काव्य हेतु पर महत्वपूर्ण 40 वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर सहित | Hindi Pedagogy / Literature Notes

काव्य हेतु (Causes of Poetry) के 40 महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर सहित दिए गए हैं। ये प्रश्न CGTET, REET, NTA NET, TGT/PGT हिंदी, UPTET और अन्य शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के लिए उपयोगी हैं।

काव्य हेतु से तात्पर्य काव्य की उत्पत्ति का कारण है। बाबू गुलाबराय के अनुसार ‘हेतु’ का अभिप्राय उन साधनों सेे है, जो कवि की काव्य रचना में सहायक होते है। काव्य हेतु पर सर्वप्रथम् ‘अग्निपुराण ‘ में विचार किया गया है।
काव्य हेतु पर विभिन्न आचार्यो के मत इस प्रकार है-

Table of Contents

🪶 काव्य हेतु (Causes of Poetry / काव्य के साधन)

काव्य सृजन के मूल कारण या साधन वे तत्व हैं जिनसे कवि में रचना की प्रेरणा, शक्ति और कौशल विकसित होता है।

काव्य हेतु प्रमुखतः तीन माने गए हैं —
1️⃣ प्रतिभा (Genius / Inspiration)
2️⃣ व्युत्पत्ति (Scholarship / Knowledge)
3️⃣ अभ्यास (Practice / Rehearsal)


🌟 1. प्रतिभा (Genius / Inspiration)

📘 आचार्य भामह का मत

  • काव्य रचना प्रतिभा पर निर्भर है।
  • मंद बुद्धि व्यक्ति शास्त्रज्ञ हो सकता है पर कवि नहीं।
  • छः साधन आवश्यक:
    1. शब्द
    2. छन्द
    3. अभिधानाय
    4. इतिहास कथा
    5. लोक कथा
    6. युक्ति और कला
  • ग्रंथ: काव्यालंकार
  • श्लोक: “गुरुदेशादध्येतुं शास्त्रं जङ्धिममोऽप्यलम् ।
    काव्यं तु जापते जातु कस्यचित् प्रतिभावतः ॥”

📘 आचार्य दण्डी का मत

  • तीन हेतु:
    1. नैसर्गिक प्रतिभा
    2. विवेकयुक्त शास्त्रज्ञान
    3. सतत अभ्यास
  • निर्मल शास्त्रज्ञान + नैसर्गिक प्रतिभा + अभ्यास = काव्य संपदा
  • श्लोक: “नेसर्गिकी च प्रतिभा, श्रुतं च बहु निर्मलम्।
    आनंदाश्चयाभियोगोऽस्याः कारणं काव्यसंपदा॥”

📘 आचार्य वामन का मत

  • रीति को काव्य की आत्मा माना।
  • कहा — “कवित्वबीजं प्रतिभानं कवित्वस्य बीजम्।”
  • विचार में व्युत्पत्ति और अभ्यास महत्वपूर्ण, पर प्रतिभा ही कवित्व की आत्मा।
  • ग्रंथ: काव्यालंकार सूक्त वृत्ति

📘 आचार्य रुद्रट का मत

  • तीन हेतु:
    1. शक्ति (प्रतिभा)
    2. व्युत्पत्ति
    3. अभ्यास
  • शक्ति = मन की एकाग्रता जिससे काव्य रचना स्वतः होती है।
  • प्रतिभा के दो प्रकार:
    1. सहजा (जन्मजात)
    2. उत्पाद्या (साधना से प्राप्त)
  • ग्रंथ: काव्यालंकार

📘 आनंदवर्धन (ध्वनिकार) का मत

  • प्रतिभा को काव्य का सबसे आवश्यक हेतु माना।
  • चित्त की एकाग्रता व अवधान आवश्यक।
  • बिना चित्त अवधान के काव्य सृजन संभव नहीं।
  • प्रवर्तक: ध्वनि सम्प्रदाय

📘 राजशेखर का मत

  • आठ हेतु:
    1. स्वास्थ्य
    2. प्रतिभा
    3. अभ्यास
    4. भक्ति
    5. वृत्त कथा
    6. बहुज्ञता (निपुणता)
    7. स्मृति
    8. दृढ़ता व अनुराग
  • प्रतिभा दो रूपों में:
    • कवयित्री (कवि में निहित)
    • भावयित्री (पाठक में निहित)
  • ग्रंथ: काव्यमीमांसा

📘 मम्मट का मत

  • तीन हेतु:
    1. शक्ति (प्रतिभा)
    2. लोकशास्त्र-अन्वेषण (व्युत्पत्ति/ज्ञान)
    3. अभ्यास
  • प्रतिभा = शक्ति = काव्य का बीज (संस्कार विशेष)।
  • श्लोक: “शक्तिनिपुणता लोकशास्त्र काव्याध्यवेक्षणात्।
    काव्यज्ञशिक्षयाभ्यास इति हेतुस्तदुद्भवः॥”
  • ग्रंथ: काव्यप्रकाश

📘 पंडित जगन्नाथ का मत

  • काव्य का एकमात्र हेतु = प्रतिभा
  • प्रतिभा कई रूपों में घटित:
    • सहज जन्मजात
    • देवकृपा से
    • व्युत्पत्ति व अभ्यास से
  • ग्रंथ: रसगंगाधर

📘 हेमचन्द्र का मत

  • प्रतिभा = काव्य का हेतु
  • परिभाषा: “प्रतिभा अस्य हेतुः प्रतिभा नवन्वोन्मेषशालिनी।”
  • ग्रंथ: शब्दानुशासन

📘 आचार्य कुंतक का मत (वक्रोक्ति सम्प्रदाय)

  • प्रतिभा = वह शक्ति जो शब्द और अर्थ में अपूर्व सौंदर्य रचती है।

📘 महिम भट्ट का मत

  • प्रतिभा = काव्य का तृतीय नेत्र
  • इससे भावों का साक्षात्कार संभव।

📘 डॉ. नगेन्द्र का मत

  • प्रतिभा = असाधारण कोटि की मेधा
  • नीरस वातावरण को नहीं सह पाती।
  • काव्य का बीज, ईश्वर प्रदत्त शक्ति।

🧠 2. व्युत्पत्ति (Scholarship / Knowledge)

आचार्यमत / परिभाषा
राजशेखरव्युत्पत्ति = उचित-अनुचित का विवेक (“उचितानुचित विवेकौ व्युत्पत्तिः”)
वामनविद्या परिज्ञान = व्युत्पत्ति
रुद्रटछंद, व्याकरण, कला, लोकस्थिति का ज्ञान = व्युत्पत्ति
मम्मटव्युत्पत्ति = निपुणता
प्रकार(1) शास्त्रीय व्युत्पत्ति – शास्त्रों से
(2) लौकिक व्युत्पत्ति – लोकव्यवहार से
लाभशास्त्रीय व्युत्पत्ति से सौंदर्य व व्यवस्था
लौकिक व्युत्पत्ति से विषय की सटीक प्रस्तुति

🪔 3. अभ्यास (Practice)

आचार्यमत / उद्धरण
वामन“अभ्यासो ही कर्मसु कौशलं भावयति।”
दण्डीप्रतिभा व व्युत्पत्ति के बिना काव्य नहीं, पर अभ्यास से पूर्णता संभव।
लोक कहावत“करत-करत अभ्यास नित, जड़मति हो सुजान।”
महत्वअभ्यास से काव्य में निखार आता है, कवि में कुशलता विकसित होती है।
भिखारी दास“सक्ति कवित्त बनाइबे की, जिन जन्म नक्षत्र में दीनी विधाता।” (प्रतिभा जन्मजात मानी)

📚 अन्य आचार्य व विचारक

नाममत
आचार्य श्रीपतिग्रंथ काव्यसरोज में काव्य हेतु की चर्चा।
अरस्तु (Aristotle)कवि की प्रतिभा जन्मजात मानी।
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदीप्रतिभा को कवि के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।

✳️ निष्कर्ष (Summary Facts)

तत्वसारांश
प्रतिभाईश्वर प्रदत्त, जन्मजात या अभ्यास से विकसित शक्ति, काव्य का बीज।
व्युत्पत्तिशास्त्रीय व लौकिक ज्ञान, उचित-अनुचित विवेक।
अभ्यासनिरंतर साधना से कवि में निपुणता व कौशल।
मुख्य आचार्यभामह, दण्डी, वामन, रुद्रट, आनंदवर्धन, राजशेखर, मम्मट, जगन्नाथ, हेमचन्द्र, कुंतक, महिम भट्ट।

🪶 सारणी : आचार्य और उनके काव्य-हेतु मत

क्रमआचार्यप्रमुख ग्रंथकाव्य हेतु / मतविशेष तथ्य
1आचार्य भामहकाव्यालंकारप्रतिभा (मुख्य), 6 साधन – शब्द, छंद, अभिधान, इतिहास कथा, लोककथा, युक्ति-कलामंदबुद्धि व्यक्ति शास्त्रज्ञ बन सकता, पर कवि नहीं
2आचार्य दण्डीकाव्यादर्शनैसर्गिक प्रतिभा + विवेकयुक्त शास्त्रज्ञान + अभ्यासनिर्मल शास्त्रज्ञान, प्रतिभा व अभ्यास से काव्य संपदा
3आचार्य वामनकाव्यालंकार सूक्त वृत्तिरीति = काव्य की आत्मा; कवित्व बीज = प्रतिभा“कवित्वबीजं प्रतिभानं कवित्वस्य बीजम्”
4आचार्य रुद्रटकाव्यालंकारशक्ति (प्रतिभा), व्युत्पत्ति, अभ्यासप्रतिभा दो प्रकार – (1) सहज (2) उत्पाद्या
5आचार्य आनंदवर्धनध्वन्यालोकप्रतिभा = काव्य हेतु; चित्त की एकाग्रता आवश्यकध्वनि सम्प्रदाय के प्रवर्तक
6राजशेखरकाव्यमीमांसा8 हेतु – स्वास्थ्य, प्रतिभा, अभ्यास, भक्ति, वृत्तकथा, बहुज्ञता, स्मृति, अनुरागप्रतिभा के दो रूप – कवयित्री (कवि) व भावयित्री (पाठक)
7आचार्य मम्मटकाव्यप्रकाशशक्ति (प्रतिभा), लोकशास्त्र अन्वेषण (व्युत्पत्ति), अभ्यासप्रतिभा = शक्ति = काव्य का बीज
8पंडित जगन्नाथरसगंगाधरएकमात्र हेतु – प्रतिभाप्रतिभा जन्मजात, देवकृपा या अभ्यास से प्राप्त
9हेमचन्द्रशब्दानुशासनप्रतिभा = काव्य हेतु“प्रतिभा अस्य हेतुः प्रतिभा नवन्वोन्मेषशालिनी”
10आचार्य कुंतकवक्रोक्तिजीवितम्प्रतिभा = सौन्दर्य सृजन शक्तिवक्रोक्ति सम्प्रदाय प्रवर्तक
11महिम भट्टव्यक्ति विवेकप्रतिभा = तृतीय नेत्रभाव-साक्षात्कार की शक्ति
12डॉ. नगेन्द्रप्रतिभा = असाधारण मेधाईश्वर प्रदत्त शक्ति, काव्य का बीज
13भिखारी दासशक्ति (प्रतिभा) जन्मजात“सक्ति कवित्त बनाइबे की…”
14आचार्य श्रीपतिकाव्य सरोजकाव्य हेतु का वर्णनभारतीय परम्परा में काव्य हेतु विचार
15अरस्तु (Aristotle)Poeticsकवि की प्रतिभा जन्मजातपश्चिमी विचार समान
16हजारी प्रसाद द्विवेदीकवि हेतु में प्रतिभा सर्वोच्चआधुनिक दृष्टिकोण

📗 व्युत्पत्ति व अभ्यास संबंधी सारांश

विषयपरिभाषा / मतआचार्य
व्युत्पत्तिउचित-अनुचित का विवेकराजशेखर
विद्या-परिज्ञानवामन
छंद, व्याकरण, कला, लोक स्थिति ज्ञानरुद्रट
निपुणतामम्मट
अभ्यासअभ्यास से कौशलवामन
बिना अभ्यास प्रतिभा व्यर्थदण्डी
निरंतर अभ्यास से निखारलोक मत / भिखारी दास

🎯 महत्वपूर्ण MCQs (सभी प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)

🟩 प्रतिभा सम्बन्धी प्रश्न

1️⃣ काव्य रचना के लिए “प्रतिभा” को अनिवार्य किसने माना?
आचार्य भामह

2️⃣ “कवित्वबीजं प्रतिभानं कवित्वस्य बीजम्” किस आचार्य का कथन है?
आचार्य वामन

3️⃣ किसने प्रतिभा को दो प्रकार (सहजा, उत्पाद्या) में बाँटा?
आचार्य रुद्रट

4️⃣ किस आचार्य ने काव्य हेतु में “चित्त की एकाग्रता” को जोड़ा?
आनंदवर्धन

5️⃣ किस आचार्य ने प्रतिभा के दो रूप (कवयित्री, भावयित्री) बताए?
राजशेखर

6️⃣ “शक्तिः कवित्वबीजरूपः संस्कारविशेषः” किसका मत है?
आचार्य मम्मट

7️⃣ किसने कहा – “प्रतिभा अस्य हेतुः प्रतिभा नवन्वोन्मेषशालिनी”?
हेमचन्द्र

8️⃣ “प्रतिभा काव्य का तृतीय नेत्र है” – यह मत किसका है?
महिम भट्ट

9️⃣ किसने कहा – “सक्ति कवित्त बनाइबे की, जिन जन्म नक्षत्र में दीनी विधाता”?
भिखारी दास

10️⃣ प्रतिभा को “ईश्वर प्रदत्त शक्ति” किस आधुनिक आलोचक ने कहा?
डॉ. नगेन्द्र


🟦 व्युत्पत्ति सम्बन्धी प्रश्न

1️⃣ “उचितानुचित विवेकौ व्युत्पत्तिः” किसका मत है?
राजशेखर

2️⃣ “विद्या परिज्ञानं व्युत्पत्तिः” किसका कथन है?
आचार्य वामन

3️⃣ व्युत्पत्ति को “निपुणता” किसने कहा है?
आचार्य मम्मट

4️⃣ छंद, व्याकरण, लोकस्थिति का ज्ञान व्युत्पत्ति है – किसका मत?
आचार्य रुद्रट


🟧 अभ्यास सम्बन्धी प्रश्न

1️⃣ “अभ्यासो ही कर्मसु कौशलं भावयति” किसका मत?
आचार्य वामन

2️⃣ “करत करत अभ्यास नित, जड़मति हो सुजान” का तात्पर्य?
अभ्यास से कुशलता आती है

3️⃣ “अभ्यास के बिना प्रतिभा व्यर्थ है” – यह किस आचार्य का विचार?
आचार्य दण्डी


🟥 समग्र काव्य हेतु सम्बन्धी प्रश्न

1️⃣ काव्य के तीन हेतु – शक्ति, व्युत्पत्ति, अभ्यास – किसके अनुसार?
आचार्य मम्मट

2️⃣ काव्य के आठ हेतु किस आचार्य ने माने?
राजशेखर

3️⃣ “काव्य का एकमात्र हेतु प्रतिभा है” किसका मत है?
पंडित जगन्नाथ

4️⃣ “काव्य रचना केवल प्रतिभावान का कार्य है” – किस आचार्य ने कहा?
भामह

5️⃣ “ध्वनि सम्प्रदाय” के प्रवर्तक कौन हैं?
आनंदवर्धन


🌿 Summary Quote Line (One-Line Revision)

अवधारणासूत्र वाक्य
भामहप्रतिभा – काव्य हेतु
दण्डीप्रतिभा + ज्ञान + अभ्यास
वामनकवित्व बीज = प्रतिभा
रुद्रटशक्ति + व्युत्पत्ति + अभ्यास
आनंदवर्धनचित्त अवधान आवश्यक
राजशेखर8 हेतु + द्विविध प्रतिभा
मम्मटशक्ति, लोकशास्त्र, अभ्यास
जगन्नाथएकमात्र हेतु – प्रतिभा
हेमचन्द्रप्रतिभा नवन्वोन्मेषशालिनी
कुंतकसौन्दर्य सृजन शक्ति
महिम भट्टप्रतिभा = तृतीय नेत्र

🟩 A. प्रतिभा सम्बन्धी प्रश्न (Genius / Inspiration)

1️⃣ काव्य रचना केवल प्रतिभावान व्यक्ति का कार्य है — यह मत किसका है?
(A) दण्डी (B) भामह (C) वामन (D) मम्मट
🟢 उत्तर: (B) भामह

2️⃣ “गुरुदेशादध्येतुं शास्त्रं जङ्धिममोऽप्यलम्” किस ग्रंथ से है?
(A) काव्यालंकार (B) काव्यादर्श (C) काव्यप्रकाश (D) रसगंगाधर
🟢 उत्तर: (A) काव्यालंकार

3️⃣ भामह के अनुसार काव्य के छः साधन कौन से हैं?
(A) शब्द, छंद, अर्थ, रस, रीति, ध्वनि
(B) शब्द, छंद, अभिधान, इतिहासकथा, लोककथा, युक्ति-कला
(C) प्रतिभा, अभ्यास, व्युत्पत्ति, रस, रीति, ध्वनि
(D) केवल प्रतिभा
🟢 उत्तर: (B)

4️⃣ “नेसर्गिकी च प्रतिभा श्रुतं च बहु निर्मलम्” किसने कहा?
(A) वामन (B) दण्डी (C) मम्मट (D) भामह
🟢 उत्तर: (B) दण्डी

5️⃣ दण्डी के अनुसार काव्य के तीन हेतु कौन से हैं?
(A) प्रतिभा, अभ्यास, व्युत्पत्ति
(B) प्रतिभा, शास्त्रज्ञान, अभ्यास
(C) रस, रीति, ध्वनि
(D) शक्ति, व्युत्पत्ति, संस्कार
🟢 उत्तर: (B)

6️⃣ “कवित्वबीजं प्रतिभानं कवित्वस्य बीजम्” – यह कथन किसका है?
(A) वामन (B) रुद्रट (C) मम्मट (D) हेमचन्द्र
🟢 उत्तर: (A) वामन

7️⃣ “रीति” को काव्य की आत्मा किसने कहा?
(A) वामन (B) दण्डी (C) भामह (D) मम्मट
🟢 उत्तर: (A) वामन

8️⃣ “प्रतिभा” को “शक्ति” के समानार्थी माना — यह मत किसका है?
(A) मम्मट (B) रुद्रट (C) जगन्नाथ (D) हेमचन्द्र
🟢 उत्तर: (B) रुद्रट

9️⃣ रुद्रट के अनुसार प्रतिभा के प्रकार हैं—
(A) दो (B) तीन (C) चार (D) पाँच
🟢 उत्तर: (A) दो (सहजा, उत्पाद्या)

10️⃣ “ध्वनि सम्प्रदाय” के प्रवर्तक कौन हैं?
(A) भामह (B) दण्डी (C) आनंदवर्धन (D) मम्मट
🟢 उत्तर: (C) आनंदवर्धन


🟦 B. राजशेखर और मम्मट सम्बन्धी प्रश्न

11️⃣ राजशेखर ने काव्य हेतु कितने माने हैं?
(A) तीन (B) पाँच (C) छह (D) आठ
🟢 उत्तर: (D) आठ

12️⃣ राजशेखर के अनुसार प्रतिभा के दो रूप हैं—
(A) लौकिक और शास्त्रीय (B) कवयित्री और भावयित्री (C) सहज और उत्पाद्या (D) प्रकट और अप्रकट
🟢 उत्तर: (B)

13️⃣ मम्मट ने काव्य हेतु कौन से माने हैं?
(A) प्रतिभा, व्युत्पत्ति, अभ्यास
(B) शक्ति, लोकशास्त्र अन्वेषण, अभ्यास
(C) रीति, रस, ध्वनि
(D) संस्कार, युक्ति, कला
🟢 उत्तर: (B)

14️⃣ “शक्तिः कवित्वबीजरूपः संस्कारविशेषः” – यह कथन किसका है?
(A) मम्मट (B) भामह (C) दण्डी (D) वामन
🟢 उत्तर: (A)

15️⃣ “काव्य का बीज संस्कार है” – यह किसका विचार है?
(A) रुद्रट (B) मम्मट (C) जगन्नाथ (D) हेमचन्द्र
🟢 उत्तर: (B)

16️⃣ “काव्य का एकमात्र हेतु प्रतिभा है” – यह किसका मत है?
(A) भामह (B) दण्डी (C) पंडित जगन्नाथ (D) वामन
🟢 उत्तर: (C) पंडित जगन्नाथ

17️⃣ “प्रतिभा अनेक रूपों में घटित होती है” – किसने कहा?
(A) मम्मट (B) जगन्नाथ (C) वामन (D) भामह
🟢 उत्तर: (B)

18️⃣ “प्रतिभा अस्य हेतुः प्रतिभा नवन्वोन्मेषशालिनी” – यह किस ग्रंथ से लिया गया है?
(A) काव्यप्रकाश (B) शब्दानुशासन (C) रसगंगाधर (D) काव्यमीमांसा
🟢 उत्तर: (B) शब्दानुशासन (हेमचन्द्र)


🟧 C. व्युत्पत्ति सम्बन्धी प्रश्न

19️⃣ व्युत्पत्ति का अर्थ है—
(A) उचित-अनुचित का विवेक (B) अभ्यास (C) भावनात्मक शक्ति (D) रस
🟢 उत्तर: (A)

20️⃣ “उचितानुचित विवेकौ व्युत्पत्तिः” – यह किसका कथन है?
(A) मम्मट (B) वामन (C) राजशेखर (D) दण्डी
🟢 उत्तर: (C)

21️⃣ व्युत्पत्ति को ‘निपुणता’ किसने कहा?
(A) मम्मट (B) भामह (C) वामन (D) दण्डी
🟢 उत्तर: (A)

22️⃣ छंद, व्याकरण, कला, लोकस्थिति का ज्ञान – व्युत्पत्ति किसने मानी?
(A) रुद्रट (B) वामन (C) भामह (D) मम्मट
🟢 उत्तर: (A)

23️⃣ “विद्या परिज्ञानं व्युत्पत्तिः” किसका मत है?
(A) रुद्रट (B) वामन (C) मम्मट (D) दण्डी
🟢 उत्तर: (B)

24️⃣ व्युत्पत्ति कितने प्रकार की मानी गई है?
(A) एक (B) दो (C) तीन (D) चार
🟢 उत्तर: (B) दो — शास्त्रीय व लौकिक


🟨 D. अभ्यास सम्बन्धी प्रश्न

25️⃣ “अभ्यासो ही कर्मसु कौशलं भावयति” किसका मत है?
(A) वामन (B) दण्डी (C) रुद्रट (D) मम्मट
🟢 उत्तर: (A)

26️⃣ “करत करत अभ्यास नित, जड़मति हो सुजान” का भावार्थ है—
(A) अभ्यास व्यर्थ है (B) अभ्यास से कुशलता आती है (C) अभ्यास थकावट लाता है (D) अभ्यास से भूल होती है
🟢 उत्तर: (B)

27️⃣ दण्डी के अनुसार काव्य में अभ्यास का स्थान—
(A) नगण्य (B) अनिवार्य (C) गौण (D) निषिद्ध
🟢 उत्तर: (B)

28️⃣ “अभ्यास से काव्य में निखार आता है” – किसने माना?
(A) भामह (B) वामन (C) राजशेखर (D) दण्डी
🟢 उत्तर: (D)


🟥 E. अन्य विचारक / समन्वित प्रश्न

29️⃣ प्रतिभा को “काव्य का तृतीय नेत्र” किसने कहा?
(A) महिम भट्ट (B) वामन (C) दण्डी (D) मम्मट
🟢 उत्तर: (A)

30️⃣ प्रतिभा को “शब्द और अर्थ में अपूर्व सौन्दर्य की सृष्टि करने वाली शक्ति” किसने कहा?
(A) कुंतक (B) रुद्रट (C) मम्मट (D) भामह
🟢 उत्तर: (A) कुंतक

31️⃣ “ध्वनि सम्प्रदाय” के प्रवर्तक कौन हैं?
(A) वामन (B) भामह (C) आनंदवर्धन (D) दण्डी
🟢 उत्तर: (C)

32️⃣ “रीति को काव्य की आत्मा” मानने वाले आचार्य हैं—
(A) भामह (B) वामन (C) रुद्रट (D) दण्डी
🟢 उत्तर: (B)

33️⃣ “प्रतिभा असाधारण कोटि की मेधा है” – यह मत किसका है?
(A) डॉ. नगेन्द्र (B) जगन्नाथ (C) मम्मट (D) रुद्रट
🟢 उत्तर: (A)

34️⃣ “सक्ति कवित्त बनाइबे की, जिन जन्म नक्षत्र में दीनी विधाता” – किसका कथन है?
(A) मम्मट (B) भिखारी दास (C) दण्डी (D) कुंतक
🟢 उत्तर: (B)

35️⃣ “प्रतिभा काव्य का बीज है” – यह मत किसका है?
(A) मम्मट (B) भामह (C) हेमचन्द्र (D) दण्डी
🟢 उत्तर: (A)

36️⃣ काव्य हेतु में “संस्कार” की भूमिका किसने बताई?
(A) मम्मट (B) जगन्नाथ (C) वामन (D) रुद्रट
🟢 उत्तर: (A)

37️⃣ “काव्य रचना हेतु प्रतिभा जन्मजात है” – किसने कहा?
(A) अरस्तु (B) दण्डी (C) वामन (D) भामह
🟢 उत्तर: (A)

38️⃣ आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार कवि के लिए क्या आवश्यक है?
(A) विद्या (B) प्रतिभा (C) अभ्यास (D) व्युत्पत्ति
🟢 उत्तर: (B)

39️⃣ “काव्य हेतु का विचार काव्यसरोज में मिलता है” – यह ग्रंथ किसका है?
(A) श्रीपति (B) हेमचन्द्र (C) वामन (D) भामह
🟢 उत्तर: (A)

40️⃣ “प्रतिभा नवन्वोन्मेषशालिनी” में ‘नवन्वोन्मेषशालिनी’ का अर्थ है—
(A) नई-नई सृष्टि करने वाली (B) नकल करने वाली (C) स्मृति जागृत करने वाली (D) भावहीन
🟢 उत्तर: (A)