पेड़ की बात – कक्षा 6 हिंदी मल्हार

पाठ में आये कठिन शब्दों के अर्थ
  1. महीना-दर-महीना – महीने के बाद महीना, लगातार कई महीने
  2. वसंत – ऋतुओं में एक, जिसे बसंत भी कहते हैं (फरवरी-मार्च)
  3. शिशु – छोटा बच्चा
  4. आहिस्ता-आहिस्ता – धीरे-धीरे
  5. दरकना – फटना, टूटना, हल्का सा खुलना
  6. सुकोमल – नाजुक
  7. अंकुर – बीज से निकलने वाला नया पौधा, नन्हा पौधा
  8. अंश – भाग, हिस्सा
  9. भेदना – छेद करना, पार करना
  10. आश्चर्य – हैरानी
  11. नई दुनिया – यहाँ इसका अर्थ है नया वातावरण, प्रकृति की नई झलक
  12. माटी – मिट्टी, धरती
  13. जड़ – पौधे का वह भाग जो मिट्टी के अंदर रहता है
  14. तना – पौधे का वह भाग जो ऊपर की ओर बढ़ता है
  15. औंधा – उल्टा, सिर के बल रखा हुआ
  16. लटकाना – ऊपर से टांग देना, झूलने देना
  17. परीक्षण – जाँच, परखने की प्रक्रिया
  18. भेद – रहस्य, जानकारी
  19. बोना – बीज या पौधा जमीन में रोपना
  20. कठोर – सख्त, मजबूत
  21. नन्हें – छोटे
  22. द्रव्य – तरल पदार्थ
  23. रस-पान – पौधों द्वारा मिट्टी से पोषक तत्व ग्रहण करना
  24. सोखना – अवशोषित करना, अंदर लेना
  25. सूक्ष्मदर्शी – बहुत छोटे पदार्थों को देखने का यंत्र
  26. स्पष्ट – साफ़, स्पष्ट रूप से दिखने वाला
  27. संचार – प्रवाह, गति, फैलाव
  28. गलना – घुलना, पिघलना
  29. यंत्र – उपकरण, मशीन
  30. पोषक तत्व – आवश्यक आहार
  31. नलिकाएँ – पतली ट्यूब जैसी आकृति जिनमें से पौधों में जल व पोषण प्रवाहित होते हैं
  32. आहार – भोजन, पोषण
  33. विषाक्त – ज़हरीला, हानिकारक
  34. अंगारक वायु – कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
  35. सेवन – ग्रहण करना, लेना
  36. नष्‍ट – समाप्त, ख़त्म
  37. विधाता – भगवान, सृष्टिकर्ता
  38. करुणा – दया
  39. चमत्कार – अद्भुत घटना
  40. निःशेष करना – पूरी तरह से समाप्त करना
  41. संवर्द्धन – विकास, वृद्धि
  42. सर्वाधिक – सबसे अधिक
  43. होड़ – प्रतिस्पर्धा, प्रतियोगिता
  44. सचेष्ट – प्रयासरत, प्रयत्नशील
  45. बेल-लताएँ – लताओं वाली वनस्पति, जो सहारे से बढ़ती है
  46. अग्रसर होना – आगे बढ़ना
  47. मूलमंत्र – आधारभूत सिद्धांत, मूल नियम
  48. सूर्य-किरण – सूरज की रोशनी
  49. स्पर्श – छूना, संपर्क
  50. पल्लवित – हरा-भरा होना, विकसित होना
  51. रेशे-रेशे – तंतु, बहुत छोटे-छोटे भाग
  52. आबद्ध – बंधा हुआ, समाहित
  53. ईंधन – जलने वाली सामग्री, जैसे लकड़ी, कोयला
  54. प्रकट – प्रकट होना, दिखना
  55. ऊर्जा – शक्ति, बल
  56. हथियाना – प्राप्त करना, लेना
  57. पशु-डाँगर – पालतू पशु
  58. निर्वाह – जीवनयापन, गुज़ारा
  59. समाहित – शामिल, संग्रहित
  60. जंतु – जीव, प्राणी
  61. खुराक – भोजन, पोषण
  62. व्यग्र – चिंतित, अधीर
  63. संतान – बच्चा
  64. सार-सँभाल – देखभाल, पालन-पोषण
  65. आच्छादित – ढका हुआ, आवृत
  66. पंखुड़ियाँ – फूल की छोटी-छोटी पत्तियाँ
  67. मटमैली – हल्की गंदी, धूल-धूसरित
  68. अपरूप उपादान – साधारण सामग्री, अजीब तत्व
  69. स्पर्शमणि – पारस पत्थर, छूने से मूल्यवान बनाने वाला रत्न
  70. स्नेह न्‍योछावर – प्रेम अर्पित करना, पूरी तरह प्यार देना
  71. खिलखिलाना – प्रसन्न होना, हँसना
  72. ममता – मातृस्नेह, माँ का प्यार
  73. अंगारक – विषाक्त वायु, दूषित हवा
  74. पारस पत्थर – वह पत्थर जो लोहे को सोना बना दे (कहावत के अनुसार)
  75. प्रफुल्लित – आनंदित, खुश
  76. निमंत्रित – बुलाना, आमंत्रित करना
  77. बंधन-बांधव – रिश्तेदार, मित्र
  78. स्नेहसिक्‍त – प्रेम से भरी हुई
  79. पुकारना – बुलाना
  80. रंग-बिरंगे – अलग-अलग रंगों वाले
  81. निशान – पहचान, चिह्न
  82. पंखुड़ियाँ – फूल की रंगीन पत्तियाँ
  83. चिरकाल – बहुत लंबे समय से, अनादि काल से
  84. घनिष्‍ठता – गहरी मित्रता, घनिष्ठ संबंध
  85. दल-बल सहित – अपने समूह के साथ
  86. पतंगे – रात में उड़ने वाले छोटे-छोटे कीट
  87. सुगंध – खुशबू, महक
  88. घिरना – फैल जाना, आ जाना
  89. शहद – मधुमक्खियों द्वारा संचित मीठा रस
  90. संचय – एकत्र करना, संग्रह
  91. मधुपान – शहद या मधु पीना
  92. आगमन – आना, उपस्थित होना
  93. उपकार – भला, सहायता
  94. पराग-कण – फूलों में पाया जाने वाला महीन पीला चूर्ण
  95. पोषण – पालन-पोषण, वृद्धि करना
  96. मोह-माया – सांसारिक लालसा
  97. लोभ – लालच
  98. तिल-तिल – धीरे-धीरे
  99. लुटा देना – सब कुछ समर्पित कर देना
  100. क्षीण – कमजोर, नष्ट
  101. क्रीड़ा – खेल, मस्ती
  102. आघात – चोट, झटका
  103. थर-थर काँपना – बहुत ज्यादा डर या कंपन होना
  104. अकस्मात – अचानक
  105. जड़ सहित – पूरे रूप में, पूरी जड़ समेत
  106. न्योछावर – बलिदान करना, समर्पित करना