छात्र इस पोस्ट के माध्यम से पर्यावरण कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान (भूगोल) की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आइये फिर प्रश्न उत्तर नीचे देखते हैं।
- प्राकृतिक व मानवीय पदार्थों से मिलकर पर्यावरण बनता है।
- प्राकृतिक पर्यावरण को परिवर्तित मनुष्य कर रहा है।
- स्थलमंडल से खनिजों की प्राप्ति होती है।
- पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल अपने चारों ओर के वायुमंडल को थामे रखता है।
- प्राकृतिक एवं मानवीय पर्यावरण के बीच सही संतुलन होना आवश्यक है।
महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्द
- पर्यावरण किसी भी जीवित प्राणी के चारों ओर पाये जाने वाले लोग, स्थान, वस्तुएँ और प्रकृति को पर्यावरण कहते हैं।
- स्थलमंडल – पृथ्वी की ठोस पर्पटी या कठोर ऊपरी परत स्थलमंडल है।
- जलमंडल- पृथ्वी पर जल के क्षेत्र को जलमंडल कहते हैं।
- वायुमंडल- पृथ्वी के चारों ओर फैली वायु की पतली परत को वायुमंडल कहते हैं।
- वस्तु विनिमय पद्धति अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए वस्तुओं का आदान-प्रदान वस्तु विनिमय पद्धति कहलाता है। यह पद्धति प्राचीन काल में अपनाई गई थी।
विषय : सामाजिक विज्ञान (भूगोल – हमारा पर्यावरण)
पाठ्यपुस्तक:- हमारा पर्यावरण
आओ कुछ करके सीखें:-
प्रश्न 1 – अपने आस – पास के स्थल को देखिए और आपके पड़ोस में भूमि का उपयोग किस – किस प्रकार हो रहा है, उसकी सूची बनाइए।
उत्तर :- हमारे पड़ोस में भूमि का उपयोग निम्नलिखित तरीको से किया जाता है, जैसे :- खेतीबाड़ी करने के लिए, भूमि पर वृक्ष एवं फूल उगाने के लिए, लेकिन हमारे पड़ोस में भूमि की ज़्यादातर जगह आवास स्थल ने ले ली है। इसके अलावा कहीं खाली भूमि पर बच्चे खेलते भी है साथ में कई सारे कार्यक्रम भी करते है।
प्रश्न 2 – अपने घर एवं स्कूल में आप जो पानी उपयोग करते हैं वह कहाँ से आता है। हमारे दैनिक जीवन में पानी के विभिन्न उपयोगों की सूची बनाएँ। क्या आपने किसी को पानी व्यर्थ करते देखा है। कैसे ?
उत्तर :- हमारे घर में पानी टूंटी या नलके से आता है, हमारे स्कूल में वाटर कूलर लगा हुआ है। हमारे दैनिक जीवन में पानी का उपयोग हम खाना बनाने के लिए, पीने के लिए, पेड़ – पौधों में ढालने के लिए, बर्तन साफ़ करने के लिए, नहाने के लिए किया जाता है। हां, कई बार मैंने ऐसे लोगों को देखा है जो पानी व्यर्थ करते है। जैसे लोग अगर पानी भरते है तो उसी समय किसी और काम में लग जाते है या बात करने में लग जाते है और पानी नीचे गिरता रहता है। कभी पानी बच जाए उसका किसी चीज़ में उपयोग करने की जगह उसको फैंक देते है। कोई ब्रश करते समय या कपड़े धोते समय नल खुला छोड़ देते है।
प्रश्न 3 – स्कूल जाते समय आसमान को देखो ध्यान दें कि दिन कैसा है : वर्षा हो रही है, आसमान में बादल है, तेज धूप है या कोहरा इत्यादि है।
उत्तर :- स्कूल जाते समय हमारा ध्यान कई बार आसमान की तरफ जाता है और हम देखते है कि उस समय कितनी धूप होती है। चारों तरफ लूँ पड़ रही होती है। कभी बारिश हो रही होती है और बच्चे बारिश में खेल रहे होते है।
प्रश्न 4 – कहानी के बच्चों की तरह आप भी अपने पर्यावरणीय स्थान का चित्र या फ़ोटो लाइए।
उत्तर:-
प्रश्न 5 – अपने पड़ोस के किसी बुजुर्ग व्यक्ति से बात करे और निम्न जानकारी प्राप्त करें ।
- जब वे आपकी उमर के थे तब उनके आस पास कैसे पेड़ थे?
- उस समय के घर के अंदर खेले जाने वाले खेल।
- उस समय उनका पसंदीदा फल।
- गर्मी व सर्दी का मौसम कैसे बिताते थे।
प्राप्त जानकारी को दीवार / बुलेटिन बोर्ड पर प्रदर्शित करें।
उत्तर:-
- जब वे हमारी उमर के थे उनके आस पास के पेड़ हरे- भरे होते थे, उन हरे- भरे पेड़ों पर आम, अमरुद, बेर इत्यादि फल होते थे।
- उस समय शतरंज, कैरम – बोर्ड, लुकम – छुपाई, लूडो खेलते थे।
- उनका पसंदीदा फल बेर और आम होते थे।
- गर्मी में वे पेड़ की छाया के नीचे बैठते और सर्दी में सब इकठ्ठे होकर और एक जगह आँच बालकर बाते करते हुए समय बिताते थे।
अभ्यास :- प्रश्न
प्रश्न 1 – निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
(क) पारितंत्र क्या है ?
उत्तर :- वह तंत्र जिसमें समस्त जीवधारी आपस में एक – दूसरे के साथ तथा पर्यावरण के उन भौतिक एवं रासायनिक कारकों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं जिसमें वे निवास करते है। ये सब ऊर्जा और पदार्थ के स्थानांतरण द्वारा संबद्ध हैं।
(ख) प्राकृतिक पर्यावरण से आप क्या समझते है ?
उत्तर :- वे सभी वस्तुएँ जो हमारी प्रकृति द्वारा उपलब्ध होती है अर्थात भूमि, जल, वायु, पेड़ – पौधे एवं जीव – जंतु सब मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते है। प्राकृतिक पर्यावरण से तात्पर्य यह है कि पृथ्वी पर जैविक और अजैविक कारको का विद्यमान होना।
(ग) पर्यावरण के प्रमुख घटक कौन – कौन से हैं ?
उत्तर:- पर्यावरण के प्रमुख घटक मानव, प्राकृतिक और मानव निर्मित है।
(घ) मानव – निर्मित पर्यावरण के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर :- मानव निर्मित पर्यावरण से तात्पर्य यह है कि जो मानव द्वारा बनाए गए हो जैसे:- पार्क, ईमारतें, सड़के, पुल, उद्योग, स्मारक आदि मानव द्वारा निर्मित पर्यावरण के उदाहरण है।
(च) स्थलमंडल क्या है ?
उत्तर :- पृथ्वी की ठोस पर्पटी या कठोर ऊपरी परत को स्थलमंडल कहते हैं। यह चट्टानों एवं खनिजों से बना होता है एवं मिट्टी की पतली परत से ढका होता है। यह पहाड़, पठार, मैदान, घाटी आदि जैसी विभिन्न स्थलाकृतियों वाला विषम धरातल होता है। ये स्थलाकृतियाँ महाद्वीपों के अलावा महासागर की सतह पर भी पाई जाती है। स्थलमंडल वह क्षेत्र है जो हमें वन, कृषि एवं मानव बस्तियों के लिए भूमि, पशुओं को चलने के लिए घास स्थल प्रदान करता है। यह खनिज संपदा का भी एक स्त्रोत है।
(छ) जीवीय पर्यावरण के दो प्रमुख घटक क्या हैं ?
उत्तर :- जीवीय पर्यावरण वो कहलाते है जिसमें संसार के सभी सजीव प्राणी आ जाते है जैसे :- पादप एवं जंतु अर्थात पेड़ – पौधे, पशु – पक्षी।
(ज) जैवमंडल क्या है ?
उत्तर :- पादप एवं जीव – जंतु मिलकर जैवमंडल और सजीव संसार का निर्माण करते है। यह पृथ्वी का वह संकीर्ण क्षेत्र है जहाँ स्थल, जल एवं वायु मिलकर जीवन को संभव बनाते है।
2. सही (√) उत्तर चिह्नित कीजिए :-
(i) इनमें से कौन – सा प्राकृतिक परितंत्र नहीं है ?
(क) मरूस्थल (ख) ताल (ग) वन
उत्तर:- (ख) ताल
(ख) इनमें से कौन – सा मानवीय पर्यावरण का घटक नहीं है ?
(क) स्थल (ख) धर्म (ग) समुदाय
उत्तर :- (क) स्थल
(ग) इनमें से कौन–सा मानव निर्मित पर्यावरण है ?
(क) पहाड़ (ख) समुन्द्र (ग) सड़क
उत्तर:- (ग) सड़क
(घ) इनमें से कौन – सा पर्यावरण के लिए खतरा है?
(क) पादप – वृद्धि (ख) जनसंख्या – वृद्धि (ग) फसल वृद्धि
उत्तर :- (ख) जनसंख्या वृद्धि
प्रश्न 3 – निम्नलिखित स्तम्भों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए :-
(क) जैवमंडल (i) पृथ्वी को घेरने वाली वायु की चादर
(ख) वायुमंडल (ii) जलीय क्षेत्र
(ग) जलमंडल (iii) पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल
(घ) पर्यावरण (iv) हमारे आस – पास के क्षेत्र
(v) वह संकीर्ण क्षेत्र जहाँ स्थल जल एवं वायु पारस्पारिक क्रिया करते है।
(vi) जीवों एवं उनके परिवेश के बीच संबंध
उत्तर:-
(क) जैवमंडल (v) वह संकीर्ण क्षेत्र जहाँ स्थल जल एवं वायु पारस्पारिक क्रिया करते है।
(ख) वायुमंडल (i) पृथ्वी को घेरने वाली वायु की चादर
(ग) जलमंडल (ii) जलीय क्षेत्र
(घ) पर्यावरण (iv) हमारे आस – पास के क्षेत्र
प्रश्न 4 – कारण बताइए:-
(क) मानव अपने पर्यावरण में परिवर्तन करता है।
उत्तर :- पर्यावरण हमारे जीवन का मूल आधार है। यह हमें साँस लेने के लिए हवा, पीने के लिए जल, खाने के लिए भोजन एवं रहने के लिए भूमि प्रदान करता है अर्थात मानव अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति पर्यावरण से करता है। कार का धुआँ वायु को प्रदूषित करता है, पानी को पात्र में एकत्रित किया जाता है, भोजन को बर्तनों में परोसा जाता है और भूमि पर कारखानों का निर्माण होता है। मानव कार, मिल, कारखानों एवं बर्तनों का निर्माण करता है, फलस्वरुप अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मानव अपने पर्यावरण में परिवर्तन करता है।
(ख) पौधे एवं जीव – जंतु एक – दूसरे पर आश्रित है।
उत्तर :- सभी प्रकार के जीव–जंतु भोजन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पेड़–पौधों पर आश्रित होते है। पेड़–पौधे ऑक्सीजन गैस छोड़ते हैं। यह जीव – जंतुओं के लिए जीवनदायिनी गैस है। ये पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं तथा जंगली जानवरों को आश्रय देते हैं। पशुओं का गोबर तथा मृत व सड़े–गले जानवर पेड़ों के विकास के लिए भूमि को आवश्यक पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं। जीवधारियों का आपसी एवं अपने आस–पास के पर्यावरण के बीच का संबंध ही पारितंत्र का निर्माण करते है।
प्रश्न 5 – क्रियाकलाप :-
एक आदर्श पर्यावरण की कल्पना कीजिए जिसमें आप रहना चाहेगे। अपने इस आदर्श पर्यावरण का चित्र बनाए।
उत्तर :- पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है, जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास अर्थात जो हमारे चारों ओर है, और ‘आवरण’ जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। आदर्श पर्यावरण में पेड़, झाड़ियाँ, बगीचा, नदी, झील, हवा इत्यादि शामिल हैं। सभी एक ऐसे आदर्श पर्यावरण की कल्पना करते है जिसमें चारों तरफ हरियाली हो किसी भी प्रकार से कोई जगह, हवा दूषित ना हो। यह हमें बढ़ने तथा विकसित होने का बेहतर माध्यम देता है, यह हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो इस ग्रह पर जीवन यापन करने हेतु आवश्यक है। हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे की हमारा लालन पालन हो, हमारा जीवन बने रहे और कभी नष्ट न हो। यह सब तभी मुमकिन है जब हमारा समाज अच्छे से साफ़ सफाई के साथ साथ पर्यावरण को दूषित होने से बचाए। वाहनों से निकलने वाला धुआँ, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुँआ, आणविक यंत्रों से निकलने वाली गैसें तथा धूल-कण, जंगलों में पेड़ पौधें के जलने से, कोयले के जलने से तथा तेल शोधन कारखानों आदि से निकलने वाला धुआँ तथा किसी भी कार्य के लिए पेड़ों को काट देना। यह सब बंद हो तभी हमारा पर्यावरण एक आदर्श पर्यावरण हो सकता है और हम इसी आदर्श पर्यावरण की कल्पना करते है, जहाँ चारों ओर शांति हो, वायु और पानी प्रदूषित ना हो।