याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
- नागरिकों के सर्वांगीण विकास के लिए संविधान द्वारा प्रदान किए गए अधिकार मौलिक अधिकार मूलभूत अधिकार कहलाते हैं।
- मौलिक अधिकार छ: हैं- (1) समानता का अधिकार (2) स्वतंत्रता का अधिकार (3) शोषण के विरुद्ध अधिकार (4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (5) शिक्षा व संस्कृति का अधिकार (6) मौलिक अधिकारों के हनन होने पर न्यायालय में जाने का अधिकार संवैधानिक उपचारों का अधिकार है।
- समानता का अर्थ विधि के समक्ष समानता, अवसर की समानता और सामाजिक समानता।”
- भारतीय संविधान में छुआछूत को कानूनी रूप से अपराध घोषित किया गया है।
- स्वतंत्रता के अंतर्गत बोलने, घूमने, रहने और काम करने की आजादी से है।
- काम के बदले मजदूरी और दबावपूर्वक काम न करा सकना शोषण के विरुद्ध अधिकार है। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से जोखिम भरा कार्य कराना अपराध है।
- धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत सभी को अपनी इच्छा के अनुसार धर्म को मानने की पूरी आजादी है।
- प्रत्येक नागरिक को अपनी भाषा, संस्कृति व लिपि के विकास का अधिकार है।
- मौलिक अधिकारों पर बाधा उत्पन्न होने पर हम सम्बन्धित व्यक्ति / संस्था के विरुद्ध न्यायालय की शरण ले सकते हैं।
- भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों के लिए दस कर्तव्य निर्धारित किया गया है।
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. सत्य / असत्य बताइये-
(1) किसी विशेष जाति या धर्म को मानने वाले को ही नौकरी मिलती है।
(2) देश के किसी भी क्षेत्र में व्यक्ति निवास कर सकता है।
(3) सार्वजनिक स्थलों का उपयोग हम समान रूप से कर सकते हैं।
(4) समूह के अधिकारों का उल्लंघन होने पर जनहित याचिका दायर की जा सकती है।
उत्तर- (1) असत्य, (2) सत्य, (3) सत्य, (4) सत्य।
प्रश्न 2. निम्नलिखित उदाहरणों को पढ़कर लिखिए कि इन व्यक्तियों के किन मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है-
(i) यदि किसी कारखाने में 12 वर्ष के बच्चों से कार्य कराया जाता है।
उत्तर – शोषण के विरुद्ध अधिकार ।
(ii) बिना कारण किसी को गिरफ्तार करना और हथकड़ी में बाँधकर ले जाना।
उत्तर- स्वतंत्रता का अधिकार।
(iii) एक जैसे कार्य के लिये महिला श्रमिक को पुरुष श्रमिक से कम मजदूरी दिया जाना।
उत्तर- समानता का अधिकार ।
(iv) शांतिपूर्वक जुलूस निकालने से रोकना ।
उत्तर- स्वतंत्रता का अधिकार ।
प्रश्न 3. प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) मौलिक अधिकार से आप क्या समझते हैं? लिखिए।
उत्तर- मौलिक अधिकार – देश के नागरिकों को सर्वांगीण विकास के लिए संविधान में अधिकारों का प्रावधान किया गया है, इन अधिकारों को मौलिक अधिकार अथवा मूलभूत अधिकार कहा जाता है। संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार निम्नलिखित हैं-
(1) समानता का अधिकार (2) स्वतंत्रता का अधिकार (3) शोषण के विरुद्ध अधिकार (4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (5) शिक्षा व संस्कृति का अधिकार (6) मौलिक अधिकारों का हनन होने पर न्यायालय में जाने का अधिकार ।
(2) हमें प्राप्त मौलिक अधिकारों किसी एक मौलिक अधिकार का वर्णन कीजिए। उत्तर- नोट- (मौलिक अधिकारों के नाम के लिए
स्वतंत्रता का अधिकार-संविधान द्वारा इस अधिकार के अंतर्गत भारतीय नागरिकों को प्राप्त अधिकार हैं-
1. भ्रमण की स्वतंत्रता- अपनी इच्छा के अनुरूप भारत के किसी भी क्षेत्र में भ्रमण करने का अधिकार प्रदान किया गया है।
2. रोजगार की स्वतंत्रता- प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा व योग्यता के अनुरूप कार्य के चुनाव का अधिकार है।
3. भाषण व सम्मेलन की स्वतंत्रता प्रत्येक को अपने विचार व्यक्त करने व सभा सम्मेलन आयोजित करने की छूट है।
4. निवास की स्वतंत्रता- प्रत्येक नागरिक को इस बात की स्वतंत्रता है कि भारत के किसी भी क्षेत्र में निवास कर सकता है। उपर्युक्त सभी अधिकारों के लिए कानून की बात है अर्थात् प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते समय हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि हमने किसी के अधिकारों का हनन अथवा किसी कानून का उल्लंघन तो नहीं किया है।.
(3) शिक्षा एवं संस्कृति के अधिकार से आप क्या समझते है?
उत्तर: – भारत विविधताओं का देश है। यहाँ अनेक जाति, धर्म और भाषा के लोग रहते हैं। सबको अपनी-अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज हैं। भारतीय संविधान इन सभी को उनकी संस्कृति भाषा और लिपि को संरक्षित करने का अधिकार प्रदान करता है। संविधान में यह प्रावधान किया गया है कि अल्पसंख्यकों को अपने धर्म और भाषा के आधार पर स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय आदि खोलने तथा संचालित करने की स्वतंत्रता है। इस प्रकार की सभी संस्थाओं को शासन द्वारा अनुदान भी प्रदान करने का प्रावधान है इसके लिए उन्हें शासन द्वारा निर्धारित मानदण्डों को पूरा किया जाना आवश्यक है।
(4) स्वतंत्रता के अधिकार को उदाहरण द्वारा समझाइये।
उत्तर—संविधान द्वारा नागरिकों के चतुर्दिक विकास के लिए मौलिक अधिकार प्रदान किये गए हैं। उन अधिकारों में स्वतंत्रत के अधिकार का विशेष महत्व है। इस अधिकार के अंतर्गत भाषण रोजगार, भ्रमण, सभा-सम्मेलन व आत्म रक्षा को शामिल किय गया है। प्रत्येक नागरिकों को ये सभी स्वतंत्रता प्रदान किये गये हैं। उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति अपने लिए रोजगार का चुनार करना चाहता है तो वह अपनी इच्छा और योग्यता के आधार प कोई भी काम शुरू कर सकता है। इसके लिए उसे किसी के दबार में आने की आवश्यकता नहीं है। यदि कोई उसे कार्य करने में रोकता है तो वह निकटतम थाना में इसकी सूचना कर सकता है अथवा न्यायालय में अपील कर सकता है। यहाँ यह ध्यान रख योग्य बात है कि व्यक्ति द्वारा चुना गया कार्य गैर कानूनी न हो
(5) किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन हो पर उसे क्या करना चाहिए ?
उत्तर – किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन हो पर उसे निम्नलिखित कदम उठाना चाहिए-
(1) पीडित व्यक्ति को निकट के पुलिस थाना में रिप (एफ. आई. आर.) लिखवाना चाहिए।
(2) संतुष्टिजनक कार्यवाही नहीं होने पर निकट के समक्ष न्यायालय में अपील करना चाहिए। यदि अधिकारों का हनन एक से अधिक व्यक्तियों का हो तो ऐसी स्थिति में भी एक हो आवेदन के द्वारा अपील किया जा सकता है। सभी को अलग-अलग अपील करने की आवश्यकता नहीं होती है।
(6) एक विद्यार्थी के रूप में आप किन-किन कर्तव्यों का पालन करेंगे ?
उत्तर- एक विद्यार्थी के रूप में हम निम्नलिखित कर्तव्यों का पालन करेंगे-
- संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें।
- स्वतंत्रता के लिये हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने
- वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें। भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और रखें। उसे अक्षुण्ण रखे .
- देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करें।
- भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं।
- हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझें और उसका परिरक्षण करें।
- प्राकृतिक पर्यावरण को जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करें और उसका संवर्धन करें तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखें।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें।
- सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें और हिंसा से दूर रहें।
- व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत् प्रयास करें जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को छू से 11.6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के अवसर अभिभावकों द्वारा प्रदान करना।
(7) 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कारखाने में काम करवाना किस अधिकार के अंतर्गत प्रतिबंधित है ?
उत्तर- 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कारखाने में काम करवाना शोषण के विरुद्ध अधिकार के अंतर्गत प्रतिबंधित है।
(8) मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य में क्या अंतर है ?
उत्तर: मौलिक अधिकार वे अधिकार होते हैं, जो व्यक्ति के जीवन के लिए मौलिक तथा अनिवार्य होने के कारण संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं लेकिन मौलिक कर्तव्य हमारे आस-पास रहने वाले लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारियाँ हैं, जो कर्तव्य हमें निभाने पड़ते हैं।