तंत्रिका तंतुओं की विशेषता

तंत्रिका और तंत्रिका तंतुओं की संरचना और विशेषताएँ


तंत्रिका (Nerve):

तंत्रिका एक जटिल संरचना है, जो तंत्रिका तंतुओं (Nerve fibres) से बनी होती है। इसमें बाहरी और आंतरिक आवरण संरचनाएँ पाई जाती हैं:

  1. एपिन्यूरियम (Epineurium):
    • पूरी तंत्रिका को ढकने वाला बाहरी आवरण।
    • तंत्रिका को संरचना और सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. पेरिन्यूरियम (Perineurium):
    • तंत्रिका के भीतर के पूलों (Bundles) को ढकने वाला आवरण।
    • प्रत्येक पूल में कई तंत्रिका तंतु होते हैं।
  3. एण्डोन्यूरियम (Endoneurium):
    • हर तंत्रिका तंतु के चारों ओर उपस्थित आवरण।
    • यह तंतुओं को अलग-अलग रखता है और उनकी सुरक्षा करता है।

तंत्रिकाओं का गठन:

  • तंत्रिकाएँ कई न्यूरॉन्स के समूह से मिलकर बनी होती हैं।
  • मेरुरज्जु (Spinal Cord) से निकलने वाली तंत्रिकाएँ नर्व ट्रंक (Nerve Trunk) कहलाती हैं।
  • तंत्रिका तंतु संवेदी और प्रेरक दोनों कार्यों में सहायक होते हैं।

तंत्रिका तंतुओं की विशेषताएँ:

1. उत्तेजनशीलता और चालकता (Excitability and Conductivity):

  • तंत्रिका तंतु किसी भी उद्दीपन (जैसे यांत्रिक, तापीय, रासायनिक, या विद्युतीय) से उत्तेजित हो सकते हैं।
  • तंत्रिका आवेग (Nerve Impulse) को 140 मीटर प्रति सेकंड की गति से संचरित करते हैं।

2. सभी या कुछ भी नहीं नियम (All or None Law):

  • यदि उद्दीपन का बल न्यूनतम देहली मान (Threshold Value) तक पहुँचता है, तो तंत्रिका तंतु पूरी प्रतिक्रिया देता है।
  • यदि उद्दीपन देहली मान से कम हो, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं होती।

3. दुर्जेय अवधि (Refractory Period):

  • जब तंत्रिका उत्तेजित हो जाती है, तो वह थोड़ी देर के लिए किसी भी अन्य उद्दीपन का उत्तर नहीं देती।
  • यह समयावधि पुनर्भुवण (Repolarization) तक चलती है।

4. थकानहीनता (Indifatigability):

  • तंत्रिका तंतु लंबे समय तक सक्रिय रहने पर भी थकते नहीं हैं।
  • यह उन्हें सतत कार्य करने योग्य बनाता है।

निष्कर्ष:

तंत्रिकाएँ जटिल संरचनाएँ हैं, जो विभिन्न आवरणों से सुरक्षित और सुव्यवस्थित रहती हैं। इनकी विशेषताएँ जैसे उत्तेजनशीलता, सभी या कुछ भी नहीं नियम, और थकानहीनता तंत्रिका तंत्र को कुशलतापूर्वक कार्य करने में सक्षम बनाती हैं।