शैवालों के सामान्य लक्षण (General Characteristics of Algae):
- जलीय पादप (Aquatic Plants): शैवाल जल में पाई जाती हैं, और ये स्वच्छ जल (Freshwater) तथा समुद्री जल (Marine Water) दोनों में पाई जाती हैं।
- पादप काय सूकायवत् (Thalloid): शैवाल का पादप काय जड़, तना और पत्तियों में विभाजित नहीं होता। इसका शरीर एक सूकायवाला (Thallus) होता है, जो साधारणतः एकल कोशिका या एक समूह में होता है।
- पादप काय की संरचना (Structure of Thallus):
- एककोशिकीय: उदाहरण – क्लैमाइडोमोनास (Chlamydomonas)।
- मण्डलीय: उदाहरण – वॉलवॉक्स (Volvox)।
- बहुकोशिकीय अशाखित: उदाहरण – स्पाइरोगाइरा (Spirogyra), यूलोथिक्स (Ulothrix)।
- शाखित: उदाहरण – कारा (Chara), पॉलीसाइफोनिया (Polysiphonia), एक्टोकार्पस (Ectocarpus)।
- भोज्य पदार्थ का संग्रहण (Storage of Food): शैवाल में भोज्य पदार्थ स्टार्च के रूप में संगृहीत होता है।
- स्वयंपोषी (Autotrophic): शैवाल स्वयंपोषी होते हैं, यानी ये अपने भोजन का उत्पादन प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) द्वारा करते हैं।
- कोशिका भित्ति (Cell Wall): शैवाल की कोशिका भित्ति सेल्यूलोज (Cellulose) की बनी होती है।
- वर्णक (Pigments): शैवाल की कोशिकाओं में विभिन्न वर्णक पाए जाते हैं:
- क्लोरोफिल (Chlorophyll) – यह प्रकाश संश्लेषण के लिए मुख्य वर्णक है।
- जैन्बोफिल (Xanthophyll) – पीला वर्णक।
- कैरोटीन्स (Carotenes) – यह भी एक प्रकार का वर्णक होता है।
- फाइकोबिलीन्स (Phycobilins) – जो कुछ शैवालों में होते हैं और प्रकाश संश्लेषण में सहायक होते हैं।
- संवहनी ऊतक (Vascular Tissue): शैवाल में संवहनी ऊतकों (जाइलम और फ्लोयम) का अभाव होता है।
- प्रजनन विधियाँ (Reproduction Methods): शैवाल में प्रजनन कायिक (Vegetative), अलैंगिक (Asexual), और लैंगिक (Sexual) तीनों विधियों द्वारा होता है।
- प्रजननांग (Reproductive Organs): शैवाल के प्रजननांग एककोशिकीय होते हैं और इनके चारों ओर कोई आवरण नहीं पाया जाता। नर प्रजननांग को एन्बीरीडियम (Antheridium) और मादा प्रजननांग को ऊगोनियम (Oogonium) कहा जाता है।
- धूणीय अवस्था का अभाव (Absence of Dormant Stage): शैवालों में धूणीय अवस्था (Resting stage) नहीं पाई जाती है।
- पीढ़ी एकान्तरण (Alternation of Generations): शैवालों में पीढ़ी एकान्तरण पाया जाता है। इसका मुख्य पादप काय युग्मकोद्भिद (Gameto phytic) होता है और बीजाणुजनक अवस्था (Sporophytic phase) अल्पकालिक होती है, जो केवल जायगोट (Zygote) के रूप में होती है।
शैवालों की आकारिकी (Morphology of Algae):
शैवालों का आकार और संरचना बहुत विविध होती है। शैवालों की संरचना में भिन्नताएँ पाई जाती हैं। समस्त बहुकोशिकीय शैवालों की उत्पत्ति एककोशिकीय शैवालों से हुई। शैवालों के प्रकार और आकार की विविधता के आधार पर इन्हें विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाता है:
- अग्र प्रकार के शैवाल: ये शैवालों के समूह में विभिन्न आकार और संरचनाओं वाले प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें क्लैमाइडोमोनास, वॉलवॉक्स, स्पाइरोगाइरा, आदि शामिल हैं।
इनके जीवन चक्र, संरचना और विभिन्न प्रकार के प्रजनन कार्यों को समझने से शैवालों का अध्ययन पूरी तरह से समझ में आता है।