सूक्तयः खण्ड कक्षा छठवीं विषय संस्कृत पाठ 19 (अ)
1. अति सर्वत्र वर्जयेत्।
अर्थ- अधिकता सब जगह त्यागने योग्य है।
2. अल्पविद्यो महागर्वः ।
अर्थ- • कम विद्या वाले ही बहुत घमण्ड करते हैं।
3. यथा बीज तथा निष्यत्तिः ।
अर्थ- जैसा बीज वैसा फल
4. सर्वः सर्व न जानाति।
अर्थ- सभी सब कुछ नहीं जानते।
5. धर्मस्य मूलम् अर्थः ।
अर्थ- धन धर्म का मूल है
6. मौनं सर्वार्थ साधनम् ।
अर्थ- मौन सबका साधन है।
7. श्रद्धावान लभते ज्ञानम् ।
अर्थ- श्रद्धावान ज्ञान प्राप्त करता है।
8. लोभस्य पापस्य कारणम्।
अर्थ-लाल पाप का कारण है।
9. विनाशकाले विपरीत बुद्धिः।
अर्थ- विनाश के समय बुद्धि विपरीत हो जाती है।
10. हिंत मनोहारि च दुर्लभं वचः।
अर्थ- हितकारी एवं मन को भाने वाले वचन दुर्लभ होते हैं।