जगत एनीमेलिया

जगत एनीमेलिया (Kingdom Animalia) के मुख्य लक्षण:

जगत एनीमेलिया, जिसे सामान्यतः जन्तु जगत कहा जाता है, में जीवन के विभिन्न प्रकार के जीव आते हैं। इन जीवों के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:


  1. बहुकोशिकीय, विषमपोषी और यूकैरियोटिक कोशिका वाले जीव
    • ये जीव बहुकोशिकीय होते हैं और इनमें विषमपोषी (Heterotrophic) पोषण होता है। इन्हें मेटाजोअन्स (Metazoans) भी कहा जाता है।
    • इनकी कोशिकाएं यूकेरियोटिक होती हैं, यानी इनकी कोशिकाओं में एक स्पष्ट केन्द्रक (Nucleus) होता है।
  2. कोशिका भित्ति का अभाव
    • इन जीवों की कोशिकाओं में कोशिका भित्ति नहीं पायी जाती है, जो इन्हें अन्य जीवों (जैसे पौधों) से अलग करता है।
  3. गति और प्रचलन (Movement and Locomotion)
    • जन्तुओं में गति और प्रचलन की क्षमता होती है, जो उन्हें उनके पर्यावरण में सक्रिय रूप से घूमने और भोजन प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।
  4. अप्रकाश-संश्लेषी जीव (Non-photosynthetic)
    • जन्तुओं में लवक (Chloroplast) का अभाव होता है, और इसलिए ये जीव अप्रकाश-संश्लेषी (Non-photosynthetic) होते हैं। वे अपने भोजन को बाहरी स्रोतों से प्राप्त करते हैं।
  5. प्राणिसमभोजी पोषण (Holozoic Nutrition)
    • जन्तु ठोस पदार्थों को निगलकर अपना पोषण प्राप्त करते हैं। यह प्रक्रिया प्राणिसमभोजी पोषण (Holozoic nutrition) कहलाती है, जिसमें जठरांत्र (Gastrointestinal tract) में भोजन का पाचन और अवशोषण होता है।
  6. पारिस्थितिकी में उपभोक्ता (Consumers)
    • पारिस्थितिकी की दृष्टि से जन्तु उपभोक्ता (Consumers) होते हैं। वे पौधों या अन्य जानवरों को अपना भोजन बनाते हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र में उनका योगदान महत्वपूर्ण होता है।
  7. लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)
    • अधिकांश जन्तुओं में लैंगिक जनन पाया जाता है, जिसमें दो लिंगों से जनन कोशिकाएँ मिलकर एक नया जीवन उत्पन्न करती हैं। कुछ निम्न श्रेणी के जीवों में अलैंगिक जनन (Asexual reproduction) भी पाया जाता है।
  8. मांसपेशियों की उपस्थिति और संकुचन-विश्रान्ति क्षमता
    • जन्तुओं में मांसपेशियाँ होती हैं, जिनकी मदद से वे संकुचन और विश्रान्ति (Contraction and Relaxation) कर सकते हैं। यह गति और गतिविधि की क्षमता प्रदान करता है।
  9. परजीवी स्वभाव
    • कुछ जन्तु, जैसे टेपवर्म (Tapeworm) और राउण्डवर्म (Round Worm), परजीवी होते हैं और अन्य जीवों के शरीर में निवास करते हैं, उनसे पोषण प्राप्त करते हैं और कभी-कभी उन्हें नुकसान भी पहुँचाते हैं।

ये लक्षण जन्तुओं को एक विशेष श्रेणी में रखता है, जो उन्हें अन्य जीवों से भिन्न बनाते हैं। जन्तु जगत की विविधता और उसके अद्वितीय गुण पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्वपूर्ण स्थान को स्पष्ट करते हैं।

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