याद रखने योग्य महत्त्वपूर्ण बातें
- सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं के उपभोग के लिए हम जो राशि (शुल्क) देते हैं, उसे कर या टैक्स कहते हैं।
- सभी के उपयोग के लिए सरकार द्वारा निर्मित सुविधाएँ सार्वजनिक सुविधाएँ कहलाती हैं।
- सरकार की आय की प्राप्ति ‘कर’ से होती है।
- आय-व्यय के लेखा-जोखा को बजट कहा जाता है।
- करों के प्रकार- (1) वस्तुओं पर कर- (i) उत्पादन कर (ii) बिक्री कर (iii) सीमा शुल्क (2) आय व सम्पत्ति पर कर।
- वस्तुओं के बनाने पर लगा शुल्क उत्पादन शुल्क कहलाता है।
- वस्तुओं के विक्रय (खरीदने-बेचने) पर लगा शुल्क बिक्री कर है।
- M.R.P का अर्थ- अधिकतम खुदरा मूल्य है।
- वस्तुओं को विदेश भेजने पर लगा शुल्क सीमा शुल्क कहा जाता है।
- सरकार द्वारा निर्धारित आय से अधिक आय प्राप्त करने वालों से लिया जाने वाला शुल्क आयकर (Income Tax) कहा जाता है।
- जमीन व मकानों पर लगाया गया शुल्क सम्पत्ति कर कहा जाता है।
- सम्पत्ति कर स्थानीय निकायों (नगर पालिका, निगम) के द्वारा लिया जाता है।
- सरकार कर से प्राप्त राशि का उपयोग विकास के कार्यों में करती है।
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(1) सरकार को ……………से धन प्राप्त होता है।
(2) आय-व्यय का लेखा-जोखा ………… कहलाता है।
(3)……….और……… करों के प्रकार हैं।
(4) टैक्स लगने पर सामानों की कीमत………… जाती है।
उत्तर—(1) कर, (2) बजट, (3) प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, (4) बढ़
प्रश्न 2. प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रश्न (1) कर क्या है ? समझाइये।
उत्तर—सरकार द्वारा विभिन्न सुविधाओं के लिए जो शुल्क लिया जाता है, उसे टैक्स या कर कहते हैं।
प्रश्न (2) कर (टैक्स) क्यों लगाया जाता है ?
उत्तर—सरकार जिन साधनों को जनता के उपयोग के लिए उपलब्ध कराती है, उसके निर्माण में आए खर्च व भविष्य में रख- रखाव के लिए कर लगाती है। कर, सरकार की आय का मुख्य स्त्रोत है। कर से प्राप्त धन का उपयोग सरकार अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने तथा देश के विकास कार्यों में करती है। अत: कर लगाया जाना आवश्यक है।
प्रश्न 4. सरकार द्वारा कृषि के उत्पादन पर कर लगा देना उचित है या अनुचित ? अपने विचार लिखिए।
उत्तर- मेरी दृष्टि में सरकार द्वारा कृषि के उत्पादन पर कर लगाना सर्वथा अनुचित है, क्योंकि भारतीय कृषि अभी भी बहुत पिछड़ी हुई है। विकसित देशों की तुलना में हमारे यहाँ की कृषि पिछड़ी है, उत्पादन भी कम होता है। भारतीय किसान बहुत छोटे जोत वाले हैं उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है वे कर्ज लेकर कृषि करते हैं और ऐसी स्थिति में यदि उनसे उत्पाद न कर लिया जाय तो उनके लिए कृषि करना मुश्किल हो जायेगा।
प्रश्न 5. मूल्य संवर्धन को समझाइए ।
उत्तर- किसी भी वस्तु को उपभोक्ता तक पहुँचाने के लिए विभिन्न चरणों से गुजरना पड़ता है और प्रत्येक चरण में उस वस्तु के मूल्य में वृद्धि होती है। मूल्य में की गई यह वृद्धि मूल्य संवर्धन कहलाता है।
प्रश्न 6. जी. एस. . टी. को समझाइए ।
उत्तर—जी.एस.टी. (वस्तु एवं सेवा कर) – यह एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तु एवं सेवा दोनों पर लागू होता है। जिससे पूरे भारत में 1 जुलाई 2017 से एकसमान वस्तु एवं सेवा कर (जी. एस. टी.) व्यवस्था लागू हो गई है अर्थात् पूरे देश में किसी भी वस्तु की कीमत एक समान होगी। उनके करों में अंतर नहीं होगा।