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जन्तु-जगत के प्रमुख लक्षण:
1. कोशिकीय संरचना
- सभी जन्तु यूकैरियोटिक और बहुकोशिकीय होते हैं।
- कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है।
- शरीर विभिन्न कोशिकाओं और ऊतकों से बना होता है।
2. पोषण
- सभी जन्तु विषमपोषी (Heterotrophic) होते हैं।
- भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं।
3. गतिशीलता
- अधिकांश जन्तु जीवन के किसी चरण में गतिशील होते हैं।
4. प्रजनन
- लैंगिक (Sexual) और अलैंगिक (Asexual) दोनों प्रकार के प्रजनन पाए जाते हैं।
विकास और विविधता
- जन्तु-जगत का विकास समुद्री जल में प्रारंभ हुआ।
- प्रोटोजोआ को इस जगत का प्रारंभिक रूप माना जाता है, जो एककोशिकीय होते हैं।
- इसके बाद मेटाजोआ का विकास हुआ, जो बहुकोशिकीय जन्तु हैं।
- कुछ जीव (जैसे इकाइनोडर्मेटा) समुद्री जीवन में बने रहे, जबकि अन्य स्थलीय वातावरण में अनुकूलित हो गए।
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