Tag Class 11 Biology

कक्षा 11 वीं विषय जीव विज्ञान अर्धवार्षिक परीक्षा 2024 का मॉडल आंसर

यहाँ सभी प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं: — प्रश्न 1: डोमेन किसे कहते हैं?उत्तर:डोमेन जीवों के वर्गीकरण का सबसे उच्च स्तर है। यह तीन प्रकार का होता है: 1. आर्किया (Archaea) 2. बैक्टीरिया (Bacteria) 3. यूकैरिया (Eukarya) — प्रश्न…

संघ सीलेन्ट्रेटा के सामान्य लक्षण (General Characters)

संघ सीलेन्ट्रेटा (Coelenterata), जिसे निडेरिया (Nidaria) भी कहा जाता है, में ऐसे आद्य बहुकोशिकीय जीव शामिल हैं जो स्पंजों से अधिक विकसित होते हैं। इन जीवों के शरीर में सीलेन्ट्रॉन नामक एक केंद्रीय गुहा होती है, जो भोजन के पाचन…

जन्तु-जगत (Animalia) से परिचय

यह जानकारी जीव विज्ञान की नींव को समझने के लिए बहुत उपयोगी है और छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। जन्तु-जगत (Animalia) से परिचय व्हीटेकर की पाँच-जगत प्रणाली: 1973 में व्हीटेकर द्वारा प्रस्तावित इस प्रणाली में जन्तु-जगत को…

श्वसन संबंधी विकार या अनियमितताएँ

श्वसन संबंधी विकार या अनियमितताएँ (Respiratory Disorders or Irregularities) श्वसन के माध्यम से हम ऑक्सीजन की प्राप्ति के लिए वायुमंडलीय वायु को अंतर्ग्रहित करते हैं। वायु के साथ अनेक प्रकार के रोगाणु या रोगकारक पदार्थ भी श्वसन अंगों में प्रवेश…

मानव शरीर में गैसों के संचरण (Transport of Gases)

मानव शरीर में गैसों के संचरण (Transport of Gases) के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाता है। इसमें ऑक्सीजन (O₂) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) के फेफड़ों से ऊतकों तक और ऊतकों से फेफड़ों तक के परिवहन की प्रक्रिया का वर्णन…

पुष्पों में नर तथा मादा जन संरचनाएँ

निषेचन पूर्व रचनाएँ एवं घटनाएँ (Pre-Fertilization Structures and Events) पौधों में निषेचन पूर्व की घटनाएँ उन प्रक्रियाओं को दर्शाती हैं जो प्रजनन के लिए आवश्यक संरचनाओं के निर्माण और उनके कार्य में योगदान करती हैं। यह घटनाएँ मुख्यतः निम्नलिखित चरणों…

वर्गिकीय अध्ययन के उपकरण या साधन

वर्गिकीय अध्ययन के उपकरण या साधन (Tools for Taxonomic Studies) वर्गिकी के अध्ययन में जीवों की पहचान, वर्गीकरण, और नामकरण के लिए विभिन्न तकनीक, प्रक्रियाएं, और उपकरण आवश्यक होते हैं। ये उपकरण वर्गिकी प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सूचना…

नेत्र के विकार

मनुष्य के नेत्र की विशालन क्षमता 0-1 मि. मी. होती है। यह औसतन लगभग 300 से. मी. से 600 से. मी. (20 फुट) तक की वस्तुओं को सुस्पष्ट रूप से देख सकता है। लेकिन यह सामान्य गुण कभी-कभी नेत्र में…

कर्ण की क्रियाविधि

कर्ण की कार्य विधि (Working of the Ear) कर्ण (Ear) का मुख्य कार्य ध्वनि सुनना और शरीर का संतुलन बनाए रखना है। यह प्रक्रिया तीन भागों – बाह्य कर्ण, मध्य कर्ण और आंतरिक कर्ण के समन्वय से होती है। इसे…

श्रावणों संतुलन संवेदांग कर्ण

श्रावणों-संतुलन संवेदांग: कर्ण (STATO-ACOUSTIC ORGAN: EAR) ध्वनि उद्दीपन ग्रहण करने और शरीर का संतुलन बनाए रखने वाले अंग को श्रवणेन्द्रिय या कर्ण कहते हैं। स्तनधारियों में कर्ण दोनों कार्यों को संपादित करता है, इसलिए इसे श्रवणों-संतुलन संवेदांग (Statoacoustic organ) कहा…