशेष रूप से डंक मारने वाली कोशिकाएँ (Cnidocytes) की उपस्थिति के लिए प्रसिद्ध हैं, जो शिकार करने और सुरक्षा के लिए सहायक होती हैं।

1. परिभाषा और सामान्य जानकारी:

  • निडारिया संघ में 9,500 से अधिक ज्ञात प्रजातियाँ शामिल हैं।
  • इन जन्तुओं में डंक मारने वाली कोशिकाएँ (Cnidocytes) पाई जाती हैं, जिनमें नेमैटोसिस्ट (Nematocysts) होते हैं, जो शिकार को पकड़ने और सुरक्षा के लिए उपयोगी होते हैं।

2. मुख्य विशेषताएँ (General Characters):

शरीर संरचना:

  • द्विस्तरीय (Diploblastic): इन जन्तुओं का शरीर दो परतों (एक्टोडर्म और एंडोडर्म) से बना होता है।
  • रेडियल सममिति (Radial Symmetry): शरीर का भाग केंद्रीय अक्ष के चारों ओर समान रूप से व्यवस्थित होता है।
  • इनका शरीर दो रूपों में पाया जाता है:
    • पॉलीप (Polyp): जैसे हाइड्रा, जो स्थिर रहते हैं और नीचे की सतह पर जुड़े रहते हैं।
    • मेडुसा (Medusa): जैसे जेलिफ़िश, जो स्वतंत्र रूप से तैरते हैं।

परतों की संरचना:

  • बाहरी परत (Ectoderm) और आंतरिक परत (Endoderm) होते हैं, जो शरीर की संरचना और कार्यों को नियंत्रित करते हैं।

गुहा:

  • इन जन्तुओं के शरीर में गैस्ट्रोवास्कुलर गुहा (Gastrovascular Cavity) होती है, जो पोषण, पाचन और उत्सर्जन में सहायक होती है।

अंग:

  • डंक मारने वाली कोशिकाएँ (Cnidocytes) इनकी प्रमुख विशेषता होती हैं, जिनके अंदर नेमैटोसिस्ट (Nematocysts) रहते हैं, जो शिकार को पकड़ने और रक्षा में मदद करते हैं।

पोषण और पाचन:

  • ये जन्तु मांसाहारी (Carnivorous) होते हैं और भोजन को गैस्ट्रोवास्कुलर गुहा में पचाते हैं।

तंत्रिका तंत्र:

  • इन जन्तुओं में आद्य तंत्रिका तंत्र (Primitive Nervous System) होता है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों को संचालित करने का कार्य करता है।

प्रजनन:

  • ये जन्तु लैंगिक (Sexual) और अलैंगिक (Asexual) दोनों प्रकार से प्रजनन करते हैं।
  • इनकी प्रजनन प्रक्रिया में प्लानुला लार्वा (Planula Larva) का विकास होता है, जो नये जन्तुओं का निर्माण करता है।

3. वर्गीकरण:

निडारिया संघ को तीन प्रमुख वर्गों में बांटा गया है:

  • हाइड्रोजोआ (Hydrozoa):
    • जैसे हाइड्रा (Hydra), जो ताजे पानी में पाया जाता है।
  • स्काइफोजोआ (Scyphozoa):
    • जैसे जेलिफ़िश (Jellyfish), जो समुद्र में तैरते हुए पाए जाते हैं।
  • एन्थोजोआ (Anthozoa):
    • जैसे समुद्री ऐनीमोन (Sea Anemone), जो समुद्र की सतह पर स्थित होते हैं।

4. महत्वपूर्ण निडारिया जन्तु (Examples):

  • अरेली (Aurelia):
    • इसे सामान्यतः जेलिफ़िश (Jellyfish) कहा जाता है।
    • यह समुद्री वातावरण में पाया जाता है और इसका शरीर पारदर्शी होता है। यह तैरते हुए शिकार करता है और अपनी डंक मारने वाली कोशिकाओं द्वारा शिकार को पकड़ता है।

निष्कर्ष:

संघ निडारिया के जन्तु विशेष रूप से अपनी डंक मारने वाली कोशिकाओं और गैस्ट्रोवास्कुलर गुहा के लिए जाने जाते हैं। ये समुद्र और ताजे पानी दोनों स्थानों पर पाए जाते हैं और इनकी संरचना एवं कार्यों का अध्ययन जीवविज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इनकी शरीर संरचना और जीवन चक्र जैविक विकास की समझ में सहायक है।