तंत्रिकीय नियंत्रण एवं नियमन में भाग लेने वाले मुख्य घटक
तंत्रिकीय नियंत्रण और समन्वयन की प्रक्रिया शरीर के विभिन्न घटकों के आपसी तालमेल से संचालित होती है। इसके तीन मुख्य घटक निम्नलिखित हैं:
1. संवेदांग (Sense Organs):
- संवेदांग बाहरी या आंतरिक परिवर्तनों को महसूस करने और उन्हें मस्तिष्क या मेरुरज्जु तक पहुंचाने का कार्य करते हैं।
- ये उद्दीपनों (Stimuli) के प्रति संवेदनशील होते हैं और जानकारी को तंत्रिकाओं के माध्यम से संचारित करते हैं।
- उदाहरण:
- आँखें: दृष्टि (Vision) के लिए।
- नाक: गंध (Smell) के लिए।
- कान: श्रवण (Hearing) और संतुलन के लिए।
- त्वचा: स्पर्श, ताप, दबाव और दर्द के लिए।
- जीभ: स्वाद (Taste) के लिए।
2. संचार तंत्र (Transmission System):
- यह तंत्रिका तंत्र का नेटवर्क है, जो मस्तिष्क, मेरुरज्जु और शरीर के विभिन्न हिस्सों के बीच सूचना के आदान-प्रदान का माध्यम है।
- इसमें तंत्रिकाएँ (Nerves) शामिल होती हैं:
- संवेदी तंत्रिकाएँ (Sensory Nerves):
- उद्दीपनों को संवेदी अंगों से मस्तिष्क या मेरुरज्जु तक पहुंचाती हैं।
- प्रेरक तंत्रिकाएँ (Motor Nerves):
- मस्तिष्क या मेरुरज्जु के निर्देशों को कार्यात्मक अंगों (Effector Organs) तक पहुंचाती हैं।
- संवेदी तंत्रिकाएँ (Sensory Nerves):
3. कार्यान्वयक अंग (Effector Organs):
- ये वे अंग हैं, जो मस्तिष्क या मेरुरज्जु से प्राप्त निर्देशों के अनुसार प्रतिक्रिया करते हैं।
- ये प्रतिक्रिया शरीर की विभिन्न क्रियाओं को पूरा करती है।
- उदाहरण:
- मांसपेशियाँ (Muscles): मस्तिष्क से मिले संकेतों पर गति (Movement) उत्पन्न करती हैं।
- ग्रंथियाँ (Glands): रासायनिक संकेतों (Hormones) का स्राव करके शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करती हैं।
प्रक्रिया का क्रम:
- बाहरी या आंतरिक उद्दीपन का संवेदन ->
- संवेदांग द्वारा सूचना का ग्रहण ->
- संचार तंत्र द्वारा मस्तिष्क या मेरुरज्जु तक सूचना का संचरण ->
- मस्तिष्क/मेरुरज्जु द्वारा सूचना का विश्लेषण और प्रतिक्रिया का निर्माण ->
- कार्यान्वयक अंगों द्वारा प्रतिक्रिया का क्रियान्वयन।
निष्कर्ष:
तंत्रिकीय नियंत्रण और नियमन में संवेदांग, तंत्रिकाएँ और कार्यान्वयक अंग मिलकर एक प्रभावी तंत्र का निर्माण करते हैं। यह तंत्र शरीर के आंतरिक और बाहरी परिवर्तनों के प्रति सटीक और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है।